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बस्तर: तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू, लॉकडाउन से ज्यादा बारिश से प्रोडक्शन हो रहा प्रभावित - jagdalpur

तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य प्रारंभ हो गया है, जिसके तहत ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है. इस साल प्रदेश में 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन लॉकडाउन और ओलावृष्टि के कारण संग्रहण का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

Tendu leaf collection work affected
तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य प्रभावित
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Published : May 13, 2020, 3:15 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में भी तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है. इसकी शुरूआत बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर जिले से हो गयी है. इसके तहत बस्तर में अब तक 6 करोड़ 34 लाख रूपये की राशि का 16 हजार से अधिक मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है. छत्तीसगढ में इस साल 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया है. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से किए गये लॉकडाउन और बस्तर में हुए बेमौसम ओलावृष्टि से इस साल संग्रहण प्रभावित हुआ है.

तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य प्रभावित

बस्तर के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने जानकारी देते हुए बताया कि 'बस्तर में 1 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू कर दिया गया है. कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए शासन के दिशा निर्देशों का पूरा पालन किया जा रहा है. सभी ग्रामीण संग्राहकों को मास्क वितरण करने के साथ पत्ता संग्रहण के वक्त फिजिकल डिस्टेसिंग का पूरा पालन कराया जा रहा है. साथ ही संग्राहकों को पत्ता संग्रहण के बाद हाथों को साबुन से धोने और संग्रहित पत्ता फड़ पर देते समय भी अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के लिए कहा गया है.

तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू

सीसीएफ (Chief Conservator of Forests) ने बताया कि 'लॉकडाउन के बाद से ही वन धन योजना के तहत बस्तर के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. वहीं अब सभी ग्रामीण मजदूर तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे हुए हैं. बस्तर के मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध हो विभाग यही प्रयास कर रहा है'. इसके अलावा सीसीएफ ने बताया कि 'लॉकडाउन के साथ ही बस्तर में हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से तेंदूपत्ता संग्रहण बहुत प्रभावित हुआ है. लेकिन तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए धूप और गर्मी सबसे ज्यादा आवश्यक होता है. लेकिन इस साल मौसम में आए बदलाव की वजह से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तेंदूपत्ता नष्ट हो रहे हैं. जिससे इसके प्रोडक्शन में भी प्रभाव पड़ा है. पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार प्रोडक्शन में बहुत असर पड़ने की बात सीसीएफ ने कही है.

तेंदूपत्ता खरीदने पहुंच रहे ठेकेदार

इसके अलावा उन्होंने बताया कि 'बस्तर जिले के चार वन मंडल में 119 लॉट बनाए गए हैं. जिसमें से 48 लॉट बिक चुके हैं. बचे हुए लॉट शासन के अधीकृत हैं. वहीं तेंदूपत्ता खरीदने तेलंगाना, आंध्रा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के दूसरे जिले से भी ठेकेदार बस्तर पहुंच चुके हैं. बस्तर में अब तक कुल 6 करोड़ 34 लाख रूपये की राशि के 16 हजार से अधिक मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है. जिसमें सबसे अधिक सुकमा जिले के अंतर्गत 13 हजार 334 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है.

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16 लाख 71 हजार मानक बोरा का लक्ष्य

इस बार कोरोना वायरस की वजह से एक तेंदूपत्ता ठेकेदार के साथ चार ही सुपरवाइजर को परमिट दिया गया है. राज्य शासन ने इनके लिए पास भी जारी किया है. इसके अलावा इनके बस्तर पहुंचते ही 14 दिनों के लिए इन्हें क्वॉरेंटाइन करके भी रखा गया था. कुछ ठेकेदारों का क्वॉरेंटाइन का समय समाप्त हो चुका है और वह तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य में लग गए हैं. सीसीएफ ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ में इस साल 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है. लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से इस बार प्रोडक्शन पर भारी प्रभाव पड़ सकता है'.

जगदलपुर: बस्तर में भी तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है. इसकी शुरूआत बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर जिले से हो गयी है. इसके तहत बस्तर में अब तक 6 करोड़ 34 लाख रूपये की राशि का 16 हजार से अधिक मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है. छत्तीसगढ में इस साल 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया है. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से किए गये लॉकडाउन और बस्तर में हुए बेमौसम ओलावृष्टि से इस साल संग्रहण प्रभावित हुआ है.

तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य प्रभावित

बस्तर के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने जानकारी देते हुए बताया कि 'बस्तर में 1 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू कर दिया गया है. कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए शासन के दिशा निर्देशों का पूरा पालन किया जा रहा है. सभी ग्रामीण संग्राहकों को मास्क वितरण करने के साथ पत्ता संग्रहण के वक्त फिजिकल डिस्टेसिंग का पूरा पालन कराया जा रहा है. साथ ही संग्राहकों को पत्ता संग्रहण के बाद हाथों को साबुन से धोने और संग्रहित पत्ता फड़ पर देते समय भी अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के लिए कहा गया है.

तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू

सीसीएफ (Chief Conservator of Forests) ने बताया कि 'लॉकडाउन के बाद से ही वन धन योजना के तहत बस्तर के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. वहीं अब सभी ग्रामीण मजदूर तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे हुए हैं. बस्तर के मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध हो विभाग यही प्रयास कर रहा है'. इसके अलावा सीसीएफ ने बताया कि 'लॉकडाउन के साथ ही बस्तर में हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से तेंदूपत्ता संग्रहण बहुत प्रभावित हुआ है. लेकिन तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए धूप और गर्मी सबसे ज्यादा आवश्यक होता है. लेकिन इस साल मौसम में आए बदलाव की वजह से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से तेंदूपत्ता नष्ट हो रहे हैं. जिससे इसके प्रोडक्शन में भी प्रभाव पड़ा है. पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार प्रोडक्शन में बहुत असर पड़ने की बात सीसीएफ ने कही है.

तेंदूपत्ता खरीदने पहुंच रहे ठेकेदार

इसके अलावा उन्होंने बताया कि 'बस्तर जिले के चार वन मंडल में 119 लॉट बनाए गए हैं. जिसमें से 48 लॉट बिक चुके हैं. बचे हुए लॉट शासन के अधीकृत हैं. वहीं तेंदूपत्ता खरीदने तेलंगाना, आंध्रा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के दूसरे जिले से भी ठेकेदार बस्तर पहुंच चुके हैं. बस्तर में अब तक कुल 6 करोड़ 34 लाख रूपये की राशि के 16 हजार से अधिक मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है. जिसमें सबसे अधिक सुकमा जिले के अंतर्गत 13 हजार 334 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है.

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16 लाख 71 हजार मानक बोरा का लक्ष्य

इस बार कोरोना वायरस की वजह से एक तेंदूपत्ता ठेकेदार के साथ चार ही सुपरवाइजर को परमिट दिया गया है. राज्य शासन ने इनके लिए पास भी जारी किया है. इसके अलावा इनके बस्तर पहुंचते ही 14 दिनों के लिए इन्हें क्वॉरेंटाइन करके भी रखा गया था. कुछ ठेकेदारों का क्वॉरेंटाइन का समय समाप्त हो चुका है और वह तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य में लग गए हैं. सीसीएफ ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ में इस साल 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है. लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से इस बार प्रोडक्शन पर भारी प्रभाव पड़ सकता है'.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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