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ETV भारत की खबर का असर: एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य और अधीक्षक आउट - अंतागढ़ एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य और अधीक्षक पर कार्रवाई

Antagarh Eklavya Vidyalaya news: कांकेर के अंतागढ़ एकलव्य विद्यालय के नाराज छात्रों की खबर ETV भारत पर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद आदिवासी विकास शाखा ने कार्रवाई की है. स्कूल के प्राचार्य व अधीक्षक को हटा दिया गया है.

Action on principal and superintendent of Antagarh Eklavya Vidyalaya
कांकेर में ईटीवी भारत की खबर का असर
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Published : Jul 5, 2022, 8:57 AM IST

Updated : Jul 5, 2022, 9:54 AM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में ETV भारत की खबर का असर हुआ है. अंतागढ़ एकलव्य विद्यालय लामकन्हार के लापरवाह प्राचार्य व अधीक्षक को विभाग ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. उन्हें उनके मूल स्थान भेज दिया गया है. तीन दिन पहले स्कूल के छात्रों ने दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. सौ किलोमीटर का सफर कर एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय के छात्र शिकायत लेकर कांकेर कलेक्ट्रेट पहुंच गए थे. लेकिन अधिकारियों ने छात्रों से आवेदन लेकर वापस बस में बैठाकर उन्हें रवाना कर दिया था. प्राचार्य व अधीक्षक ने इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की थी. ( Effect of ETV bharat news in Kanker)

अंतागढ़ एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य और अधीक्षक पर कार्रवाई: आदिवासी विकास शाखा कांकेर ने एकलव्य विद्यालय की व्यवस्था संचालित करने प्रभारी प्राचार्य समेत अन्य कर्मचारियों की नई सूची भी जारी कर दी. प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी वर्षा साहू , उपप्रभारी प्राचार्य धनुष सिंह लावत्रे, प्रभारी छात्रावास अधीक्षक रणजीत कुमार चंद्राकर और प्रभारी सहायक छात्रावास अधीक्षक गौरीशंकर गोआर्य होंगे.

आदिवासी विभाग के कर्मचारियों ने छात्रों को वापस भेजा: 1 जुलाई को अन्तागढ़ विकासखंड के लामकन्हार गांव में स्थित एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय के बच्चे अपने स्वयं के खर्चे से कलेट्रेट पहुंच गए थे. जिसकी जानकारी स्कूल के प्रिंसीपल को भी नहीं थी. आदिवासी विभाग के कर्मचारियों ने उनसे आवेदन लेकर उन्हें जबरदस्ती अन्तागढ़ जाने वाली बस में बैठा दिया. इस दौरान ETV भारत की टीम ने बस में बच्चों से पूरे घटना की जानकारी ली.

कांकेर में स्कूली छात्र क्यों पहुंचे कलेक्टर कार्यालय ?

बिजली, पानी, दरवाजा तक छात्रावास में नहीं: बच्चों ने बताया था कि स्कूल में रहने के लिए 37 रूम है, लेकिन एक भी कमरा रहने लायक नहीं है. कमरों में लाइट, पंखा, लाइट बोर्ड, दरवाजा की सुविधा ही नहीं है. यहां तक कि शौचालयो में भी दरवाजा, लाइट, पानी की सुविधा नहीं है. छात्रावास में एक बोरवेल है, लेकिन लाइट जाने पर गांव से पानी लाना पड़ता है. खाने में कभी चावल जला हुआ तो आधा पका मिलता है. सब्जी भी नहीं दिया जाता है.

शिक्षकों की कमी: छात्रों ने बताया था कि "छात्रावास के अधीक्षक सप्ताह में सिर्फ दो से तीन दिन आते हैं. अधीक्षक नशा कर गाली-गलौज करते हैं. छठवीं से बारहवीं तक शिक्षकों की संख्या मात्र 8 ही है, जिससे स्कूलों में कुछ विषयों को हम लोग पढ़ ही नहीं पा रहे हैं."

