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जशपुर : कम बारिश से बढ़ी महंगाई, आम आदमी की थाली से गायब हो रही हरी सब्जी

सब्जियों के बढ़ते दामों से आम जनता काफी परेशान है. वहीं बढ़ती महंगाई कारण दुकानदार राज्य में हो रही कम बारिश को बता रहे हैं.

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Published : Sep 3, 2019, 11:25 AM IST

कम बारिश से बढ़ी महंगाई

जशपुर : कम बारिश से हरी सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे हरी सब्जियां आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही हैं. मंडियों में सब्जियां दोगुने दामों में बढ़ रही हैं, इसके पीछे सब्जी विक्रेताओं ने कम बारिश को वजह बताया है.

कम बारिश से बढ़ी महंगाई परेशान आम लोग

मानसून की बेरुखी ने धान की फसल को नुकसान तो पहुंचाया ही साथ ही साथ हरी सब्जियों पर भी अपना असर डाला है. टमाटर, प्याज, भिंडी से लेकर हरी सब्जियां दोगुने दाम में बिक रही हैं. ऐसे में आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही हैं. खरीदारों की माने तो पहले जितने रुपए में झोला भरकर सब्जी की खरीददारी हो जाया करती थी, उतने रुपए में अब एक समय की सब्जी भी नहीं मिल पाती'.

पढ़ें - रोजी पर मंदी की मार, मूर्तिकार कर रहे रोजगार बदलने पर विचार

वहीं सब्जी विक्रेता भी सब्जियों की बढ़ी कीमतों से काफी परेशान हैं, उनकी लागत में तो इजाफा हुआ है, लेकिन फायदा जस का तस ही है. सब्जी विक्रेता बढ़ी कीमतों के पीछे कम बारिश होना बता रहे हैं.

जशपुर : कम बारिश से हरी सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे हरी सब्जियां आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही हैं. मंडियों में सब्जियां दोगुने दामों में बढ़ रही हैं, इसके पीछे सब्जी विक्रेताओं ने कम बारिश को वजह बताया है.

कम बारिश से बढ़ी महंगाई परेशान आम लोग

मानसून की बेरुखी ने धान की फसल को नुकसान तो पहुंचाया ही साथ ही साथ हरी सब्जियों पर भी अपना असर डाला है. टमाटर, प्याज, भिंडी से लेकर हरी सब्जियां दोगुने दाम में बिक रही हैं. ऐसे में आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही हैं. खरीदारों की माने तो पहले जितने रुपए में झोला भरकर सब्जी की खरीददारी हो जाया करती थी, उतने रुपए में अब एक समय की सब्जी भी नहीं मिल पाती'.

पढ़ें - रोजी पर मंदी की मार, मूर्तिकार कर रहे रोजगार बदलने पर विचार

वहीं सब्जी विक्रेता भी सब्जियों की बढ़ी कीमतों से काफी परेशान हैं, उनकी लागत में तो इजाफा हुआ है, लेकिन फायदा जस का तस ही है. सब्जी विक्रेता बढ़ी कीमतों के पीछे कम बारिश होना बता रहे हैं.

Intro:एंकर... मंहगाई ने खाने की थाली का स्वाद तो पहले ही बिगाड़ दिया था, अब हरी सब्जियों की बढी किमतों से आम आदमी की पहुंच से हरी सब्जियां भी बाहर हो गई है। सब्जियां अपने दुगने भाव मे मंडियों मे बिक रही है, तो सब्जी विक्रेता भी इस बढी कीमत से हैरान है और बारिश की बेरुखी को इसका कारण बता रहे है।Body:
व्हीओ 1... मानसून की बेरुखी ने धान की फसल को नुक्सान तो पहुंचाया ही साथ ही साथ हरी सब्जियों पर भी अपना असर डाला।आम आदमी पहले ही मंहगाई की मार झेल रहा था, ऊपर से सब्जियों की बढी कीमतों ने उसकी कमर ही तोड दी है। टमाटर, प्याज, भिंडी से लेकर हरी सब्जियां अपने दुगने से तीगने भाव मे बिक रही है। ऐसे मे आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब ही होती जा रही है। उपभोक्ताओं की माने तो पहले जितने पैसो में झोले भर सब्जी की खरीददारी हो जाया करती थी उतने पैसो मे अब एक पहर की सब्जियां भी नहीं मिल पाती।

बाईट 1.. हेम लाल साहू (आम नागरिक चेक टिसर्ट)

बाईट 2 ..लक्ष्मी कांत सोनी (आम नागरिक ,पीला सर्ट पहने )


व्हीओ 2 .. उधर सब्जी विक्रेता भी सब्जियों की बढी किमतों से काफी परेशान है। उनकी लागत मे तो इजाफा हुआ मगर फायदा जस का तस ही है। सब्जी विक्रेता बढी किमत को कम बारिश का नतीजा मान रहे है। उनका ये भी कहना है कि महंगाई में वृद्धि का असर हरी सब्जियों पर भी पडा है।

बाईट.. मोहन (सब्जी विक्रेता , बनीयान पहने)Conclusion:पेट्रोलियम पदार्थों मे हुई वृद्धि ने महंगाई मे आग मे घी का काम किया था, और अब थाली पर से सब्जी भी नदारद ही नजर आ रही है। ऐसे मे महंगाई की ये दावानल और किस किस को अपनी चपेट ये लेगा ये देखने वाली बात होगी।

जितेन्द्र सोनी पत्थलगांव
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