जशपुर: जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में बालोत्सव का आयोजन किया गया. इस महोत्सव में जिले भर के विभिन्न कालेजों और हायर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक बुराइयों एवं ग्रामीण अंचल की समस्याओं को शासन तक पहुंचाना है. अब गांव के बच्चे फोटोग्राफ्स और वीडियो के माध्यम से जिला प्रशासन को अपने गांव और अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया.
कार्यक्रम में जन समस्या और सामाजिक बुराइयों के बारे में हुई चर्चा
इस कार्यक्रम में यूनिसेफ के साथ जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने युवाओं से जन समस्या एवं सामाजिक बुराइयों के बारे में उनसे खुलकर बातचीत की. युवाओं ने अपने-अपने क्षेत्र की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, एवं विकास के मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखी.
एंबेसडर बन योजनाओं को गांव के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम करेंगे बच्चे
रुर्बन मिशन के विशेषज्ञ शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यक्रम में एनसीसी और एनएसएस के साथ-साथ मानव तस्करी से प्रभावित बच्चों को इसमें शामिल किया गया है. जिसमें 150 बच्चे शामिल हैं, इनमें से 30 बच्चों को चिन्हित किया जाएगा जो जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ की योजनाओं को गांव के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम करेंगे. और ये बच्चे ही जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के एंबेसडर रहेंगे.
जिला प्रशासन और यूनिसेफ ने 'संगवारी खबरिया' के नाम से दिया एक नया प्लेटफार्म
यूनिसेफ और जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों एवं कालेजों में अध्ययनरत एवं शिक्षा पूरी कर चुके युवाओं को सामाजिक सरोकार से जोड़ने के उद्देश्य से उन्हें संगवारी खबरिया के नाम से एक प्लेटफार्म दिया गया है, संगवारी खबरिया से जुड़े युवा सामाजिक बुराइयों एवं जनसमस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने और उसके निदान में मदद करते हैं.