जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा के नगर पालिका सक्ती द्वारा निर्मित सियान सदन के दुकानों की नीलामी को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा (Shop auction in Shakti Municipality) है, जिसमें नीलामी में मोहरा बनकर बैठे एक युवक ने नीलामी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. वीडियो में युवक बता रहा है कि कैसे उसको एक मोहरा बनाकर बैठाया गया था ताकि दुकान प्रायोजित तरीके से दूसरे को मिल जाये.
नीलामी की गड़बड़ी से लोग नाराज: लोगों का आरोप है कि "नीलामी के दौरान नियमों की जमकर उलंघन देखने को मिली. जहां आरक्षण में दस्तावेजों को लेकर जानकारी छिपाने की बात सामने आई है. नीलामी के ठीक पहले कई लोगों का आवेदन नियम विरुद्ध निरस्त कर दिया गया. कुल मिलाकर पूरी नीलामी नगर के धन्ना सेठ ओर धन कुबेर नेताओं के प्रायोजित नीलामी थी, जिसमे नगर पालिका के सीएमओ धृतराष्ट्र की भूमिका में नजर आए. वहीं, मामले की शिकायत जिले के नवपदस्थ कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा तक पहुंच चुकी है, जो इस नीलामी में हुई गड़बड़ी को लेकर काफी नाराज बताए जा रहे हैं".
निलामी नियम के विरुद्ध: नगर पालिका सक्ती के पार्षद रिक्की सेवक का कहना है, "आज दुकानों की नीलामी नियम विरुद्ध हुई है. सोशल मीडिया में खरीद परोख्त का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसको देखकर आम जनता का अब सिस्टम से विश्वास उठ जाएगा. दुकानों की जरूरत आम जनता को ज्यादा है. मगर यहां प्रायोजित तरीके से धन्ना सेठ व्यापारी और धन कुबेर नेताओं के चलते दुकान जरूरतहीन लोगों के हाथों में चली गई है."
दुकानों की नीलामी नियमविरुद्ध हुई: नगर पालिका सक्ती के नेता प्रतिपक्ष धनंजय नामदेव का कहना है कि, "दुकानों की नीलामी नियमविरुद्ध हुई है. नीलामी के पूर्व परिषद में कोई रूप रेखा नहीं बताया गया. मनमानी तरीके से नीलामी की प्रक्रिया हुई है. नीलामी में आरक्षण को लेकर भी पूर्ण जानकारी नहीं दी गयी, जिससे लोग नाराज हैं. कई लोगों के आवेदन निरस्त हुए हैं. नीलामी को लेकर हम अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे."
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जाति प्रमाण पत्र को लाने की बात कही: मामले में नगर पालिक के सीएमओ मिथिलेश अवस्थी का कहना है,"आरक्षण को लेकर आवेदन के समय जाति प्रमाण पत्र लगाने कहा गया था, जिन्होंने लगाया था, उसके आवेदन स्वीकृत किये गए है. नगर पालिका में हुई नीलामी में गड़बड़ी को लेकर वायरल वीडियो के साथ-साथ नीलामी की अंतिम बोली की राशि ने मुहर लगा दिया है, जिसमें एक दुकान 27 लाख में नीलाम होती है. तो उसके बगल की दुकान 6 लाख 25 हजार में नीलाम होती है. अगल-बगल दुकानों में इतनी बड़ी राशि के अंतर से आप ये साफ अंदाजा लगा सकते है कि सियान सदन की दुकानों में जमकर खेला हुआ है.