कवर्धा: पंडरिया ब्लाॅक के तेलियापानी लेद्रापानी गांव में 14 जुलाई की रात लगभग 2 बजे आदिवासी बैगा महिला मानिया बाई को सांप ने डस लिया. घटना के बाद महिला शोर मचाते हुए कमरे से बाहर निकली और परिजनों को जानकारी दी. अब महिला को अस्पताल ले जाने की बजाय परिवार के लोग झाड़ फूंक वाले के पास लेकर गए. 15 जुलाई यानी शनिवार को दिनभर झाड़ फूंक करने का कोई फायदा न हुआ. उल्टा महिला की हालत और बिगड़ती गई. इसके बाद शाम को महिला को पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. पूरे शरीर में जहर फैल जाने की वजह से महिला ने अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दिया.
पोस्टमार्टम न कराने पर अड़ा रहा परिवार: शनिवार रात को ही अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस हाॅस्पिटल पहुंची और शव का पंचनामा किया. रविवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को मर्चुरी में भेजा, लेकिन परिजन पोस्टमार्टम न कराने को लेकर अड़ गए. पुलिस ने परिवार को बहुत समझाया, लेकिन उन्होंने एक न सुनी. इस पर पुलिस ने एसडीएम संदीप ठाकुर और गांव के सरपंच पति लव पटेल को भी अस्पताल बुलाया. दोनों के समझाने के बाद बड़ी मशक्कत से परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. दोपहर में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया.
स्नेक बाइट के मामले में अब भी जागरूकता की कमी: स्नेक बाइट यानी सांप के डसने पर यदि सही समय पर एंटी स्नेक वेनम लग जाए और इलाज फौरन शुरू कर दिया जाए तो मरीज को मौत के मुंह से बचाया जा सकता है. विडंबना ये है कि ज्यादातर मामले में ऐसा नहीं हो पाता, खासकर छ्त्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाकों में. लोग अक्सर झाड़ फूंक के चक्कर में अपना कीमती समय गंवा बैठते हैं, फिर जब अस्पताल पहुंचते हैं तो काफी देर हो चुकी होती है.