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जांजगीर चांपा में बाल विवाह को प्रशासन ने रुकवाया - जांजगीर चांपा में बाल विवाह

जांजगीर चांपा में बाल विवाह कराया जा रहा था. जिसे प्रशासन ने रुकवा दिया. अक्षय तृतीया पर यहां चुपके से बाल विवाह कराया जा रहा था. लेकिन सूचना पर प्रशासन ने उसे रुकवा दिया.

child marriage in Janjgir Champa
जांजगीर चांपा में बाल विवाह
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Published : May 3, 2022, 11:15 PM IST

जांजगीर चांपा:जांजगीर चांपा जिला में अक्षय तृतीया के दिन होने जा रहे बाल विवाह को प्रशासन ने (child marriage in Janjgir Champa) रुकवाया. दरअसल, बलौदा थाना क्षेत्र के उदयबंद गांव में चुपके से बाल विवाह करने की तैयारी थी. लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने पहुंच कर परिजनों को समझाइस दी. बाल विवाह को अपराध बताते हुए सही उम्र होने पर शादी करने की सलाह दी. जिसके बाद आखिरकार शादी रोक दी गई.

बाल विवाह को प्रशासन ने रुकवाया

यह भी पढ़ें: जबलपुर में रुकवाया बाल विवाह: 15 साल की उम्र में लग रही थी मेहंदी, मौके पर पहुंची महिला बाल विकास अधिकारी, रोकी शादी

कुरीतियों में फंसे लोग: आज भी कुरीतियों की बेड़ी में लोग फंसे हुए है. कहते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन कोई भी काम करना शुभ होता है. इसलिए अधिकांश लोग अक्षय तृतीया के दिन ही विवाह करना शुभ मानते हैं. अक्षय तृतीया के दिन होने वाले बाल विवाह को रोकना जिला प्रशासन के लिए चुनौती भरा होता है. बलौदा थाना के उदयवंद गांव में आज एक किशोरी के परिजनों ने शादी की तैयारी कर ली थी. आज बारात आने वाली थी. गांव में नाबालिक युवती की शादी होने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी शादी वाले घर पहुंचे और परिजनों को समझाया और कानून की जानकारी दी. जिसके बाद शादी को रोक दिया गया.इस मामले में कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि "बाल विवाह कानूनन अपराध है. बाल विवाह करने वालों को जेल भी भेजा जा सकता है. इस अपराध को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के आलावा पुलिस को भी खास दिशा-निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि बाल विवाह रोकने के लिए टीम गठित कर दिया गया है".

जांजगीर चांपा:जांजगीर चांपा जिला में अक्षय तृतीया के दिन होने जा रहे बाल विवाह को प्रशासन ने (child marriage in Janjgir Champa) रुकवाया. दरअसल, बलौदा थाना क्षेत्र के उदयबंद गांव में चुपके से बाल विवाह करने की तैयारी थी. लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने पहुंच कर परिजनों को समझाइस दी. बाल विवाह को अपराध बताते हुए सही उम्र होने पर शादी करने की सलाह दी. जिसके बाद आखिरकार शादी रोक दी गई.

बाल विवाह को प्रशासन ने रुकवाया

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कुरीतियों में फंसे लोग: आज भी कुरीतियों की बेड़ी में लोग फंसे हुए है. कहते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन कोई भी काम करना शुभ होता है. इसलिए अधिकांश लोग अक्षय तृतीया के दिन ही विवाह करना शुभ मानते हैं. अक्षय तृतीया के दिन होने वाले बाल विवाह को रोकना जिला प्रशासन के लिए चुनौती भरा होता है. बलौदा थाना के उदयवंद गांव में आज एक किशोरी के परिजनों ने शादी की तैयारी कर ली थी. आज बारात आने वाली थी. गांव में नाबालिक युवती की शादी होने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी शादी वाले घर पहुंचे और परिजनों को समझाया और कानून की जानकारी दी. जिसके बाद शादी को रोक दिया गया.इस मामले में कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि "बाल विवाह कानूनन अपराध है. बाल विवाह करने वालों को जेल भी भेजा जा सकता है. इस अपराध को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के आलावा पुलिस को भी खास दिशा-निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि बाल विवाह रोकने के लिए टीम गठित कर दिया गया है".

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