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जशपुर : हाथी के हमले में तीन ग्रामीणों की मौत - jashpur

जशपुर में हाथियों के दल ने 3 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया. वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी.

three people died due to elephant attack in jashpur
नहीं थम रहा हाथियों का आतंक
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Published : Jan 11, 2021, 4:36 PM IST

जशपुर : जिले में जंगली हाथियों का आतंक जारी है. बीती रात जंगली हाथियों ने जिले के पत्थलगांव जनपद क्षेत्र में हमला बोल दिया. हाथियों के दल ने अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया. घटना की सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंच गया. वहीं DFO भी घटना स्थल के लिए रवाना हो गए.

नहीं थम रहा हाथियों का आतंक

इस घटना में एक ही परिवार के दो ग्रामीणों की मौत हो गई. साथ ही एक अन्य ग्रामीण को हाथी ने जंगल में कुचल डाला. जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. वन विभाग ने मृतक के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में 25 हजार रुपए दिए हैं. केस तैयार होने के बाद दोबारा 5 लाख 75 हजार रुपए मृतक के परिजन को दिया जाएगा. साल 2020 में हाथियों ने 26 लोगों की जान ली है.

three people died due to elephant attack in jashpur
नहीं थम रहा हाथियों का आतंक

अधिकारी का बयान

वनमंडलाधिकरी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि जंगली हाथियों ने रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात जिले के पत्थलगांव तहसील में तीन ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला है. पहली घटना लुड़ेग से लगे सराइटोला के बन्दरा कुंजरा के जंगल की है. यहां 50 वर्षीय दिलसाय चौहान को एक हाथी ने कुचलकर मार डाला. दिलसाय चौहान जंगल के रास्ते से कहीं जा रहा था. इस दौरान जंगली हाथी ने कुचलकर उसे मौत के घाट उतार दिया.

three people died due to elephant attack in jashpur
हाथी के हमले में तीन ग्रामीणों की मौत

पढ़ें : एक लाख से 3 लाख हैक्टेयर तक बढ़ी लेमरू हाथी अभ्यारण्य की सीमा

1987 में पहली बार छत्तीसगढ़ में हाथियों ने डाला था डेरा

छत्तीसगढ़ के पशु प्रेमी और जानवरों के जानकार नितिन सिंघवी बताते हैं कि पहली बार हाथी 1987 में अविभाजित छत्तीसगढ़ में पहुंचे थे. यह हाथी झारखंड और ओडिशा में हो रही माइनिंग के कारण छत्तीसगढ़ की जंगलों को ओर आये थे. इसके बाद से इन राज्यों से हाथियों का छत्तीसगढ़ आने का क्रम लगातार जारी रहा. छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से अब तक बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से हाथी छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं.

जशपुर : जिले में जंगली हाथियों का आतंक जारी है. बीती रात जंगली हाथियों ने जिले के पत्थलगांव जनपद क्षेत्र में हमला बोल दिया. हाथियों के दल ने अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया. घटना की सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंच गया. वहीं DFO भी घटना स्थल के लिए रवाना हो गए.

नहीं थम रहा हाथियों का आतंक

इस घटना में एक ही परिवार के दो ग्रामीणों की मौत हो गई. साथ ही एक अन्य ग्रामीण को हाथी ने जंगल में कुचल डाला. जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. वन विभाग ने मृतक के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में 25 हजार रुपए दिए हैं. केस तैयार होने के बाद दोबारा 5 लाख 75 हजार रुपए मृतक के परिजन को दिया जाएगा. साल 2020 में हाथियों ने 26 लोगों की जान ली है.

three people died due to elephant attack in jashpur
नहीं थम रहा हाथियों का आतंक

अधिकारी का बयान

वनमंडलाधिकरी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि जंगली हाथियों ने रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात जिले के पत्थलगांव तहसील में तीन ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला है. पहली घटना लुड़ेग से लगे सराइटोला के बन्दरा कुंजरा के जंगल की है. यहां 50 वर्षीय दिलसाय चौहान को एक हाथी ने कुचलकर मार डाला. दिलसाय चौहान जंगल के रास्ते से कहीं जा रहा था. इस दौरान जंगली हाथी ने कुचलकर उसे मौत के घाट उतार दिया.

three people died due to elephant attack in jashpur
हाथी के हमले में तीन ग्रामीणों की मौत

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1987 में पहली बार छत्तीसगढ़ में हाथियों ने डाला था डेरा

छत्तीसगढ़ के पशु प्रेमी और जानवरों के जानकार नितिन सिंघवी बताते हैं कि पहली बार हाथी 1987 में अविभाजित छत्तीसगढ़ में पहुंचे थे. यह हाथी झारखंड और ओडिशा में हो रही माइनिंग के कारण छत्तीसगढ़ की जंगलों को ओर आये थे. इसके बाद से इन राज्यों से हाथियों का छत्तीसगढ़ आने का क्रम लगातार जारी रहा. छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से अब तक बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से हाथी छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं.

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