श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को श्रीनगर से जम्मू में सिविल सचिवालय तक पैदल सड़क यात्रा की. इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी. इससे एक दिन पहले जम्मू हवाई अड्डे पर खराब विजिबलिटी के कारण उनकी फ्लाइट रद्द कर दी गई थी.
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि कम विजिबलिटी के कारण रविवार को ग्यारह उड़ानें रद्द कर गईं थीं और एक अन्य को तकनीकी कारणों से रद्द किया गया था.
उमर अब्दुल्ला ने शेयर किए वीडियो
एक्स पर एक पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू में खराब विजिबलिटी के कारण अचानक, आखिरी मिनट में सड़क यात्रा करनी पड़ी. कल (रविवार) जम्मू से कोई विमान नहीं आया, इसलिए मुझे विंटर कैपिटल के लिए सड़क मार्ग से जाना पड़ा." मुख्यमंत्री ने रविवार को जम्मू कश्मीर की विंटर कैपिटल श्रीनगर से जम्मू जाते हुए अपने काफिले के तीन वीडियो भी शेयर किए.
Poor visibility in Jammu meant a sudden, last minute, road trip. Nothing flew in to or out from Jammu yesterday so I had to saddle up & take the road to the winter capital. pic.twitter.com/gyHVymasDY
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 11, 2024
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि पहले व्यवधान के बाद सोमवार सुबह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उड़ान संचालन फिर से शुरू हो गया. 16 अक्टूबर को पदभार संभालने के बाद से उमर अब्दुल्ला का जम्मू में नागरिक सचिवालय का यह पहला दौरा था.
कर्मचारियों ने किया स्वागत
सुबह 10 बजे ऑफिस पहुंचने पर कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इससे पहले सरकार ने नौकरशाहों को 11 नवंबर से जम्मू में सिविल सचिवालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था. प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष जम्मू चले गए हैं, जहां वे सर्दियों के मौसम के लिए अपनी ड्यूटी शुरू करेंगे.
जम्मू से काम करेगा मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल
हालांकि यह बदलाव 'दरबार मूव' नहीं है, जिसका वादा नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने विधानसभा चुनावों से पहले किया था. मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल जम्मू से काम करेगा, हालांकि वे आवश्यकतानुसार यूटी के अन्य हिस्सों की यात्रा करेंगे.
दरबार मूव की प्रथा खत्म
30 जून को जम्मू कश्मीर ने दरबार मूव के रूप में जानी जाने वाली अपनी 149 साल पुरानी परंपरा को समाप्त कर दिया था. इस अर्धवार्षिक प्रथा में सरकार छह महीने तक दोनों राजधानियों, श्रीनगर और जम्मू में काम करती थी. दोनों शहरों में स्थित सिविल सचिवालयों में काम करने वाले लगभग 8,000-9,000 कर्मचारी साल में दो बार आधिकारिक फाइलों के साथ ट्ंरासफर होते थे.
विधानसभा भवन का दौरा किया
जम्मू पहुंचने के बाद उन्होंने निर्माणाधीन विधानसभा भवन का दौरा किया. अपने दौरे के दौरान उन्होंने निर्माण कार्य की समीक्षा की और अधिकारियों के साथ परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद इंजीनियरों और अधिकारियों से भवन की प्रगति और इसकी समयसीमा के बारे में विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने काम की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी ध्यान केंद्रित किया.
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू में विधानसभा भवन का निर्माण राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और एक बार पूरा हो जाने पर यह राज्य के प्रशासनिक कार्यों को मजबूत करेगा. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि परियोजना समय पर पूरी हो और सभी आवश्यक मानकों को पूरा किया जाए.
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