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शिवरीनारायण में 'माघी पूर्णिमा मेला' शुरू, जानें क्या है पौराणिक महत्व

शिवरीनारायण में आज से 'माघी पूर्णिमा मेला' का शुभारंभ हुआ. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा शिवरीनारायण को देशव्यापी पहचान दिलाने के लिए 'राम वन गमन पथ' योजना के तहत विकसित किया जाएगा.

Shivrinarayan mela
शिवरीनारायण मेला
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Published : Feb 9, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 3:27 PM IST

जांजगीर चांपाः आज से शिवरीनारायण मेला का शुभारंभ हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने शनिवार की देर शाम शिवरीनारायण महोत्सव का शुभारंभ किया. महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में लोगों उपस्थित रहे.

शिवरीनारायण मेला

हर साल 'राजिम पुन्नी मेला' जैसे ही माघ महीने की पूर्णिमा को शिवरीनारायण में 'माघी पूर्णिमा मेला' लगता है और महाशिवरात्रि के दिन मेले का समापन होता है.

शिवरीनारायण की पौराणिक मान्यता

शिवरीनारायण में मां शबरी की कर्मभूमि मानी जाती है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता के ढूढ़ने के दौरान शिवरीनारायण आए थे और यहीं पर माता शबरी ने राम और लक्ष्मण को जूठे बेर भी खिलाए थे. इस वजह से यहां पर शबरी माता का मंदिर है और जहां लोग दर्शन करने आते हैं. मेला स्थल से ही जीवनदायनी महानदी बहती है.

'राम पथ गमन पथ' योजना तहत विकास

विधानसभा अध्यक्ष महंत ने शिवरीनारायण महोत्सव में कहा कि 'राम पथ गमन पथ' का विकास छत्तीसगढ़ शासन कराएगा, जिसमें शिवरीनारायण भी शामिल है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत शिवरीनारायण को इस प्रकार से विकसित किया जाएगा कि पूरे भारत से लोग यहां दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे.

जांजगीर चांपाः आज से शिवरीनारायण मेला का शुभारंभ हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने शनिवार की देर शाम शिवरीनारायण महोत्सव का शुभारंभ किया. महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में लोगों उपस्थित रहे.

शिवरीनारायण मेला

हर साल 'राजिम पुन्नी मेला' जैसे ही माघ महीने की पूर्णिमा को शिवरीनारायण में 'माघी पूर्णिमा मेला' लगता है और महाशिवरात्रि के दिन मेले का समापन होता है.

शिवरीनारायण की पौराणिक मान्यता

शिवरीनारायण में मां शबरी की कर्मभूमि मानी जाती है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता के ढूढ़ने के दौरान शिवरीनारायण आए थे और यहीं पर माता शबरी ने राम और लक्ष्मण को जूठे बेर भी खिलाए थे. इस वजह से यहां पर शबरी माता का मंदिर है और जहां लोग दर्शन करने आते हैं. मेला स्थल से ही जीवनदायनी महानदी बहती है.

'राम पथ गमन पथ' योजना तहत विकास

विधानसभा अध्यक्ष महंत ने शिवरीनारायण महोत्सव में कहा कि 'राम पथ गमन पथ' का विकास छत्तीसगढ़ शासन कराएगा, जिसमें शिवरीनारायण भी शामिल है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत शिवरीनारायण को इस प्रकार से विकसित किया जाएगा कि पूरे भारत से लोग यहां दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे.

Intro:शिवरीनारायण महोत्सव का शुरू, विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में महोत्सव की शुरुआत
एंकर-
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के मुख्य आतिथ्य में शिवरीनारायण महोत्सव शुरू हो गया। आज से शिवरीनारायण मेला का भी शुभारंभ हो गया । कल देर शाम विशेष समारोह में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति में शिवरीनारायण महोत्सव का शुभारंभ किया गया। हर साल माघ महीने की पूर्णिमा को शिवरीनारायण में माघी पूर्णिमा मेला शुरू किया जाता है और महाशिवरात्रि के दिन मेले का समापन होता है । शिवरीनारायण मैं मां शबरी की कर्मभूमि मानी जाती है। पौराणिक मान्यता है कि यहीं पर श्री रामचंद्र जी अपने अनुज लक्ष्मण जी के साथ अपनी भार्या सीता माता की खोज में शिवरीनारायण पहुंचे थे। यहीं पर माता शबरी ने श्री राम और लक्ष्मण को झूठे बेर भी खिलाए थे ।यही कारण है कि यहां पर शबरी माता का मंदिर है जहां लोग दर्शन के लिए आते हैं और यहीं पर महानदी का प्रवाह स्थल है।
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने शिवरीनारायण महोत्सव में इस बात को दोहराया कि राम पथ गमन का जो विकास छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया जाएगा उसमें शिवरीनारायण को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि लोग भारत भर से यहां दर्शन के लिए पहुंचे।
एंबिएंस - डॉ चरणदास महंत ,विधानसभा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ शासनBody:,,,,Conclusion:,,,,
Last Updated : Feb 9, 2020, 3:27 PM IST
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