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kanker : नक्सल हिंसा पीड़ित परिवार पर सितम, दबंगों ने किया हुक्का पानी बंद

कांकेर के बांदे थाना क्षेत्र में एक परिवार का दबंगों ने हुक्का पानी बंद कर दिया है.नक्सली हिंसा का दंश झेल चुका परिवार 10 साल बाद अपने गांव वापस लौटा. परिवार को लगा अब जीवन आसानी से कट जाएगा.लेकिन परिवार को उन्हीं के गांव में अलग-थलग कर दिया गया है.वहीं मामले की सूचना मिलने पर एसपी ने गांव में टीम भेजी है.

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कांकेर में दबंगों की दहशत
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Published : May 2, 2023, 1:30 PM IST

कांकेर : जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता पहले लाल आतंक से परेशान थी.लेकिन अब जब लाल आतंक का साया छट गया है तो उनकी जगह दबंगों ने ले ली है.ऐसा ही एक मामला बांदे थाना क्षेत्र में सामने आया है.जहां एक परिवार को पहले नक्सलियों ने सताया.परिवार का पेट पालने वाले की जान मुखबिरी का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने ले ली. नक्सलियों के डर से परिवार ने अपना घर छोड़कर दूसरे जिलों में पनाह ली. अब जब एक बार फिर इलाके में शांति कायम हुई है तो परिवार अपने घर लौट आया. लेकिन इस बार परिवार को नक्सलियों से नहीं बल्कि स्थानीय दबंगों से परेशानी है. दबंगों ने परिवार से बात करने या मदद करने वालों पर जुर्माना लगाने का फरमान जारी किया है.लिहाजा अब परिवार अपने घर में ही कैद हो चुका है.


क्या है पूरा मामला : पीड़ित परिवार ने कांकेर कलेक्टर से इस बारे में शिकायत की है. परिवार बांदे थानाक्षेत्र अंतर्गत पीवी 105 में रहता है. जहां 10 साल पहले नक्सलियों ने परिवार के मुखिया की हत्या कर दी थी.हत्या के बाद डर से महिला अपने तीन बच्चों के साथ जगदलपुर में रहने लगी.नक्सल हिंसा शांत होने के बाद परिवार वापस अपने गांव लौटा. लेकिन दबंगों ने अब हुक्का पानी बन्द कर दिया है . सूचना के बाद भी पुलिस और प्रशासन से अब तक किसी प्रकार का मदद परिवार तक नही पहुंचाई है.जिससे परिवार डर के साए में जीने को मजबूर है.



पीड़ित परिवार ने बताई आपबीती : पीड़ित सुषमा हालदार ने बताया कि '' 10 साल पहले मेरे पति को पुलिस मुखबिर के शक में नक्सलियों ने मेरे ही सामने गोली मार कर हत्या कर दी थी. उसके बाद नक्सलियों के डर से तीन बच्चों को लेकर जगदलपुर आ गई. क्षेत्र में नक्सली दहशत कम होने के बाद फिर से गांव पीवी 106 में आकर अपने बच्चों के साथ खेती किसानी कर रही हूं.स्कूल में रसोईयां का काम करने के साथ अपनी बेटियों की पढ़ाई का जिम्मा उठा रही हूं.लेकिन अब गांव के गुंडे परेशान करते हैं. परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है. गांव में हमारी मदद करने वालों पर जुर्माने का फरमान सुनाया गया है.''

ये भी पढ़ें- कांकेर में नक्सलियों ने फेंके पर्चे FIR को बताया झूठा

पुलिस ने कही कार्रवाई की बात : पूरे मामले की सूचना मिलते ही एसपी शलभ सिन्हा ने तत्काल एक्शन लेते हुए बांदे थाना प्रभारी समेत पुलिस टीम गांव भेजी है. जो पीड़ित परिवार को सुरक्षित थाने लेकर आ रही है.एसपी शलभ सिन्हा ने कहा है कि '' पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा. उस पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी. किसी भी व्यक्ति का हुक्कापानी बंद करने का अधिकार इस तरह कानून नहीं देता है.आज भले ही नक्सली क्षेत्रों में शांति कायम हो गई हो.लेकिन अब वहां रहने वाले असामाजिक तत्व अशांति कायम करके अपना उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं. ऐसे में पुलिस को चाहिए कि बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.

