जगदलपुर: महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर रविवार 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्वाकांक्षी ग्रामीण औद्योगिक पार्कों का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने बस्तर जिले के तुरेनार में प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक पार्क की आधारशिला भी रखी. बस्तर के सभी सात विकासखण्डों में दो-दो औद्योगिक पार्कों का निर्माण किया जाएगा. इनमें जगदलपुर में तुरेनार और नानगुर, बकावंड में मंगनार और कोसमी, बस्तर में सोनारपाल और परचनपाल, तोकापाल में सिंगनपुर और कोंडालूर, दरभा में बड़े कड़मा और गुमड़पाल, बास्तानार में बड़े किलेपाल और कोड़ेनार लोहण्डीगुड़ा में गढ़िया और धुरागांव में ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की आधारशिला रखी गई. इन सभी औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए शासन द्वारा दो-दो करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.
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इस अवसर पर तुरेनार में जिलास्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसे एनआईसी की वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से रायपुर से जोड़ा गया था. तुरेनार में आयोजित कार्यक्रम में संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि महात्मा गांधी ग्राम स्वराज और ग्राम स्वावलंबन के पक्षधर थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी की इसी सोच को धरातल पर उतारने के लिए सुराजी गांव योजना शरू की. इसी कड़ी में ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना की जा रही है.
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का मानना था, कि बड़े उद्योगों की स्थापना से लोगों को अपेक्षा के अनुसार रोजगार नहीं मिलता, जबकि छोटे उद्योगों से यह संभव है. उन्होंने कहा कि वनोपज संग्रहण करने वाले और फसल उगाने वाले किसान जब अपने उत्पाद सीधे व्यापारियों को बेचते हैं, तब उन्हें अच्छी आमदनी नहीं होती है. अच्छी आमदनी के लिए मुख्यमंत्री ने इसके प्रसंस्करण पर जोर देते हुए ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना की गई है. यहां शेड, बिजली, पानी, सड़क, मशीन सहित आवश्यक अधोसंरचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसके साथ ही प्रशिक्षण और व्यवसाय के लिए ऋण भी उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां काम करने के इच्छुक व्यक्ति को रोजगार मिलेगा, जिससे उसकी आय में वृद्धि होगी और परिवार का भरण पोषण आसानी से कर सकेगा. इससे गांव का विकास होगा.
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कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि यह ग्रामीण स्तर का औद्योगिक पार्क है. बड़े उद्योगों की स्थापना में कई बाधाएं हैं. इसके साथ ही इससे रोजगार भी अधिक उत्पन्न नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली कई सामग्री के बनने की जगह हमने नहीं देखी है. ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना से यह कार्य स्वयं ग्रामीण करेंगे. इससे लोगों की आमदनी बढ़ने के साथ ही गांव की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. युवाओं के पास किसी व्यवसाय की योजना है तो वे जिला प्रशासन से साझा करें, जिससे उनकी सहायता की जा सके.