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पानी टंकी हुई जर्जर, बढ़ा पेयजल का संकट

चंद्रपुर विधानसभा के केनापाली ग्राम पंचायत में बनी पानी टंकी जर्जर हो चुकी है. पानी टंकी का निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. सरकार की ओर से साल 2016-17 में लगभग 11 लाख रूपए की लागत से इस पानी टंकी का निर्माण कराया गया था. साथ ही घरों तक पानी पहुंचाने के लिए गांव की गलियों में पाइपलाइन बिछाई गई थी और नल भी फिट कराए गए थे.

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पानी टंकी हुई जर्जर
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Published : Apr 14, 2020, 8:13 PM IST

Updated : Apr 16, 2020, 12:03 PM IST

जांजगीर-चांपा: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जहां देश जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर डभरा ब्लॉक के कई गांव ऐसे हैं, जो पेयजल संकट और पानी निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं. इलाके में पानी का लेवल बेहद नीचे चला गया है.

टंकी निर्माण में भारी भ्रष्टाचार

चंद्रपुर विधानसभा के केनापाली ग्राम पंचायत में बनी पानी टंकी जर्जर हो चुकी है. पानी टंकी का निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. सरकार की ओर से साल 2016-17 में लगभग 11 लाख रूपए की लागत से इस पानी टंकी का निर्माण कराया गया था. साथ ही घरों तक पानी पहुंचाने के लिए गांव की गलियों में पाइपलाइन बिछाई गई थी और नल भी फिट कराए गए थे. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ठेकेदार की के लापरवाही के कारण पानी की टंकी का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन रहा. जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

सूख गए सारे तालाब: ग्रामीण

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि, केनापाली में पानी निकासी की भी समस्या गंभीर हो गई है. गांव के निस्तारी के सभी तालाब सूख चुके हैं तालाब में 3 से 4 फीट पानी बचा है. जिसमें ग्रामीण नहाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में काई जम गई है. अगर गांव की पानी टंकी चालू रहती, तो समस्या नहीं होती. ठेकेदार ने पीएचई विभाग की देखरेख में पानी टंकी का निर्माण और पाइप लाइन बिछावाई थी, जिसके निर्माण के 3 साल बाद भी अब तक ग्रामीणों को पानी टंकी का फायदा नहीं मिला है. जिस कारण ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं.

उपयोग नहीं होने से जर्जर हुई टंकी

तापमान ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से पेयजल और पानी निकासी की समस्या गहराती जा रही है. पानी की टंकी उपयोग नहीं होने से जर्जर हो चुकी है, जो कभी भी किसी बड़ी अनहोनी को बुलावा दे सकता है. वहीं ग्रामीणों को पानी पीने के लिए हैंडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है, फिलहाल हालात यह है कि, हैंडपंप का गला भी सूख चुका है.

विधायक और सांसद से कर चुके शिकायत

ग्रामीणों ने पानी की टंकी से वाटर सप्लाई शु्रू करने के लिए जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की है. ग्रामीणों ने पीएचई विभाग के अधिकारियों, क्षेत्रिय विधायक और सांसद को भी मामले से अवगत करा चुके हैं. इसके बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इलाके में बनी कई पानी की टंकियां बेकार हो चुकी हैं. जैसे सुखदा, कटौद, बघोद गांवों में पानी टंकी शो पीस बन कर रह गई है. ग्रामीणों को नलजल योजनाओं का फायदा भी नहीं मिल रहा है.

पूर्व सरपंच को किया गया था हैंडओवर: उपअभियंता

मामले में पीएचई विभाग के उपअभियंता केएस पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायत केनापाली में निर्मित पानी टंकी को चालू करने के बाद उस वक्त के सरपपंच को हैंडओवर कर दिया गया है और मेंटेनेंस की राशि भी दी गई थी. इसके बाद भी पूर्व सरपंच ने पानी टंकी को चालू करने की ओर ध्यान नहीं दिया. अभी वर्तमान सरपंच से बात कर विभाग की ओर से पानी टंकी से वाटर सप्लाई चालू करने का प्रयास किया जाएगा. ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­

जांजगीर-चांपा: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जहां देश जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर डभरा ब्लॉक के कई गांव ऐसे हैं, जो पेयजल संकट और पानी निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं. इलाके में पानी का लेवल बेहद नीचे चला गया है.

टंकी निर्माण में भारी भ्रष्टाचार

चंद्रपुर विधानसभा के केनापाली ग्राम पंचायत में बनी पानी टंकी जर्जर हो चुकी है. पानी टंकी का निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. सरकार की ओर से साल 2016-17 में लगभग 11 लाख रूपए की लागत से इस पानी टंकी का निर्माण कराया गया था. साथ ही घरों तक पानी पहुंचाने के लिए गांव की गलियों में पाइपलाइन बिछाई गई थी और नल भी फिट कराए गए थे. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ठेकेदार की के लापरवाही के कारण पानी की टंकी का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन रहा. जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

सूख गए सारे तालाब: ग्रामीण

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि, केनापाली में पानी निकासी की भी समस्या गंभीर हो गई है. गांव के निस्तारी के सभी तालाब सूख चुके हैं तालाब में 3 से 4 फीट पानी बचा है. जिसमें ग्रामीण नहाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में काई जम गई है. अगर गांव की पानी टंकी चालू रहती, तो समस्या नहीं होती. ठेकेदार ने पीएचई विभाग की देखरेख में पानी टंकी का निर्माण और पाइप लाइन बिछावाई थी, जिसके निर्माण के 3 साल बाद भी अब तक ग्रामीणों को पानी टंकी का फायदा नहीं मिला है. जिस कारण ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं.

उपयोग नहीं होने से जर्जर हुई टंकी

तापमान ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से पेयजल और पानी निकासी की समस्या गहराती जा रही है. पानी की टंकी उपयोग नहीं होने से जर्जर हो चुकी है, जो कभी भी किसी बड़ी अनहोनी को बुलावा दे सकता है. वहीं ग्रामीणों को पानी पीने के लिए हैंडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है, फिलहाल हालात यह है कि, हैंडपंप का गला भी सूख चुका है.

विधायक और सांसद से कर चुके शिकायत

ग्रामीणों ने पानी की टंकी से वाटर सप्लाई शु्रू करने के लिए जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की है. ग्रामीणों ने पीएचई विभाग के अधिकारियों, क्षेत्रिय विधायक और सांसद को भी मामले से अवगत करा चुके हैं. इसके बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इलाके में बनी कई पानी की टंकियां बेकार हो चुकी हैं. जैसे सुखदा, कटौद, बघोद गांवों में पानी टंकी शो पीस बन कर रह गई है. ग्रामीणों को नलजल योजनाओं का फायदा भी नहीं मिल रहा है.

पूर्व सरपंच को किया गया था हैंडओवर: उपअभियंता

मामले में पीएचई विभाग के उपअभियंता केएस पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायत केनापाली में निर्मित पानी टंकी को चालू करने के बाद उस वक्त के सरपपंच को हैंडओवर कर दिया गया है और मेंटेनेंस की राशि भी दी गई थी. इसके बाद भी पूर्व सरपंच ने पानी टंकी को चालू करने की ओर ध्यान नहीं दिया. अभी वर्तमान सरपंच से बात कर विभाग की ओर से पानी टंकी से वाटर सप्लाई चालू करने का प्रयास किया जाएगा. ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­

Last Updated : Apr 16, 2020, 12:03 PM IST
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