कांकेर: कांकेर जिला (Conversion in kanker) में मसीह समाज की महिला का शव दफनाने से रोकने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सैकड़ों की संख्या में मसीह समाज (Christ Samaj demanded a cemetery) के लोग कांकेर कलेक्ट्रेट पहुंच और कब्रिस्तान की मांग की है.
जिन ग्रामीणों ने महिला का शव गांव में दफन नहीं करने दिया था, वे भी कलेक्ट्रेट पहुंचे. ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि वहर परिवार गांव की रीति-रिवाज के विपरीत मसीह समाज के अनुसार अंतिम संस्कार करना चाहता था.
ये है पूरा मामला
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर कुलगांव पंचायत के आश्रित (Christ Society demanded Christian cemetery) ग्राम गोवर्धन में एक महिला के शव का 26 घंटे बाद अंतिम संस्कार हो पाया. ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए महिला का अंतिम संस्कार गांव में नहीं होने दिया. आखिरकार 26 घंटे बाद प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद महिला का अंतिम संस्कार जिला मुख्यालय में किया गया.
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कब्रिस्तान की मांग
गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे मसीह समाज के इविल वर्गीज ने बताया कि 20 साल से हमारी मांग है कि मसीह समाज के लिए (masih samaj demanded collectorate made cemetery) कब्रिस्तान हो. कब्रिस्तान न होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आज उसी मांग को फिर से दोहराने के लिए हम सब प्रशासन से गुहार लगाने आए हैं.
उन्होंने कहा कि गांव में महिला के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं दिया जा रहा था. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद अंतिम संस्कार हो पाया. यही कारण है कि हम कब्रिस्तान की मांग कर रहे हैं.
ग्रामीणों का प्रशासन पर ध्यान न देने का आरोप
गोवर्धन के ग्रामीणों का कहना है कि एक आदिवासी समाज का व्यक्ति ईसाई धर्म को मानता है. कल उसकी मां का निधन हो गया था. हमने गांव में रीति रिवाज के तहत अंतिम संस्कार की बात कही, लेकिन व्यक्ति मसीह समाज के अनुसार अंतिम संस्कार करना चाहता था. हमने इसका विरोध किया. शासन-प्रशासन धर्म परिवर्तन के मामले पर कभी ध्यान नहीं देती.
क्या कहते हैं अधिकारी...
प्रभारी कलेक्टर सुरेंद्र वैद्य कहते हैं कि अभी तक जबरिया धर्म परिवर्तन की शिकायत नहीं आई है. मसीह समाज के लोगों ने कब्रिस्तान की मांग की है.