दरअसल, बीते साल 27 जुलाई 2018 को कुनकुरी कैथोलिक सभा के सहायक सचिव ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि, गणेश राम भगत ने आरक्षण और धर्मांतरण को लेकर कासाबेल में जो बयान दिया है, वो आधारहीन है ईसाई समाज अलग धर्म को मानते हुए जनजातीय समाज की नीतियों और परंपराओं का पालन करती आ रही है. सहायक सचिव ने कहा था कि, गणेश राम भगत सार्वजनिक लाभ के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं. जिसपर तत्काल रोक लगाया जाए.
कैथोलिक सभा के सहायक सचिव के पत्र पर संज्ञान लेते हुए रविवार को पुलिस गणेश राम भगत का बयान दर्ज करने पहुंची थी. गणेश राम भगत के बयान दर्ज कराने के दौरान काफी संख्या में पूर्व मंत्री से समर्थक भी मौके पर मौजूद रहे. गणेश राम भगत ने कासाबेल की एक सभा में कहा था कि, छत्तीसगढ़ में काफी तेजी से धर्मांतरण हो रहा है, जिसपर रोक लगनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा था कि, जो लोग धर्मांतरण कर चुके हैं, उनको जनजातिय आरक्षण बंद कर देनी चाहिए.