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Protest in school rape case कवर्धा में पालक संघ का विरोध जारी, स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग - कलेक्टर कार्यालय

कवर्धा के निजी स्कूल मे हुए चार वर्षीय बच्ची के साथ हुए अनाचार मामले मे विरोध और प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है. गुरुवार को जिलेभर के निजी स्कूल के पालक समेत अन्य लोग गांधी मैदान में इकट्ठा हुए. सैकड़ों की संख्या में मौन रैली निकाल कर नगर भ्रमण करते हुए लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. 10 बिंदुओं में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.

Protest in school rape case
कवर्धा में पालक संघ का विरोध जारी
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Published : Feb 10, 2023, 4:44 PM IST

कवर्धा में पालक संघ का विरोध जारी

कवर्धा : पालक संघ और नाराज लोगों के साथ कलेक्टर जन्मेजय महोबे और एसपी लालउमेंद सिंह ने बैठक कर सभी पालकों की बात सुनी. पालकों को जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई और आगे से ऐसी घटना ना घटित हो इसके लिए खास ध्यान देने के लिए कहा. पालकों के मुताबिक ''स्कूल में पहले भी कई घटना सामने आ चुकी है. लेकिन ना तो स्कूल प्रबंधन ने गंभीरता दिखाई और ना ही जिला प्रशासन ने. जिसके कारण अब इतनी बड़ी घटना सामने आ रही है. इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी के साथ प्रिंसिपल भी दोषी है. क्योंकि ये फीस तो बड़ी लेते हैं लेकिन बच्चों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते. ऐसे स्कूल की मान्यता तत्काल रद्द कर किया जाना चाहिए ताकि अन्य स्कूलों को इससे सबक मिल सके और आगे भविष्य मे ऐसी घटना ना हो सके.''


क्या है पालकों की मांग : इस मामले में पालकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जिला प्रशासन से दस मांगें रखी हैं.

आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग : स्कूल के प्रबंधन समिति के जिम्मेदार सदस्यों पर दुष्कर्म में सहभागिता के लिए कठोर कार्रवाई की जाये. संबंधित स्कूल का लायसेंस और मान्यता रद्द की जाए. जिले के सभी स्कूलों के बसों में कैमरे और जीपीएस सिस्टम सुचारू रूप से चालू रहना चाहिए. जिले के सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए.जिले के सभी स्कूलों के बसों में ड्राईवर और परिचालक के अतिरिक्त एक महिला स्टाफ अनिवार्य रूप से होनी चाहिए.

स्कूलों में कंट्रोल रुम बनाने की मांग : जिले के स्कूल बसों में चालक या परिचालक के नशे की हालत में पाए जाने पर प्रशासन, स्कूल प्रबंधन कड़ी कार्रवाई करे. ड्राइवर का लायसेंस निरस्त करवाएं. चालक और परिचालक को ब्लैकलिस्टेड करते हुए सभी स्कूलों में सूचना दी जाए. जिससे दोषी चालक परिचालक अन्य स्कूल में काम न कर सकें. जिले के सभी स्कूल कैम्पस में लगाये गए कैमरे की निगरानी के लिए एक कैमरा कंट्रोल रूम बनाया जाये. जहां स्कूल शुरू होने से लेकर स्कूल की छुट्टी तक सभी गतिविधियों पर रोजाना अधिकृत कर्मचारी की पैनी नजर रहे. संदिग्ध गतिविधि होने पर त्वरित कार्रवाई की जाए.


पालक सदस्यों की निगरानी समिति का गठन : जिले के सभी स्कूल के पालकगण में से 25 से 30 पालक सदस्यों की एक निगरानी समिति का गठन किया जाये. जिसमें प्रशासन की ओर से एक अधिकृत अधिकारी को भी समिति में शामिल किया जाए. समिति समय-समय पर जिले के सभी स्कूलों में औचक निरीक्षण हेतु प्रशासन द्वारा अधिकृत रहे. जिले के सभी स्कूलों में पालक संघ का गठन पालकों की उपस्थिति में विधिवत पारदर्शिता के साथ करें. ऐसे सदस्य को न रखें जो स्कूल समिति के चहेते या रिश्तेदार या करीबी पालकगण हो. गठित पालक संघ की जानकारी स्कूल रिसेप्शन में चयनित सदस्यों के नाम पता और मोबाइल नंबर के साथ फ्लेक्स या पोस्टर के माध्यम से सार्वजानिक किए जाए.

