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जशपुर का स्टोन मैन : 12 वर्षों से पत्थर खाकर जिंदा है यह इंसान, जानिये क्या है सच्चाई

जशपुर जिले का संतोष खाता है पत्थर. पत्थर खाकर ये शख्स लोगों के रोग को हर लेता है. अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर...

Stone Man of Jashpur
जशपुर के स्टोन मैन
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Published : Mar 31, 2022, 10:12 PM IST

जशपुर : हर किसी को कुछ न कुछ खाने का शौक होता है. कुछ लोग अपने फेवरेट डिश के इतने दिवाने होते हैं कि हर दिन वो अपने पसंद का ही खाते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के जशपुर का एक शख्स महज पत्थर खाता है. पत्थर खाकर ही उसका पेट भी भरता है और पत्थर खाने के बाद ये शख्स लोगों की लाइलाज बीमारी का इलाज भी करता है. ये शख्स तकरीबन 12 वर्षों से पत्थर खा रहा है, लेकिन इसे कोई बीमारी नहीं है.

हम बात कर रहे हैं जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम छिपाताला के संतोष लकड़ा की. संतोष पत्थर खाता है और ईश्वरीय प्रार्थना कर लोगों की बीमारियां और दुख-दर्द क्षण भर में खत्म कर देता है.

पत्थर खाकर करता है बिमारियों का इलाज

कई लोगों की तकलीफें की दूर : दरअसल, संतोष ईसाई धर्म को मानता है. उसने अपने घर में पूजा के कमरे में प्रभु यीशु की कई प्रतिमाएं और फोटो लगा रखी हैं. इसी कमरे में बैठकर संतोष प्रार्थना के माध्यम से लोगों की तकलीफें भी दूर करता है. उसने अब तक शारीरिक एवं अन्य परेशानियों से परेशान सैकड़ों लोगो की तकलीफें दूर की हैं. संतोष प्रार्थना के दौरान घुटनों के बल बैठता है और दोनों घुटनों के नीचे खुरदुरे पत्थरों को रखकर ईश्वर की आराधना करता है. फिर लोगों के दुख-दर्द को अपने अन्दर ग्रहण करने का दावा भी करता है. इसके लिए संतोष पत्थरों के टुकड़ों को निगलकर पेट तक पहुंचाता है.

पत्थर के फंसने से हो सकती है मौत : आम तौर पर पत्थरों को सीधे निगलने के दौरान स्वास नली में फंसने के बाद इंसान की मौत भी हो सकती है. लेकिन संतोष बड़ी आसानी से पत्थरों के टुकड़ों को निगल रहा है. संतोष का कहना है कि इस कला के पीछे ईश्वरीय शक्ति है. इसको खाने से उसे कोई तकलीफ नहीं होती. पत्थरों के खाने के बाद उसे खाना खाने की जरूरत नहीं पड़ती. उसका पेट इन पत्थरों से ही भर जाता है. ये शख्स पत्थर आराम से पचा लेता है.

यह भी पढ़ें: रायपुर महामाया मंदिर : नवरात्र में "देवी" जलाती हैं प्रथम ज्योत, यहां आज भी चकमक पत्थर की चिंगारी से ही जलती है ज्योत

पहले परिजनों को होता था डर : संतोष के पत्थर खाने की कला से स्थानीय लोग और उनके परिजन भी हैरान हैं. उनका मानना है कि उन्होंने इस तरह से पत्थर खाते आज तक किसी को नहीं देखा. ये अपने आप में अद्भुत कारनामा है. परिजनों को पहले ये डर सताता था कि पत्थर खाने के दौरान कभी कुछ घटना न घट जाए. लेकिन अब उनको भी अब इसकी आदत हो गई है.

चिकित्सक भी हैरान : संतोष के पड़ोसी कहते हैं कि सन्तोष ने आज तक सैकड़ों लोगों की बीमारियां ठीक की हैं. पत्थर खाने से उसे कोई तकलीफ नहीं हुई है. वहीं, चिकित्सक भी हैरान हैं कि आखिरकार कोई कैसे पत्थर खाकर जीवित रह सकता है.

जशपुर : हर किसी को कुछ न कुछ खाने का शौक होता है. कुछ लोग अपने फेवरेट डिश के इतने दिवाने होते हैं कि हर दिन वो अपने पसंद का ही खाते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के जशपुर का एक शख्स महज पत्थर खाता है. पत्थर खाकर ही उसका पेट भी भरता है और पत्थर खाने के बाद ये शख्स लोगों की लाइलाज बीमारी का इलाज भी करता है. ये शख्स तकरीबन 12 वर्षों से पत्थर खा रहा है, लेकिन इसे कोई बीमारी नहीं है.

हम बात कर रहे हैं जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम छिपाताला के संतोष लकड़ा की. संतोष पत्थर खाता है और ईश्वरीय प्रार्थना कर लोगों की बीमारियां और दुख-दर्द क्षण भर में खत्म कर देता है.

पत्थर खाकर करता है बिमारियों का इलाज

कई लोगों की तकलीफें की दूर : दरअसल, संतोष ईसाई धर्म को मानता है. उसने अपने घर में पूजा के कमरे में प्रभु यीशु की कई प्रतिमाएं और फोटो लगा रखी हैं. इसी कमरे में बैठकर संतोष प्रार्थना के माध्यम से लोगों की तकलीफें भी दूर करता है. उसने अब तक शारीरिक एवं अन्य परेशानियों से परेशान सैकड़ों लोगो की तकलीफें दूर की हैं. संतोष प्रार्थना के दौरान घुटनों के बल बैठता है और दोनों घुटनों के नीचे खुरदुरे पत्थरों को रखकर ईश्वर की आराधना करता है. फिर लोगों के दुख-दर्द को अपने अन्दर ग्रहण करने का दावा भी करता है. इसके लिए संतोष पत्थरों के टुकड़ों को निगलकर पेट तक पहुंचाता है.

पत्थर के फंसने से हो सकती है मौत : आम तौर पर पत्थरों को सीधे निगलने के दौरान स्वास नली में फंसने के बाद इंसान की मौत भी हो सकती है. लेकिन संतोष बड़ी आसानी से पत्थरों के टुकड़ों को निगल रहा है. संतोष का कहना है कि इस कला के पीछे ईश्वरीय शक्ति है. इसको खाने से उसे कोई तकलीफ नहीं होती. पत्थरों के खाने के बाद उसे खाना खाने की जरूरत नहीं पड़ती. उसका पेट इन पत्थरों से ही भर जाता है. ये शख्स पत्थर आराम से पचा लेता है.

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पहले परिजनों को होता था डर : संतोष के पत्थर खाने की कला से स्थानीय लोग और उनके परिजन भी हैरान हैं. उनका मानना है कि उन्होंने इस तरह से पत्थर खाते आज तक किसी को नहीं देखा. ये अपने आप में अद्भुत कारनामा है. परिजनों को पहले ये डर सताता था कि पत्थर खाने के दौरान कभी कुछ घटना न घट जाए. लेकिन अब उनको भी अब इसकी आदत हो गई है.

चिकित्सक भी हैरान : संतोष के पड़ोसी कहते हैं कि सन्तोष ने आज तक सैकड़ों लोगों की बीमारियां ठीक की हैं. पत्थर खाने से उसे कोई तकलीफ नहीं हुई है. वहीं, चिकित्सक भी हैरान हैं कि आखिरकार कोई कैसे पत्थर खाकर जीवित रह सकता है.

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