जशपुर : शहर और शहरवासियों के बीचो-बीच रहकर अपने अस्तिव को खोते जा रहे प्राचीन सती तालाब को संवारने का जिम्मा प्रशासन ने अपने हाथ में ले लिया है. तालाब का गहरीकरण एवं सौर्न्दयीकरण का कार्य रायपुर के तेलीबांधा स्थित मरीन ड्राइव के अनुरूप कराए जाने की योजना है. सती के गहरीकरण और सौर्न्दयीकरण के लिए राज परिवार ने अपनी सहमति प्रशासन को दे दी है.
सती तालाब का सौर्न्दयीकरण के उद्देश्य से कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर और नगरपलिका के अध्यक्ष हीरूराम निकुंज ने सती तालाब का मुआयना किया. इस तालाब के साफ-सफाई और गहरीकरण के लिए की जा रही जल निकासी का भी अवलोकन किया.
तालाब के चारों ओर पोल लाइट की योजना
उन्होंने कहा कि तालाब स्थित पक्की ढोढ़ी और समीप केवड़ाबाड़ी को संरक्षित किया जाएगा. तालाब के चारों ओर पोल लाइट लगाई जाएगी. इस अवसर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी बसंत बुनकर एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे. मुख्य नगरपालिका अधिकारी बसंत बुनकर ने बताया कि इस तालाब का पानी पूरी तरह प्रदूषित है. जलकुम्भी और जलीय खरपतवार ने इस तालाब के अस्तिव को खत्म सा कर दिया है. वहीं तालाब के आधे हिस्से में मिट्टी का जमाव भी है.
पानी को बहाने के बाद गहरीकरण कार्य शुरू
उन्होंने बताया कि तालाब के प्रदूषित पानी को बहाने के बाद इसके सूखते ही गहरीकरण कार्य शुरू किया जाएगा. आवश्यकतानुसार पिचिंग एवं सौर्न्दयीकरण का कार्य भी कराए जाएंगे. साथ ही तालाब के ऊपरी हिस्से से पक्की ढोढ़ी को भी दुरूस्त किया जाएगा. इसके आलावा केवड़ा बाड़ी की भी देख-रेख की जाएगी.
रिक्त भूमि पर गार्डन विकसित करने की योजना
बुनकर ने बताया कि तालाब एरिया की रिक्त भूमि पर गार्डन विकसित किया जाएगा. इसे फेन्सिंग कराकर वनस्पतिक पौधे लगाए जाएंगे. बता दें कि सती तालाब शहर के प्रमुख तालाबों में से एक है, जो शहर के मध्य स्थित है लेकिन, साफ-सफाई के अभाव में इस तालाब ने अपना अस्तित्व लगभग खो दिया है.