जशपुर: बीमार पत्नी के इलाज के लिए पैसे कमाने छत्तीसगढ़ से बाहर गोवा गए पति और उसके भाई को कंपनी के संचालक ने बंधक बना लिया था. बंधक बन चुके पति और देवर को छुड़ाने के लिए बीमार पत्नी ने मदद के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई थी. जिसके बाद कलेक्टर महादेव कावरे ने उसकी सहायता के लिए पहल करते हुए गोवा के कोलवा इलाके के स्थानीय प्रशासन के सहयोग से बंधक बने मजदूर को रिहा करा लिया है. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है, साथ ही इसके लिए कलेक्टर को धन्यवाद दिया है.
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दरअसल नारायणपुर थाना इलाके के रनपुर गांव की मंजीता चौहान ने कलेक्टर महादेव कावरे को ज्ञापन सौंपकर बताया था कि वह पथरी की बीमारी से जूझ रही है. इसके इलाज के लिए उसके पति पुरुषोत्तम चौहान और देवर अंकित रुपए कमाने के लिए जून महीने से गोवा गए हुए हैं. गोवा में दोनों ने कोलवा इलाके के एक निजी बोट कंपनी में मजदूरी करना शुरू किया था, लेकिन कंपनी संचालक दोनों को घर आने के लिए ना तो छुट्टी दे रहा था और ना तो बकाया मजदूरी का भुगतान ही कर रहा था. इससे दोनों गोवा में फंसे हुए थे.
आवेदन पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर महादेव कावरे ने दोनों प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर तक लाने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश जिला श्रम अधिकारी एएस पात्रे को दिया था. पात्रे ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर गोवा प्रशासन के सहयोग से पुरुषोत्तम और अंकित को कंपनी से ना केवल छुड़ाया गया, बल्कि उन्हें बकाया मजदूरी राशि का भी भुगतान करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम और अंकित गोवा से मुंबई पहुंच चुके हैं. यहां वे अपने एक रिश्तेदार के घर में रुके हुए हैं. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से बीमार महिला मंजीता और उसके दोनों बच्चों को काफी राहत मिली है.