जांजगीर चांपा: साल 2022 समाप्ति के नजदीक है और नए साल का आगमन होना है. Janjgir champa year ender 2022 ऐसे में जांजगीर चांपा के लिए साल 2022 उतार चढ़ाव भरा रहा. इस साल की सबसे बड़ी खबर जांजगीर चाम्पा जिले से विभाजित होकर नया जिला सक्ती का बनना रहा. प्रशासन और भू विस्थापितों के बीच खूनी संघर्ष भी बड़ी खबर रही. इसके साथ ही जांजगीर चांपा की किन घटनाओं ने सुर्खियां बंटोरी.year ender 2022
- जांजगीर चाम्पा जिले से विभाजित हुआ सक्ती जिला: जांजगीर चाम्पा जिला के लिए 9 सितम्बर 2022 एक खास पल और खुशियों भारी सौगात ले कर आया. राज्य सरकार ने जांजगीर जिले की दूरी को कम करने और सक्ती वासियों के लम्बे समय सें उठ रही मांग को पूरा किया. सरकार ने सक्ती को छत्तीसगढ़ का 33वां जिला घोषित किया. साथ ही क्षेत्रवासियों को 157 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सौगात दी. जांजगीर चाम्पा जिले के इस विभाजन सें राजनीतिक समीकरण भी बदल गए. जांजगीर चाम्पा जिला में 3 विधानसभा कांग्रेस विधायक मुक्त हो गया है, वहीं सक्ती जिले के 3 विधानसभा में 2 सीट कांग्रेस और 1 सीट बसपा के खाते में है.
- राज्य स्तरीय मानस गायन का आयोजन: 2022 में रामनवमी के अवसर पर 10 अप्रैल को शिवरीनारायण धाम, विष्णु कांक्षी तीर्थ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ के विकास कार्यों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया. शिवरीनारायण में राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अतर्गत पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए स्वीकृत 39 करोड़ रुपए में प्रथम चरण के कार्य में 6 करोड़ के विकास कार्य पूरे हुए. वहीं माता शबरी की नगरी शिवरीनारायण में तीन दिवसीय मानस महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान बॉलीवुड गायिका अनुराधा पौड़वाल और भजन सम्राट अनूप जलोटा ने भी मंत्रों के उच्चारण व भजनों से लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया.
- पुलिस और भू विस्थापितों के बीच खूनी संघर्ष: जांजगीर चांपा के अटल बिहारी वाजपेयी मड़वा पावर प्लांट के मजदूरों ने धरना प्रदर्शन किया. मजदूरों ने रेगुलर नियुक्ति की मांग को लेकर 6 साल सें अस्थाई नौकरी कर रहे 400 से अधिक लोगों ने 27 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया. 29वें दिन आर पार की लड़ाई लड़ने मड़वा पावर प्लांट के सामने प्रदर्शन किया. जिसके बाद प्लांट प्रबंधन से वार्ता की मांग की गई. वार्ता के असफल होने के बाद उग्र प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने वाटर कैनन का उपयोग किया. भीड़ ने कलेक्टर, एसपी के साथ उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों पर पथराव शुरू कर दिया. नियंत्रण कायम करने के लिए पुलिस ने बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा से पुलिस बल को बुलाया और हालत पर काबू पाया. घटना की रिपोर्ट मड़वा प्रबंधन ने कोतवाली थाना में दर्ज कराई. पुलिस ने 500 सें अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की थी.
- हत्या के आरोपी चाचा भतीजा को फांसी की सजा: जांजगीर चांपा जिला के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने हत्या के मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया. जांजगीर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने पहली बार हत्या के मामले में दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई. मामला शिवरीनारायण थाना के तुस्मा गांव का था. 19 नवम्बर 2021को शोहित केवट और सुनील केवट ने गांव के पंच भागवत कश्यप पर पेचकश से गले पर हमला कर घायल किया और धारदार हथियार से हमला कर भागवत कश्यप के सिर को धड़ से अलग कर दिया. जिसके बाद सिर को लेकर गांव के पानी टंकी मे चढ़ गया और अपना वीडिओ वायरल किया. इस मामले में 10 माह बाद न्यायलय ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई.
- काल्पनिक पारसमणि के लिए बैगा की हत्या: 8 जुलाई 2022 को जांजगीर चांपा जिला के मुनुंद गांव से बैगा बाबूलाल यादव अचानक गायब हो गया, कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच के बाद 12 जुलाई 2022 को अपहरण और हत्या के मामले का खुलासा किया. इस मामले मे 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जिसमें एक महिला भी शामिल रहीं. आरोपियों ने 6 माह पहले बैगा के पास पारसमणि होने की शक में उसे हासिल करने की योजना बनाई और साजिश के तहत आरोपी महिला और उसके पति को बैगा से जान पहचान बनाने के लिए झाड़ फूंक कराने भेजा. घटना के दिन भी आरोपी ने अपनी पत्नी का तबीयत बिगड़ने पर झाड़ फूंक कराने बाबूलाल को ले गया. बलौदा थाना क्षेत्र के कटरा जंगल में बैगा से पारसमणि के बारे में जानकारी चाही और बैगा के घर की खुदाई की. काफी खोज के बाद कुछ नहीं मिलने पर बैगा की हत्या कर दी. जंगल के अंदर गड्ढा खोद कर दफन कर दिया. आरोपी की सारी चालाकी को पुलिस के जांच ने पीछे छोड़ दिया और सभी आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए.
- धान खरीदी के दौरान बड़े घोटाला का खुलासा: जांजगीर चाम्पा जिला में वर्ष 21/22 मे हुई धान खरीदी मे भारी गड़बड़ी की आशंका जताई गयी. जिला प्रशासन ने जिले के 45 धान खरीदी केन्द्रो मे जांच के आदेश दिया थे, जिसमे छोटी छोटी गलतियों के कारण जिला प्रशासन ने चेतावनी दी. लेकिन 8 फरवरी 2022 नवागढ़ ब्लॉक के कीरित और तुलसी गांव के धान खरीदी केंद्र ने सरकारी जमीन को निजी बता कर 2 करोड़ 51 लाख का घोटाला करने का खुलासा हुआ. वहीं राहौद धान खरीदी केंद्र के प्रभारी चौकीदार और ट्रांसपोर्टर ने 77 लाख रूपये के धान की चोरी की थी. तीनों मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.