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पखांजूर : भारी बारिश से फसल बर्बाद, किसान कर रहे मुआवजे की मांग

प्रदेश में बीते 15 दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. उनकी खड़ी फसल बर्बाद हो गई. पंखाजूर में हुई बारिश के कारण धान की खड़ी फसल गिर गई है. किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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Published : Oct 16, 2020, 4:45 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 5:55 PM IST

फसल बर्बाद
फसल बर्बाद

पखांजूर : बे-मौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. अचानक हुई बारिश के कारण पके हुए धान की खेती में पानी भर गया है, जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचा है.

भारी बारिश से फसल बर्बाद

इस मौसम में ज्यादातर धान की फसल पक जाती है, इस वक्त होने वाली बारिश से धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचता है. परलकोट क्षेत्र में धान की खेती सबसे ज्यादा होती है. यहां के प्रति किसान लगभग 5/6 एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक जमीन पर धान की खेती करते हैं. धान की फसल को पकने के लिए 5 से 6 महीने लग जाते हैं. वहीं इस वक्त होने वाली बारिश से किसान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाती है.

Crop wasted due to heavy rain in pakhanjur
फसल बर्बाद

आधी फसल बर्बाद

धान की बाली निकलने के बाद पौधों का गिर जाना मतलब लगभग आधी फसल बर्बाद होने जैसा है. किसान धान की फसल लगाने से पहले किसान क्रेडिट कार्ड (kcc) से लोन लेकर खेती करते हैं, वहीं अब फसल के बर्बाद होने से किसानों को लोन की चिंता सता रही है. क्योंकि एक एकड़ धान की फसल का आधा उत्पादन ही सरकार समर्थन मूल्य में खरीदती है. ऐसे में बचा हुआ आधा धान किसान व्यापारियों को बेचते हैं, जिसका दाम तय नहीं होता है.

Crop wasted due to heavy rain in pakhanjur
फसल बर्बाद

किसानों को नुकसान

  • एक एकड़ में 25/30 क्विंटल धान उत्पादन होता है.
  • प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान सरकार खरीदी करती है.
  • बचे 15 क्विंटल धान को 1000 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसान बेचते हैं.
  • ऐसे में यदि आधा उत्पादन बारिश के कारण खराब हो जाता है तो किसानों को लाखों का नुकसान होता है.


    बता दें धान की फसल बर्बाद होने से उस पर दोबारा चावल की खेती नहीं की जा सकती है, क्योंकि धान के पौधे गिर जाने से पौधे के गांठ टूट जाते हैं. जिससे चावल की खेती आसान नहीं होती है. किसानों ने सीएम भूपेश बघेल से मुआवजा की मांग की है.

15 दिनों में हुई भारी बारिश और किसानों को नुकसान

पखांजूर : बे-मौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. अचानक हुई बारिश के कारण पके हुए धान की खेती में पानी भर गया है, जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचा है.

भारी बारिश से फसल बर्बाद

इस मौसम में ज्यादातर धान की फसल पक जाती है, इस वक्त होने वाली बारिश से धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचता है. परलकोट क्षेत्र में धान की खेती सबसे ज्यादा होती है. यहां के प्रति किसान लगभग 5/6 एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक जमीन पर धान की खेती करते हैं. धान की फसल को पकने के लिए 5 से 6 महीने लग जाते हैं. वहीं इस वक्त होने वाली बारिश से किसान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाती है.

Crop wasted due to heavy rain in pakhanjur
फसल बर्बाद

आधी फसल बर्बाद

धान की बाली निकलने के बाद पौधों का गिर जाना मतलब लगभग आधी फसल बर्बाद होने जैसा है. किसान धान की फसल लगाने से पहले किसान क्रेडिट कार्ड (kcc) से लोन लेकर खेती करते हैं, वहीं अब फसल के बर्बाद होने से किसानों को लोन की चिंता सता रही है. क्योंकि एक एकड़ धान की फसल का आधा उत्पादन ही सरकार समर्थन मूल्य में खरीदती है. ऐसे में बचा हुआ आधा धान किसान व्यापारियों को बेचते हैं, जिसका दाम तय नहीं होता है.

Crop wasted due to heavy rain in pakhanjur
फसल बर्बाद

किसानों को नुकसान

  • एक एकड़ में 25/30 क्विंटल धान उत्पादन होता है.
  • प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान सरकार खरीदी करती है.
  • बचे 15 क्विंटल धान को 1000 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसान बेचते हैं.
  • ऐसे में यदि आधा उत्पादन बारिश के कारण खराब हो जाता है तो किसानों को लाखों का नुकसान होता है.


    बता दें धान की फसल बर्बाद होने से उस पर दोबारा चावल की खेती नहीं की जा सकती है, क्योंकि धान के पौधे गिर जाने से पौधे के गांठ टूट जाते हैं. जिससे चावल की खेती आसान नहीं होती है. किसानों ने सीएम भूपेश बघेल से मुआवजा की मांग की है.

15 दिनों में हुई भारी बारिश और किसानों को नुकसान

Last Updated : Oct 16, 2020, 5:55 PM IST
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