कवर्धा: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने दो सूत्रीय मांगो को लेकर राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. कार्यकर्ताओं ने सरकार से धान खरीदी 15 नवंबर से शुरु करने की मांग की है. साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव अप्रत्यक्ष रुप से कराए जाने का विरोध किया है. कार्यकर्ताओं ने मांगें पूरी नहीं होने पर प्रदेश भर में आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कार्यकर्ताओं का कहना है कि 'छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ नगरपालिका, निगम (संशोधन) अध्यादेश को 25 अक्टूबर 2019 को लागू कर प्रदेश की शहरी जनता को सीधे महापौर और अध्यक्ष चुनने का दशकों पुराना अधिकार छीन लिया है. यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ और विवेकाधीन फैसला लिया है'.
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
जोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि 'सरकार ने प्रजा की जगह पैसा और पब्लिक की जगह पुलिस पर भरोसा जताया है. पार्षदों को दलबदल कानून के दायरे से बाहर केवल इसलिए रखा गया है कि, सरकार उनको खरीद कर और डरा धमकाकर अपने मनमाफिक महापौर और अध्यक्ष जनता पर थोप सके. इसलिए इस आदेश को निरस्त कर छत्तीसगढ़ के शहरों में लोकतंत्र की बहाली करने की मांग की है'.
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'धान खरीदी 15 नवंबर से की जाए'
वहीं कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग की है कि धान खरीदी 15 नवंबर से किया जाए, क्योंकि किसानों की धान कटाई शुरू हो चुकी है और लगभग 30% से 35% धान की मिजाई 15 नवंबर तक हो जाती है. ऐसे में खरीदी में देरी होने से किसानों को स्टोरेज के अभाव में कोचियों को धान बेचना पड़ेगा.