जगदलपुर: नक्सल मुक्त बस्तर के लिए पुलिस ने युवाओं से मिलकर चर्चा की. इस अभियान का नाम (गोंडी भाषा में) मावा आल सन और बस्तर त माटा अभियान है. इस अभियान के तहत ग्रामीणों का भरोसा जीतने और नक्सलियों का साथ ना देने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है. इस अभियान के तहत शुक्रवार को जगदलपुर के शौर्य भवन में युवाओं के साथ बस्तर पुलिस ने संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें आईजी सुंदरराज पी और बस्तर एसपी दीपक झा मौजूद रहे. इस संगोष्ठी कार्यक्रम में युवाओं को शिक्षा और रोजगार के लिए मोटिवेट करने के साथ बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ शासन के विकास कार्यों में साथ देने को कहा गया.
दरअसल, इस संगोष्ठी कार्यक्रम के तहत बस्तर पुलिस नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं के विचार जानना चाह रही है और इस संगोष्ठी के जरिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से पहुंचे युवक,युवतियों ने बस्तर पुलिस के आला अधिकारियों के सामने अपनी बातें रखीं. युवाओं ने कहा कि नक्सली उनके गांव में आकर निर्दोष ग्रामीणों को मारते-पीटते हैं और उनके घर, स्कूल आश्रम भवनों को तोड़ देते हैं. साथ ही उनके घर वालों को प्रताड़ित करने के साथ जन सुविधा के लिए बनाए गए सड़क पुल-पुलिया को क्षतिग्रस्त करते हैं.
जवानों से मिले युवा
युवाओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द बस्तर नक्सल मुक्त हो और उनके गांव में विकास पहुंचे. युवाओं का कहना है कि पुलिस के आला अधिकारियों ने उन्हें शिक्षा और रोजगार के लिए इस संगोष्ठी कार्यक्रम के तहत काफी मोटिवेट किया है और वे भी चाहते हैं कि उनके गांव में विकास पहुंचे और आश्रम स्कूल बने और वे अपनी पढ़ाई जारी रख सके.
नक्सल मुक्त बस्तर बनाने की पहल
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने लगातार पुलिस ने अभियान चलाए हैं. एक तरफ जहां जवानों ने ऑपरेशन चलाया है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने ग्रामीणों का भरोसा जीतने के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग जैसे कार्यक्रम चलाए हैं. वहीं अब शासन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी विकास पहुंचा सके, इसके लिए पुलिस बस्तर मावा आल सन और बस्तर त माटा अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है कि वे नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर सरकार के विकास कार्यों में सहयोग करें और नक्सलियों का विरोध कर अपने हक की लड़ाई लड़े.