कांकेर में ईटीवी भारत की खबर का असर: एकलव्य स्कूल के छात्रों से बात करने के बाद ETV भारत ने इस खबर को प्रमुखता से पब्लिश्ड किया गया. जिसके बाद आदिवासी विकास विभाग ने एक्शन लेते हुए लापरवाह प्राचार्य और अधीक्षक को हटा दिया. Action on principal and superintendent of Antagarh Eklavya Vidyalaya)

कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में ETV भारत की खबर का असर हुआ है. अंतागढ़ एकलव्य विद्यालय लामकन्हार के लापरवाह प्राचार्य व अधीक्षक को विभाग ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. उन्हें उनके मूल स्थान भेज दिया गया है. तीन दिन पहले स्कूल के छात्रों ने दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. सौ किलोमीटर का सफर कर एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय के छात्र शिकायत लेकर कांकेर कलेक्ट्रेट पहुंच गए थे. लेकिन अधिकारियों ने छात्रों से आवेदन लेकर वापस बस में बैठाकर उन्हें रवाना कर दिया था. प्राचार्य व अधीक्षक ने इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की थी. ( Effect of ETV bharat news in Kanker)

अंतागढ़ एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य और अधीक्षक पर कार्रवाई: आदिवासी विकास शाखा कांकेर ने एकलव्य विद्यालय की व्यवस्था संचालित करने प्रभारी प्राचार्य समेत अन्य कर्मचारियों की नई सूची भी जारी कर दी. प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी वर्षा साहू , उपप्रभारी प्राचार्य धनुष सिंह लावत्रे, प्रभारी छात्रावास अधीक्षक रणजीत कुमार चंद्राकर और प्रभारी सहायक छात्रावास अधीक्षक गौरीशंकर गोआर्य होंगे.

आदिवासी विभाग के कर्मचारियों ने छात्रों को वापस भेजा: 1 जुलाई को अन्तागढ़ विकासखंड के लामकन्हार गांव में स्थित एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय के बच्चे अपने स्वयं के खर्चे से कलेट्रेट पहुंच गए थे. जिसकी जानकारी स्कूल के प्रिंसीपल को भी नहीं थी. आदिवासी विभाग के कर्मचारियों ने उनसे आवेदन लेकर उन्हें जबरदस्ती अन्तागढ़ जाने वाली बस में बैठा दिया. इस दौरान ETV भारत की टीम ने बस में बच्चों से पूरे घटना की जानकारी ली.

कांकेर में स्कूली छात्र क्यों पहुंचे कलेक्टर कार्यालय ?

बिजली, पानी, दरवाजा तक छात्रावास में नहीं: बच्चों ने बताया था कि स्कूल में रहने के लिए 37 रूम है, लेकिन एक भी कमरा रहने लायक नहीं है. कमरों में लाइट, पंखा, लाइट बोर्ड, दरवाजा की सुविधा ही नहीं है. यहां तक कि शौचालयो में भी दरवाजा, लाइट, पानी की सुविधा नहीं है. छात्रावास में एक बोरवेल है, लेकिन लाइट जाने पर गांव से पानी लाना पड़ता है. खाने में कभी चावल जला हुआ तो आधा पका मिलता है. सब्जी भी नहीं दिया जाता है.

शिक्षकों की कमी: छात्रों ने बताया था कि "छात्रावास के अधीक्षक सप्ताह में सिर्फ दो से तीन दिन आते हैं. अधीक्षक नशा कर गाली-गलौज करते हैं. छठवीं से बारहवीं तक शिक्षकों की संख्या मात्र 8 ही है, जिससे स्कूलों में कुछ विषयों को हम लोग पढ़ ही नहीं पा रहे हैं."

कांकेर में ईटीवी भारत की खबर का असर: एकलव्य स्कूल के छात्रों से बात करने के बाद ETV भारत ने इस खबर को प्रमुखता से पब्लिश्ड किया गया. जिसके बाद आदिवासी विकास विभाग ने एक्शन लेते हुए लापरवाह प्राचार्य और अधीक्षक को हटा दिया. Action on principal and superintendent of Antagarh Eklavya Vidyalaya)

Last Updated : Jul 5, 2022, 9:54 AM IST
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