जांजगीर चांपा: मड़वा प्लांट के आंदोलनकारी कर्मचारी (workers of madwa plant) और विस्थापित मजदूर लगातार जिले में आंदोलन कर रहे है. सोमवार को मड़वा प्लांट के विस्थापितों के आंदोलन का आठवां दिन था. मांगें नहीं माने जाने पर मड़वा प्लांट के संविदाकर्मियों ने राज्यपाल से (Displaced people of Madwa plant demanded euthanasia) इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है.
'प्लांट पर जड़ेंगे ताला'
मड़वा प्लांट के संविदाकर्मियों (contract workers of madwa plant) ने नियमितिकरण को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इन संविदाकर्मियों की नियुक्ति प्लांट के लिए जमीन देने के बदले हुई थी. उस वक्त प्रबंधन ने नौकरी का वादा किया था. लेकिन संविदा पर रखने के बाद अब तक इन आंदोलनकारियों को नियमित नहीं किया गया है. आंदोलन के आठवें दिन प्रदर्शनकारियों ने रेल रोको आंदोलन करने की योजना बनाई थी. लेकिन भारी संख्या में पुलिस बल की मुस्तैदी की वजह से आंदोलनकारी इसमें कामयाब नहीं हो पाए.आंदोलनकारियों ने मंगलवार को मड़वा प्लांट के गेट में ताला जड़ने (Announcement to lock the gate of Madwa plant) की घोषणा की है.
450 संविदा कर्मी आठ दिनों से कर रहे हैं आंदोलन
अटल बिहारी वाजपेयी मड़वा प्लांट (Atal Bihari Vajpayee Madwa Plant) के संविदाकर्मी बीते 8 दिनों से नियमित नौकरी किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. जमीन के बदले संविदा नौकरी करने वाले इन भूस्थापितों की न तो प्रबंधन ने अब तक गुहार सुनी है. न ही शासन इस ओर कोई ध्यान दे रहा है. प्रदर्शनकारियों ने जांजगीर के कन्हाईबंद गांव के पास रेल ट्रैक को रोकने की योजना बनाई थी. लेकिन पुलिस ने बैरिकेटिंग कर सभी प्रदर्शनकारियों को वहां जाने से रोक दिया. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने मड़वा प्लांट के गेट पर मंगलवार को ताला जड़ने का ऐलान कर दिया.
मड़वा प्लांट के अधिकारियों ने दिया रटा रटाया जवाब
मड़वा प्लांट प्रबंधन की तरफ से आंदोलनकारियों से चर्चा करने पहुंचे अधिकारियों ने रटा रटाया जवाब दिया. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को वह उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया. राज्य शासन ने मड़वा प्लांट की स्थापना के लिए जिले के 30 गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था. लेकिन जमीन देने वाले किसानों को नौकरी तो मिली. लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया गया.