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आदिवासी शराब छोड़ दें इसलिए इस बीजेपी नेता ने 49 साल से नमक नहीं खाया

बीजेपी के अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने एक प्रण के चलते पिछले 49 सालों से नमक नहीं खाया है.

नंदकुमार साय ,राष्ट्रीय अध्यक्ष,अनुसूचित जनजाति आयोग
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Published : Aug 20, 2019, 3:26 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 7:04 PM IST

जशपुर: 15 साल का वनवास काटकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी का वादा किया है. सरकार ने अभी इस तरफ न तो कोई कदम बढ़ाया है और न ही कोई स्पष्ट बयान सामने आया है. एक तरफ जहां भाजपा और जोगी कांग्रेस प्रदेश सरकार को शराबबंदी के मुद्दे पर घेर रहे हैं, तो वहीं एक नेता ऐसा है जिसने आदिवासियों से शराब छुड़वाने के लिए 49 साल से नमक नहीं खाया है.

आदिवासी शराब छोड़ दें इसलिए इस बीजेपी नेता ने 49 साल से नमक नहीं खाया

अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने शराब के खिलाफ 50 साल से मुहिम छेड़ रखी है और इसके लिए 49 साल से नमक नहीं खाया. नंदकुमार साय छात्र जीवन से राजनीति में रहे. 1969 में वे जशपुर के एनईएस महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे.

इस दौरान उन्होंने देखा कि शराब की वजह से लोगों की मौत हो रही है. इस लत की वजह से कई परिवार निर्धन हुए जा रहे हैं, दाने-दाने को मोहताज हैं. इसके बाद उन्होंने इस दिशा में कुछ करने की ठानी और अन्य कॉलेज के छात्रों की मदद से शराबबंदी के लिए मुहिम छेड़ दी थी. आदिवासियों के साथ साथ अन्य वर्गों में शराब छुड़ाने के लिए वो छात्र जीवन से ही प्रयासरत थे.

नंदकुमार साय ने सुनाई कहानी

साल 1970 में जशपुर के ही एक गांव में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने शराबबन्दी और शराब छोड़ने के मुद्दे पर नंदकुमार साय से कहा कि आप शराबबंदी के लिए तो काफी मेहनत कर रहे पर ग्रामीण शराब नहीं छोड़ पा रहे.

गांववालों ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति नमक का त्याग कर देता तो उसे आदर्श मानकर सारे ग्रामीण शराब छोड़ देंगे.

पढ़ें :पीएम मोदी से बात कर बोले डोनाल्ड ट्रंप- कश्मीर में एक कठिन स्थिति, लेकिन अच्छी बातचीत!

ग्रामीणों ने नंदकुमार साय से कहा कि अगर आप नमक छोड़ दें तो हम भी शराब छोड़ देंगे तब से नंदकुमार साय ने आज तक नमक नहीं खाया और पिछले 49 साल से लगातार शराबबंदी के पक्ष में खड़े हैं.
प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा घोषणापत्र में शामिल शराबबंदी के मुद्दे पर नंदकुमार साय ने कहा कि इसके लिए मन में इरादे मजबूत होने चाहिए.

उन्होंने गुजरात और बिहार में सरकार ने पहल की और आज वहां शराबबंदी पूरी तरह सफल हुई है. साय ने कहा कि अगर सरकार ने शराबबंदी का वादा किया है तो उसे निभाना चाहिए.

जशपुर: 15 साल का वनवास काटकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी का वादा किया है. सरकार ने अभी इस तरफ न तो कोई कदम बढ़ाया है और न ही कोई स्पष्ट बयान सामने आया है. एक तरफ जहां भाजपा और जोगी कांग्रेस प्रदेश सरकार को शराबबंदी के मुद्दे पर घेर रहे हैं, तो वहीं एक नेता ऐसा है जिसने आदिवासियों से शराब छुड़वाने के लिए 49 साल से नमक नहीं खाया है.

आदिवासी शराब छोड़ दें इसलिए इस बीजेपी नेता ने 49 साल से नमक नहीं खाया

अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने शराब के खिलाफ 50 साल से मुहिम छेड़ रखी है और इसके लिए 49 साल से नमक नहीं खाया. नंदकुमार साय छात्र जीवन से राजनीति में रहे. 1969 में वे जशपुर के एनईएस महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे.

इस दौरान उन्होंने देखा कि शराब की वजह से लोगों की मौत हो रही है. इस लत की वजह से कई परिवार निर्धन हुए जा रहे हैं, दाने-दाने को मोहताज हैं. इसके बाद उन्होंने इस दिशा में कुछ करने की ठानी और अन्य कॉलेज के छात्रों की मदद से शराबबंदी के लिए मुहिम छेड़ दी थी. आदिवासियों के साथ साथ अन्य वर्गों में शराब छुड़ाने के लिए वो छात्र जीवन से ही प्रयासरत थे.

