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जांजगीर-चांपा: 2 दिन से हो रही बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, बर्बादी की कगार पर सैकड़ों एकड़ धान की फसल

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Published : Sep 23, 2020, 5:37 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 6:01 PM IST

2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से धान की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं जिले की तमाम नदी-नाले उफान पर है. अगर बारिश नहीं रुकी तो जिले में स्थिति बद से बदतर हो सकती है.

Apprehension of  Paddy crop to be ruined in janjgir champa
बाढ़

जांजगीर चांपा: जिले में एक बार फिर से रुक-रुककर हो रही बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. 15 दिन पहले भारी बारिश के बाद भी ऐसी ही स्थिति बन गई थी. हालांकि, उस समय बारिश थम गई थी, जिससे हालात सामान्य हो गए थे, लेकिन 15 दिन बाद फिर से मूसलाधार बारिश में एक बार फिर जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बीते 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से धान की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं जिले की तमाम नदी-नाले उफान पर है. अगर बारिश नहीं रुकी तो जिले में स्थिति बद से बदतर हो सकती है.

बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता

जिले में कुछ क्षेत्रों में 2 दिन लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है. जिसके कारण जांजगीर-चांपा जिले के पास कंजी नाला उफान पर है. कंजी नाले के उफान पर होने से एक बार फिर से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गई है. इस बार धान की फसल में बालियां आनी शुरू हो गई है, ऐसे में धान की फसल डूबने से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है.

Apprehension of  Paddy crop to be ruined in janjgir champa
बाढ़

पढ़ें : 17वें हफ्ते 30 प्रतिशत ज्यादा फ्लाइटों का रायपुर एयरपोर्ट से आवागमन

खरीफ सीजन की फसल बर्बाद

इधर, जिला मुख्यालय से पामगढ़ तहसील को जोड़ने वाली सड़क 1 महीने पहले हुई बारिश में टूट गई थी. जिसके बाद अलग से बाइपास बनाया गया है. जो एक बार फिर से बारिश के पानी से भर गया है. जिससे आवागमन ठप हो गया है. किसानों का कहना है कि सितंबर के आखिरी महीने में जब धान में बालियां आ रही हैं, ऐसे में भारी बारिश से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. खासकर कंजी नाला के किनारे वाले क्षेत्रों में खरीफ सीजन की फसल डूब गई है. जिससे इस क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

Apprehension of  Paddy crop to be ruined in janjgir champa
बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता

'पुल को बड़ा किया जाना चाहिए'

जिले के लोगों का कहना है कि, जांजगीर से पामगढ़ को जोड़ने वाली सड़क पर कुथूर में बने पुल को बड़ा किया जाना चाहिए. जिससे आवागमन की परेशानी न हो. किसानों को आशंका है कि आने वाले दिनों में बारिश फिर से होती है तो यह खरीफ सीजन के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है. सितंबर के आखिरी में भारी बारिश किसानों के लिए चिंता का सबब बन गया है.

जांजगीर चांपा: जिले में एक बार फिर से रुक-रुककर हो रही बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. 15 दिन पहले भारी बारिश के बाद भी ऐसी ही स्थिति बन गई थी. हालांकि, उस समय बारिश थम गई थी, जिससे हालात सामान्य हो गए थे, लेकिन 15 दिन बाद फिर से मूसलाधार बारिश में एक बार फिर जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बीते 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से धान की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं जिले की तमाम नदी-नाले उफान पर है. अगर बारिश नहीं रुकी तो जिले में स्थिति बद से बदतर हो सकती है.

बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता

जिले में कुछ क्षेत्रों में 2 दिन लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है. जिसके कारण जांजगीर-चांपा जिले के पास कंजी नाला उफान पर है. कंजी नाले के उफान पर होने से एक बार फिर से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गई है. इस बार धान की फसल में बालियां आनी शुरू हो गई है, ऐसे में धान की फसल डूबने से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है.

Apprehension of  Paddy crop to be ruined in janjgir champa
बाढ़

पढ़ें : 17वें हफ्ते 30 प्रतिशत ज्यादा फ्लाइटों का रायपुर एयरपोर्ट से आवागमन

खरीफ सीजन की फसल बर्बाद

इधर, जिला मुख्यालय से पामगढ़ तहसील को जोड़ने वाली सड़क 1 महीने पहले हुई बारिश में टूट गई थी. जिसके बाद अलग से बाइपास बनाया गया है. जो एक बार फिर से बारिश के पानी से भर गया है. जिससे आवागमन ठप हो गया है. किसानों का कहना है कि सितंबर के आखिरी महीने में जब धान में बालियां आ रही हैं, ऐसे में भारी बारिश से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. खासकर कंजी नाला के किनारे वाले क्षेत्रों में खरीफ सीजन की फसल डूब गई है. जिससे इस क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

Apprehension of  Paddy crop to be ruined in janjgir champa
बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता

'पुल को बड़ा किया जाना चाहिए'

जिले के लोगों का कहना है कि, जांजगीर से पामगढ़ को जोड़ने वाली सड़क पर कुथूर में बने पुल को बड़ा किया जाना चाहिए. जिससे आवागमन की परेशानी न हो. किसानों को आशंका है कि आने वाले दिनों में बारिश फिर से होती है तो यह खरीफ सीजन के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है. सितंबर के आखिरी में भारी बारिश किसानों के लिए चिंता का सबब बन गया है.

Last Updated : Sep 23, 2020, 6:01 PM IST
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