कवर्धाः गर्मी की शुरुआत होते ही वन्यजीव पानी की तलाश में शहर की ओर रुख करना शुरू कर दिए हैं. पंडरिया वन परिक्षेत्र में सोमवार को करीब आधा दर्जन हिरण का झुंड जंगल से भटककर कोलेगांव पहुंचे. जिसे गांव के कुत्ते अपना शिकार बनने के फिराक जुटे हुए थे. तभी ग्रामीणों की नजर हिरणों पर पड़ी. ग्रामीणों ने हिरण को पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया. वहीं मंगलवार को फिर से कोलेगांव में एक हिरण देखा गया. उसे भी ग्रमीणों ने पकड़कर वन विभाग कर हवाले के दिया है.
भिलाई के मैत्री बाग में आया नन्हा हिरण, काले हिरण का बढ़ा कुनबा
रहवासी इलाकों में आर रहे वन्यजीव
कवर्धा जिला जंगलों से घिरा हुआ है. यहीं कारण है कि हर वर्ष गर्मी के दिनों में वन्यप्राणी रहवासी इलाकों तक आ जाते हैं. जो गांव में रहने वाले आवारा कुत्तों का शिकार हो जाते हैं. कभी-कभी वनजीवों पर ग्रमीणों की नजर पड़ जाती है तो उन्हें पकड़कर वन विभाग को सौंप देते हैं. जिनको वन विभाग जंगल में छोड़ देता है.
वन विभाग पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों ने बताया कि वन विभाग जंगली जीवों के भोजन-पानी की व्यवस्था में शासन करोड़ों रुपए खर्च करती है. फिर भी पानी की तलाश में वन जीवों को गांव तक आना आश्चर्यचकित करता है. वन विभाग कवर्धा ने जिले में वन्यप्राणी के लिए 174 पेयजल स्थान बनाया है. फिर भी वन्यप्राणी पानी की तलाश में रहवासी इलाकों तक आ जाते हैं. जो वन विभाग की लापरवाही बया करती है.