नंदकुमार साय ने सुनाई कहानी

साल 1970 में जशपुर के ही एक गांव में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने शराबबन्दी और शराब छोड़ने के मुद्दे पर नंदकुमार साय से कहा कि आप शराबबंदी के लिए तो काफी मेहनत कर रहे पर ग्रामीण शराब नहीं छोड़ पा रहे.

गांववालों ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति नमक का त्याग कर देता तो उसे आदर्श मानकर सारे ग्रामीण शराब छोड़ देंगे.

पढ़ें :पीएम मोदी से बात कर बोले डोनाल्ड ट्रंप- कश्मीर में एक कठिन स्थिति, लेकिन अच्छी बातचीत!

ग्रामीणों ने नंदकुमार साय से कहा कि अगर आप नमक छोड़ दें तो हम भी शराब छोड़ देंगे तब से नंदकुमार साय ने आज तक नमक नहीं खाया और पिछले 49 साल से लगातार शराबबंदी के पक्ष में खड़े हैं.
प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा घोषणापत्र में शामिल शराबबंदी के मुद्दे पर नंदकुमार साय ने कहा कि इसके लिए मन में इरादे मजबूत होने चाहिए.

उन्होंने गुजरात और बिहार में सरकार ने पहल की और आज वहां शराबबंदी पूरी तरह सफल हुई है. साय ने कहा कि अगर सरकार ने शराबबंदी का वादा किया है तो उसे निभाना चाहिए.

Intro:जशपुर प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद शराबबन्दी की माँग तेज हो गयी है।शराबबंदी के मुद्दे को काँग्रेस ने अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया था।लेकिन आज हम आपको ऐसी सख्सियत से रूबरू करवाने जा रहे हैं जिसने शराबबन्दी को लेकर पिछले 50 सालों से मुहिम छेड़ रखी है और आदिवासियों को शराब छुड़वाने के लिए उन्होंने पिछले 49 सालों से नमक नहीं खाया।

Body:जी हॉ यह है अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय।नंदकुमार साय छात्र जीवन से ही राजनीति में रहे हैं।1969 में वे जशपुर के एनईएस महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।इस दौरान उन्हीने देखा कि शराब की वजह से लोगों की मौतें हो रही है,,शराब की लत की वजह से कई परिवारो के जमीन जायदाद तक बिक जा रहे हैं जिसके बाद उन्होंने इस दिशा में कुछ करने की ठानी और अन्य कॉलेज के छात्रों की मदद से  उन्होंने शराबबन्दी के लिये मुहिम छेड़ दी थी।आदिवासियों के साथ साथ अन्य वर्गों में शराब छुड़ाने के लिए वो छात्र जीवन से ही प्रयासरत थे।


सन 1970 में जशपुर के ही एक गाँव मे बैठक का आयोजन किया गया जिसमें ग्रामीणों ने शराबबन्दी और शराब छोड़ने के मुद्दे पर नंदकुमार साय से कहा कि आप शराबबंदी के लिए तो काफी मेहनत कर रहे पर ग्रामीण शराब नही छोड़ पा रहे।अगर कोई व्यक्ति नमक का त्याग कर देता तो उसे आदर्श मानकर  सारे ग्रामीण शराब छोड़ देंगे।ग्रामीणों ने नंदकुमार साय से कहा कि अगर आप  नमक छोड़ दें तो हम भी शराब छोड़ देंगे तब से नंदकुमार साय ने आज तक नमक नही खाया और पिछले 49 सालों से वो लगातार शराबबन्दी के लिए पहल करते रहे हैं।
Conclusion:प्रदेश में काँग्रेस सरकार द्वारा घोषणापत्र में शामिल शराबबन्दी के मुद्दे पर नंदकुमार साय ने कहा कि शराबबन्दी लागू करने के लिए मन मे इरादे मजबूत होने चाहिए, गुजरात और बिहार में सरकार ने पहल की और आज वहाँ शराबबन्दी पूर्णतः सफल हुई है।अगर  मौजूदा सरकार ने शराबबन्दी का वादा किया है तो उसे पूर्ण करनी चाहिए।वहीं स्थानीय लोगों ने भी नंदकुमार साय द्वारा शराबबन्दी के लिए पिछले 50 सालों से किये जा रहे प्रयास की प्रशंसा करते हुए प्रदेश में जल्द शराबबन्दी की माँग की है।

बाईट 1- नंदकुमार साय (अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग )
बाईट 2- नंदकुमार साय ------//-------
बाईट 3- नंदकुमार साय ------//-------
बाईट 4- मधुसूदन भगत (स्थानीय निवासी)
बाईट 5- चंद्रदेव यादव (स्थानीय निवासी)

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Aug 20, 2019, 7:04 PM IST
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