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World Environment Day: सिर्फ छात्रों का ही नहीं धरती का भी 'जीवन' संवार रहे हैं ये शिक्षक

पंडरिया विकासखंड के कुछ शिक्षकों ने अभिनव पहल की है. ये लोग शहर में घूम-घूम कर पौधे लगाते हैं.

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Published : Jun 5, 2019, 12:37 AM IST

शिक्षा की ज्योति ही नहीं इन शिक्षकों ने शहर में फैलाई हरियाली

कवर्धा: बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के साथ लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है और शहरों से हरियाली दूर हो रही है. इस हरियाली और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए पंडरिया विकासखंड के कुछ शिक्षकों ने अभिनव पहल की है. ये लोग शहर में घूम-घूम कर पौधे लगाते हैं, साथ ही लोगों को भी पौधे लगाने का संकल्प दिलाते हैं.

शिक्षा की ज्योति ही नहीं इन शिक्षकों ने शहर में फैलाई हरियाली

पंडरिया नगर में किसी की शादी हो या जन्मदिन. यहां हर मौके को खास और यादगार बनाने के लिए पौधे लगाए जाते हैं. पौधे घर या दुकानों के पास लगाए जाते हैं ताकि पौधों की देख-रेख हो सके. यहां कुछ शिक्षकों ने मिलकर एक समूह बनाया है. वे रोजाना अपने स्कूल की ड्यूटी से आने के बाद नगर में लगे पौधे की देख-रेख करने निकल जाते हैं. ये लोग इन पौधों को अपने बच्चे की तरह सहेज कर रखते हैं.

ऐसे बनी समिति
नगर में बढ़ती गर्मी और पानी की समस्या से निजात पाने और पर्यावरण बचाने के लिए 12 शिक्षकों ने एक समिति बनाई. इसके बाद इन लोगों ने जगह-जगह पौधे लगाए. लेकिन देख-रेख की कमी के कारण पौधे सूखने लगे या फिर इन पौधों को मवेशी चरते थे.

पौधे लगाने की खास योजना
इसके बाद समिति के लोगों ने एक योजना बनाई. उन्होंने फैसला लिया कि वे नगर के ही लोगों से पौधे लगवाएंगे और उन्हें इनकी देख-रेख करने का संकल्प दिलाएंगे. इस काम के लिए उन्होंने लोगों के खास दिन जैसे उनका जन्मदिन या शादी जैसे अवसरों को चुना ताकि उस खास दिन के साथ वह व्यक्ति पौधों की देखरेख करना भी याद रखे.

लौट आई हरियाली
देखते ही देखते उनकी ये योजना सफल हो गई. अब लोग अपने खास मौकों पर बढ़-चढ़ कर पौधे लगा रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि वे इनकी देख-रेख भी कर रहे हैं जिससे अब नगर में हरियाली एक बार फिर लौट आई है. आज पंडरिया नगर आस पास के इलाकों के लिए एक आदर्श नगर के रूप में उभर रहा है.

कवर्धा: बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के साथ लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है और शहरों से हरियाली दूर हो रही है. इस हरियाली और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए पंडरिया विकासखंड के कुछ शिक्षकों ने अभिनव पहल की है. ये लोग शहर में घूम-घूम कर पौधे लगाते हैं, साथ ही लोगों को भी पौधे लगाने का संकल्प दिलाते हैं.

शिक्षा की ज्योति ही नहीं इन शिक्षकों ने शहर में फैलाई हरियाली

पंडरिया नगर में किसी की शादी हो या जन्मदिन. यहां हर मौके को खास और यादगार बनाने के लिए पौधे लगाए जाते हैं. पौधे घर या दुकानों के पास लगाए जाते हैं ताकि पौधों की देख-रेख हो सके. यहां कुछ शिक्षकों ने मिलकर एक समूह बनाया है. वे रोजाना अपने स्कूल की ड्यूटी से आने के बाद नगर में लगे पौधे की देख-रेख करने निकल जाते हैं. ये लोग इन पौधों को अपने बच्चे की तरह सहेज कर रखते हैं.

ऐसे बनी समिति
नगर में बढ़ती गर्मी और पानी की समस्या से निजात पाने और पर्यावरण बचाने के लिए 12 शिक्षकों ने एक समिति बनाई. इसके बाद इन लोगों ने जगह-जगह पौधे लगाए. लेकिन देख-रेख की कमी के कारण पौधे सूखने लगे या फिर इन पौधों को मवेशी चरते थे.