कांकेर : जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता पहले लाल आतंक से परेशान थी.लेकिन अब जब लाल आतंक का साया छट गया है तो उनकी जगह दबंगों ने ले ली है.ऐसा ही एक मामला बांदे थाना क्षेत्र में सामने आया है.जहां एक परिवार को पहले नक्सलियों ने सताया.परिवार का पेट पालने वाले की जान मुखबिरी का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने ले ली. नक्सलियों के डर से परिवार ने अपना घर छोड़कर दूसरे जिलों में पनाह ली. अब जब एक बार फिर इलाके में शांति कायम हुई है तो परिवार अपने घर लौट आया. लेकिन इस बार परिवार को नक्सलियों से नहीं बल्कि स्थानीय दबंगों से परेशानी है. दबंगों ने परिवार से बात करने या मदद करने वालों पर जुर्माना लगाने का फरमान जारी किया है.लिहाजा अब परिवार अपने घर में ही कैद हो चुका है.


क्या है पूरा मामला : पीड़ित परिवार ने कांकेर कलेक्टर से इस बारे में शिकायत की है. परिवार बांदे थानाक्षेत्र अंतर्गत पीवी 105 में रहता है. जहां 10 साल पहले नक्सलियों ने परिवार के मुखिया की हत्या कर दी थी.हत्या के बाद डर से महिला अपने तीन बच्चों के साथ जगदलपुर में रहने लगी.नक्सल हिंसा शांत होने के बाद परिवार वापस अपने गांव लौटा. लेकिन दबंगों ने अब हुक्का पानी बन्द कर दिया है . सूचना के बाद भी पुलिस और प्रशासन से अब तक किसी प्रकार का मदद परिवार तक नही पहुंचाई है.जिससे परिवार डर के साए में जीने को मजबूर है.



पीड़ित परिवार ने बताई आपबीती : पीड़ित सुषमा हालदार ने बताया कि '' 10 साल पहले मेरे पति को पुलिस मुखबिर के शक में नक्सलियों ने मेरे ही सामने गोली मार कर हत्या कर दी थी. उसके बाद नक्सलियों के डर से तीन बच्चों को लेकर जगदलपुर आ गई. क्षेत्र में नक्सली दहशत कम होने के बाद फिर से गांव पीवी 106 में आकर अपने बच्चों के साथ खेती किसानी कर रही हूं.स्कूल में रसोईयां का काम करने के साथ अपनी बेटियों की पढ़ाई का जिम्मा उठा रही हूं.लेकिन अब गांव के गुंडे परेशान करते हैं. परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है. गांव में हमारी मदद करने वालों पर जुर्माने का फरमान सुनाया गया है.''

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पुलिस ने कही कार्रवाई की बात : पूरे मामले की सूचना मिलते ही एसपी शलभ सिन्हा ने तत्काल एक्शन लेते हुए बांदे थाना प्रभारी समेत पुलिस टीम गांव भेजी है. जो पीड़ित परिवार को सुरक्षित थाने लेकर आ रही है.एसपी शलभ सिन्हा ने कहा है कि '' पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा. उस पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी. किसी भी व्यक्ति का हुक्कापानी बंद करने का अधिकार इस तरह कानून नहीं देता है.आज भले ही नक्सली क्षेत्रों में शांति कायम हो गई हो.लेकिन अब वहां रहने वाले असामाजिक तत्व अशांति कायम करके अपना उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं. ऐसे में पुलिस को चाहिए कि बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.

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