ये भी पढ़ें- कवर्धा रेप केस के विरोध में पालकों का हल्लाबोल

कलेक्टर ने कड़ी कार्रवाई का दिया भरोसा : वहीं कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने कहा कि ''07 फरवरी को स्कूल में हुई घटना वाकई बड़ी है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल को अपने कर्तव्य का सही निर्वाह नहीं करने को लेकर उसे भी दोषी करार दिया है . प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से जांच टीम बनाई गई है. रिपोर्ट आने पर स्कूल पर भी सख्त से सख्त कारवाई की जाएगी.

कवर्धा में पालक संघ का विरोध जारी

कवर्धा : पालक संघ और नाराज लोगों के साथ कलेक्टर जन्मेजय महोबे और एसपी लालउमेंद सिंह ने बैठक कर सभी पालकों की बात सुनी. पालकों को जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई और आगे से ऐसी घटना ना घटित हो इसके लिए खास ध्यान देने के लिए कहा. पालकों के मुताबिक ''स्कूल में पहले भी कई घटना सामने आ चुकी है. लेकिन ना तो स्कूल प्रबंधन ने गंभीरता दिखाई और ना ही जिला प्रशासन ने. जिसके कारण अब इतनी बड़ी घटना सामने आ रही है. इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी के साथ प्रिंसिपल भी दोषी है. क्योंकि ये फीस तो बड़ी लेते हैं लेकिन बच्चों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते. ऐसे स्कूल की मान्यता तत्काल रद्द कर किया जाना चाहिए ताकि अन्य स्कूलों को इससे सबक मिल सके और आगे भविष्य मे ऐसी घटना ना हो सके.''


क्या है पालकों की मांग : इस मामले में पालकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जिला प्रशासन से दस मांगें रखी हैं.

आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग : स्कूल के प्रबंधन समिति के जिम्मेदार सदस्यों पर दुष्कर्म में सहभागिता के लिए कठोर कार्रवाई की जाये. संबंधित स्कूल का लायसेंस और मान्यता रद्द की जाए. जिले के सभी स्कूलों के बसों में कैमरे और जीपीएस सिस्टम सुचारू रूप से चालू रहना चाहिए. जिले के सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए.जिले के सभी स्कूलों के बसों में ड्राईवर और परिचालक के अतिरिक्त एक महिला स्टाफ अनिवार्य रूप से होनी चाहिए.

स्कूलों में कंट्रोल रुम बनाने की मांग : जिले के स्कूल बसों में चालक या परिचालक के नशे की हालत में पाए जाने पर प्रशासन, स्कूल प्रबंधन कड़ी कार्रवाई करे. ड्राइवर का लायसेंस निरस्त करवाएं. चालक और परिचालक को ब्लैकलिस्टेड करते हुए सभी स्कूलों में सूचना दी जाए. जिससे दोषी चालक परिचालक अन्य स्कूल में काम न कर सकें. जिले के सभी स्कूल कैम्पस में लगाये गए कैमरे की निगरानी के लिए एक कैमरा कंट्रोल रूम बनाया जाये. जहां स्कूल शुरू होने से लेकर स्कूल की छुट्टी तक सभी गतिविधियों पर रोजाना अधिकृत कर्मचारी की पैनी नजर रहे. संदिग्ध गतिविधि होने पर त्वरित कार्रवाई की जाए.


पालक सदस्यों की निगरानी समिति का गठन : जिले के सभी स्कूल के पालकगण में से 25 से 30 पालक सदस्यों की एक निगरानी समिति का गठन किया जाये. जिसमें प्रशासन की ओर से एक अधिकृत अधिकारी को भी समिति में शामिल किया जाए. समिति समय-समय पर जिले के सभी स्कूलों में औचक निरीक्षण हेतु प्रशासन द्वारा अधिकृत रहे. जिले के सभी स्कूलों में पालक संघ का गठन पालकों की उपस्थिति में विधिवत पारदर्शिता के साथ करें. ऐसे सदस्य को न रखें जो स्कूल समिति के चहेते या रिश्तेदार या करीबी पालकगण हो. गठित पालक संघ की जानकारी स्कूल रिसेप्शन में चयनित सदस्यों के नाम पता और मोबाइल नंबर के साथ फ्लेक्स या पोस्टर के माध्यम से सार्वजानिक किए जाए.

ये भी पढ़ें- कवर्धा रेप केस के विरोध में पालकों का हल्लाबोल

कलेक्टर ने कड़ी कार्रवाई का दिया भरोसा : वहीं कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने कहा कि ''07 फरवरी को स्कूल में हुई घटना वाकई बड़ी है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल को अपने कर्तव्य का सही निर्वाह नहीं करने को लेकर उसे भी दोषी करार दिया है . प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से जांच टीम बनाई गई है. रिपोर्ट आने पर स्कूल पर भी सख्त से सख्त कारवाई की जाएगी.

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