राजनांदगांव : नगरीय निकाय चुनाव से पहले दिव्यांग संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. दिव्यांग संघ का आरोप है कि उनकी मांगों को सरकार दरकिनार कर रही है. कई बार आवेदन देने के बाद भी उनके लिए सरकार ने किसी भी तरह का सकारात्मक कदम नहीं उठाया.लिहाजा अब वो अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
छह सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन : राजनांदगांव कलेक्टोरेट में दिव्यांग जनों ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. दिव्यांगजनों ने अपनी मांगों को पूरा करने की बात कही है. छह सूत्रीय मांगों में 5 हजार पेंशन दिए जाने,दिव्यांगजन विशेष भर्ती अभियान चलाकर जल्द शासकीय पदों पर भर्ती किए जाने,राशन कार्ड की बाध्यता खत्म किए जाने और अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.
अफसरों ने मांगों पर नहीं दिया ध्यान : वहीं इस दौरान दिव्यांगजन महिला हिना साहू ने बताया कि दिव्यांगजन यहां आए हुए हैं. हमारी छह सूत्रीय मांगों को लेकर हम 6 महीने से लगातार कोशिश कर रहे हैं.विभागीय मंत्री और अधिकारियों से भी चर्चा की गई है. लेकिन हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया है.
अभी आगामी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हमारे परिवार वाले और हम लोग कोई वोट नहीं करेंगे. चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा,पूरे देश में 70 लाख व्यक्ति दिव्यांग हैं - हिना साहू , दिव्यांग महिला
वहीं दिव्यांग संघ के जिला अध्यक्ष हेमंत दास साहू ने बताया कि हमारी जो छह सूत्रीय मांग है. दिव्यांगजनों का उसे पूरा नहीं किया गया है.
4 से 5 बार हम लोग प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. कई बार हमें आश्वासन दिया जा चुका है. वादा खिलाफी छलावा हमारे साथ किया गया है. अभी तक हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है. जिसके कारण ज्ञापन सौंपा गया है. आने वाले दिनों में चुनाव बहिष्कार के साथ ही अन्य प्रदर्शन किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर जो नौकरी कर रहे हैं उनको बर्खास्त किया जाए और अन्य मांगों को लेकर पत्र सौंपा गया है- हेमंत दास साहू, जिलाध्यक्ष दिव्यांग संघ
आपको बता दें कि दिव्यांगजनों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर दिव्यांगजनों ने ज्ञापन सौंपा है. वहीं अधिकारियों ने जल्द से जल्द दिव्यांगों की समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया है.वहीं दूसरी ओर दिव्यांगजनों ने मांगें पूरी नहीं होने पर आने वाले दिनों में चुनाव बहिष्कार के साथ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
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