पौधे लगाने की खास योजना
इसके बाद समिति के लोगों ने एक योजना बनाई. उन्होंने फैसला लिया कि वे नगर के ही लोगों से पौधे लगवाएंगे और उन्हें इनकी देख-रेख करने का संकल्प दिलाएंगे. इस काम के लिए उन्होंने लोगों के खास दिन जैसे उनका जन्मदिन या शादी जैसे अवसरों को चुना ताकि उस खास दिन के साथ वह व्यक्ति पौधों की देखरेख करना भी याद रखे.

लौट आई हरियाली
देखते ही देखते उनकी ये योजना सफल हो गई. अब लोग अपने खास मौकों पर बढ़-चढ़ कर पौधे लगा रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि वे इनकी देख-रेख भी कर रहे हैं जिससे अब नगर में हरियाली एक बार फिर लौट आई है. आज पंडरिया नगर आस पास के इलाकों के लिए एक आदर्श नगर के रूप में उभर रहा है.

Intro:पंडरिया नगर के शिक्षकों ने पर्यावरण बचाने और नगर को हराभरा बनाने लोगों को किया बेहतर तरिके से जागरूक, यूवाओं कि योजना सफल होते नजर आ रही है।


Body:एकंर - कवर्धा जिले के विकासखंड पंडरिया के यूवाओं ने पार्यावरण बचाने और पौधे लगाने लोगों को जगरुक कर लोगों को दिला रहे संकल्प। इस कार्य के लिए नगर के पेसे से टिचार है सभी यूवा। पौधे लगाने निकाला एक अलग ही अंदाज ताकि लोग अपने लगाऐ गऐ पौधे को बचाने व उसके देख रेख करना उनकी जुम्मेदारी बन जाऐ इसलिए पौधे को लोगों के खास दिन पर संकल्प के साथ लगवाते है।।

समिति के लगभग सभी सदस्य शिक्षक है , और अपने स्कुल कि ड्यूटी से आने के बाद नगर के लगे पौधे को रोजाना देख रेख करने निकल जाते है अपनी बच्चे की तरह सहेज रहे पौधे को शिक्षक ।
पंडरिया नगर मे किसी की शादी वाली दिन या जन्मदिन हो या किसी की मौत हो जाऐ तो उसकी याद मे पौधे लगाते है। साथ ही पौधे उनके घर या दुकानों के पास लगाते है ताकि पौधे की देख रेख हो सके और उसमे रोजाना पौधे को आसानी से पानी डाला जा सके ताकि पौधा पेड का रुप ले सके और उसे कोई नुकसान ना हो।

समिति के लोगों ने बताया।

नगर मे बडती गर्मी और पानी की बडती समस्या से निजात पाने पार्यावरण बचाने के लिए पहले तो हमने 12शिक्षकों ने एक समिति बनाई थी और नगर के बहुत से जगहों मे पौधे भी लगा रहे थे। मगर यह पौधे तो लगाऐ जा रहे थे पर देख रेख के कमी के कारण पौधे सुख जा रहे थे या फिर मवेशी चर देते थे और लोगों को कोई फर्क नही पड रहा था फिर समिति के लोगों ने एक योजना के तहत काम किया, जब लोग अपने खास दिनों मे अपने हाथों से पौधे लगाऐंगे और उस पौधे को बचाने व देख रेख करने का संकल्प लेगे तो योजना सफल होगा और नगर मे हरियाली बड सकती है। ऐसे मे समिति के लोगों ने इस तरहा काम किया और काम इतना सफल हुआ कि आज नगर के हर लोगों अपने जन्मदिन हो या शादी या किसी की याद मे पौधे लगा रहे है, और उस पौधे की देख रेख भी कर रहे है, बल्की नगर के साथ साथ आसपास के गाँव से समिति के लोगों को फोन करके बुलाते है कि हम पौधे लगाकर संकल्प लेना चाहते है आप लोगों आऐ अच्छा लगता है हमने जो प्रयास किया ओ सफल होते नजर आ रहा है ,और लोग पर्यावरण को लेकर जागरुक हो रहे है।


बाईट 01 मोहन सिंह राजपुत शिक्षक, पर्यावरण समिति (टी सर्ट)
बाईट02 अनुराग सिंह ठाकुर शिक्षक , पर्यावरण समिति ( पिंक सर्ट)
बाईट03 विजय जैसवाल , नगरवासी, पंडरिया (वाईट सेक)


Conclusion:
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