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रंग लाई मेहनत, श्रम दान से संकरी नदी को मिला जीवन

कवर्धा जिले में संकरी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए की गई प्रशासन और लोगों की मेहनत रंग लाती दिख रही है.

hard work of administration and people is seen to be paying off in kawardha
रंग लाई मेहनत
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Published : Mar 7, 2020, 4:39 PM IST

Updated : Mar 7, 2020, 5:02 PM IST

कवर्धा : जिले की जीवनदायनी के नाम मशहूर संकरी नदी के अस्तित्व को बचाने और संवारने के लिए जन सहयोग के जरिए प्रशासन ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया. जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. मार्च महीने में सूख जाने वाली नदी में अब कलकल आवाज करती हुई की धारा बह रही है.

मार्च में सूख जाने वाली संकरी नदी में जल की धारा

यही कारण है कि वर्षों बाद इस साल के मार्च महीने में नदी में पानी का प्रवाह दिखाई दे रहा है. जिसकी वजह से जिलेवासियों में खुशी देखी जा रही है.

दरअसल, कवर्धा जिले की जीवनदायनी संकरी नदी से पुराने समय से ही इलाके में सिचाईं होती रही है. लेकिन पिछले कई साल से संकरी नदी फरवरी-मार्च महीने के बाद पूरी तरह सूख जाती थी. जिसको लेकर जिलेवासी काफी चिंतित थे.

आईआईटी कानपुर ने भी की मदद

नदी को बचाने के लिए लोगों ने प्रयास शुरू किए. लेकिन कारगर साबित नहीं हुआ. बीते वर्ष लोगों के श्रमदान और जिला प्रशासन ने मनरेगा के तहत कार्ययोजना बनाकर नदी को संवारने के लिए कार्य किया. प्रशासन के साथ ही आमजनों का भी पूरा सहयोग मिला. तकनीकी रूप से सहयोग के लिए आईआईटी कानपुर की टीम की भी मदद ली गई.

कार्ययोजना जारी रखने की मांग

नदी किनारे बसे ग्रामवासी नदी के पानी को निस्तारी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं किसानों के खेतों में भी सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है. ग्रामीणों ने इस कार्ययोजना को कुछ और साल निरंतर जारी रखने की मांग की है. वहीं प्रशासन भी इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर आने वाले दिनों में और बेहतर ढंग से योजना बनाकर कार्य करने की बात कही है.

कवर्धा : जिले की जीवनदायनी के नाम मशहूर संकरी नदी के अस्तित्व को बचाने और संवारने के लिए जन सहयोग के जरिए प्रशासन ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया. जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. मार्च महीने में सूख जाने वाली नदी में अब कलकल आवाज करती हुई की धारा बह रही है.

मार्च में सूख जाने वाली संकरी नदी में जल की धारा

यही कारण है कि वर्षों बाद इस साल के मार्च महीने में नदी में पानी का प्रवाह दिखाई दे रहा है. जिसकी वजह से जिलेवासियों में खुशी देखी जा रही है.

दरअसल, कवर्धा जिले की जीवनदायनी संकरी नदी से पुराने समय से ही इलाके में सिचाईं होती रही है. लेकिन पिछले कई साल से संकरी नदी फरवरी-मार्च महीने के बाद पूरी तरह सूख जाती थी. जिसको लेकर जिलेवासी काफी चिंतित थे.

आईआईटी कानपुर ने भी की मदद

नदी को बचाने के लिए लोगों ने प्रयास शुरू किए. लेकिन कारगर साबित नहीं हुआ. बीते वर्ष लोगों के श्रमदान और जिला प्रशासन ने मनरेगा के तहत कार्ययोजना बनाकर नदी को संवारने के लिए कार्य किया. प्रशासन के साथ ही आमजनों का भी पूरा सहयोग मिला. तकनीकी रूप से सहयोग के लिए आईआईटी कानपुर की टीम की भी मदद ली गई.

कार्ययोजना जारी रखने की मांग

नदी किनारे बसे ग्रामवासी नदी के पानी को निस्तारी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं किसानों के खेतों में भी सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है. ग्रामीणों ने इस कार्ययोजना को कुछ और साल निरंतर जारी रखने की मांग की है. वहीं प्रशासन भी इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर आने वाले दिनों में और बेहतर ढंग से योजना बनाकर कार्य करने की बात कही है.

Last Updated : Mar 7, 2020, 5:02 PM IST
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