जशपुर: जिले के सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शिक्षा सचिव ने अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूल को एक साथ संचालित करने के निर्देश दिए हैं. लेकिन इसके बाद भी शासकीय नवीन आदर्श स्कूल से निकाले गए विद्यार्थियों के स्कूल में पुन: प्रवेश का रास्ता साफ नहीं हो पाया है. जिसे लेकर स्कूल के बच्चों ने जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर अपनी समस्या सुनाई हैं. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने शासन के निर्देश के मुताबिक कार्रवाई का भरोसा दिया है.
दरअसल, शहर के शासकीय नवीन आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का चयन शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लिए किया गया है. इस स्कूल में पहली से लेकर कक्षा 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की जानी है. इसके लिए यहां 1932 से संचालित हिंदी माध्यम स्कूल को बंद करने का निर्णय लिया था. इसके तहत हिंदी माध्यम के कक्षा 6वीं, 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को टीसी थमा दिया गया.
इससे शहर में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. 9 सितंबर को प्रदेश के शिक्षा सचिव डॉ. आलोक शुक्ला जशपुर पहुंचे थे, जिनसे मुलाकात कर हिंदी माध्यम के छात्र और उनके अभिभावकों ने हिंदी माध्यम स्कूल को बंद कर,अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने पर विरोध जताया था. इस पर शिक्षा सचिव ने कलेक्टर को मामले का समाधान निकालने के निर्देश दिए थे.
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वहीं अधिकारियों के साथ बैठक कर कलेक्टर महादेव कांवरे ने नवीन आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्वालय में अंग्रेजी और हिंदी माध्यम की पढ़ाई एक साथ शुरू करने का निर्णय लिया था. लेकिन हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के सामने समस्या आ गई है कि उनका टीसी अलग-अलग स्कूलों में जमा हो चुका है. ऐसे में इन बच्चों के मन में प्रवेश से वंचित हो जाने का भय सता रहा है. हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने आश्वास्त किया कि शासन का जो भी निर्देश आएगा,उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.