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बोरगांव की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा, केले के पेड़ की पत्तियों को मानते हैं मां का स्वरूप

कोंडागांव में बंग समुदाय धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहा है.

Bang society Historical Durga Puja
बोरगांव की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 9, 2024, 6:42 PM IST

कोंडागांव : फरसगांव ब्लॉक के बोरगांव में बंग समुदाय हर साल भव्य तरीके से दुर्गा पूजा का आयोजन करता है. इस बार भी नवरात्रि की षष्ठी तिथि को दुर्गा पूजा का शुभारंभ हुआ. इस पावन पर्व की शुरुआत सुबह तालाब के पास पूजन से की गई. तालाब के पास गांव की महिलाएं और कन्याएं पारंपरिक वेशभूषा में ढोल बाजा लेकर पहुंची थी.

केला पत्तियों को मानते हैं मां का प्रतीक : पूजा के लिए माता दुर्गा के प्रतीक स्वरूप नौ केला के पत्तियों को तालाब के जल से स्नान कराया गया. इसके बाद नगर में कलश यात्रा निकाली गई. इस दौरान कलश में जल भरकर पूजन स्थल पर स्थापित किया गया.

कोंडागांव में बंग समाज की दुर्गा पूजा (ETV BHARAT)

हर साल दुर्गा पूजा का आयोजन समाज करता है. इस बार भी विधि विधान से सभी रस्मों के साथ दुर्गा पूजा की जा रही है. हम पूरे समाज और जनता की सुख समृद्धि की कामना मां से कर रहे हैं- सुभाष भौमिक, मुख्य पुजारी बोरगांव

Banana leaves considered to form of Durga
केले के पत्तियों को मानते हैं मां का स्वरूप (ETV Bharat Chhattisgarh)

बंगाली समाज में दुर्गा पूजा का महत्व : बंगाली समाज के लिए शारदीय दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. षष्ठी पूजा के साथ मां दुर्गा के मुख के दर्शन होंगे, जो भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस पूजा के साथ क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला भी शुरू हो गई है, जिसमें जगराता, संध्या आरती, नौ कन्या भोज और सिंदूर खेला जैसे कार्यक्रम शामिल हैं.

Banana leaves considered to form of Durga
भव्य तरीके से होता है दुर्गा पूजा का आयोजन (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोंडागांव में नवरात्र पर्व की धूम, दुर्गा पूजा की तैयारी में जुटा बंगाली समुदाय

500 साल पहले शुरू हुई दुर्गा पूजा की यह परंपरा, चंद्रधुर्य राजघराना आज भी कर रहा फॉलो

कोंडागांव : फरसगांव ब्लॉक के बोरगांव में बंग समुदाय हर साल भव्य तरीके से दुर्गा पूजा का आयोजन करता है. इस बार भी नवरात्रि की षष्ठी तिथि को दुर्गा पूजा का शुभारंभ हुआ. इस पावन पर्व की शुरुआत सुबह तालाब के पास पूजन से की गई. तालाब के पास गांव की महिलाएं और कन्याएं पारंपरिक वेशभूषा में ढोल बाजा लेकर पहुंची थी.

केला पत्तियों को मानते हैं मां का प्रतीक : पूजा के लिए माता दुर्गा के प्रतीक स्वरूप नौ केला के पत्तियों को तालाब के जल से स्नान कराया गया. इसके बाद नगर में कलश यात्रा निकाली गई. इस दौरान कलश में जल भरकर पूजन स्थल पर स्थापित किया गया.

कोंडागांव में बंग समाज की दुर्गा पूजा (ETV BHARAT)

हर साल दुर्गा पूजा का आयोजन समाज करता है. इस बार भी विधि विधान से सभी रस्मों के साथ दुर्गा पूजा की जा रही है. हम पूरे समाज और जनता की सुख समृद्धि की कामना मां से कर रहे हैं- सुभाष भौमिक, मुख्य पुजारी बोरगांव

Banana leaves considered to form of Durga
केले के पत्तियों को मानते हैं मां का स्वरूप (ETV Bharat Chhattisgarh)

बंगाली समाज में दुर्गा पूजा का महत्व : बंगाली समाज के लिए शारदीय दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. षष्ठी पूजा के साथ मां दुर्गा के मुख के दर्शन होंगे, जो भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस पूजा के साथ क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला भी शुरू हो गई है, जिसमें जगराता, संध्या आरती, नौ कन्या भोज और सिंदूर खेला जैसे कार्यक्रम शामिल हैं.

Banana leaves considered to form of Durga
भव्य तरीके से होता है दुर्गा पूजा का आयोजन (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोंडागांव में नवरात्र पर्व की धूम, दुर्गा पूजा की तैयारी में जुटा बंगाली समुदाय

500 साल पहले शुरू हुई दुर्गा पूजा की यह परंपरा, चंद्रधुर्य राजघराना आज भी कर रहा फॉलो

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