जगदलपुर: नक्सलियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर जगदलपुर में शुक्रवार को एक इनामी नक्सली ने बस्तर एसपी के सामने सरेंडर किया है. सरेंडर नक्सली पिछले 12-13 साल से नक्सलियों के संगठन में शामिल था. 2012 में उसे नक्सलियों ने कटेकल्याण एरिया कमेटी का जन मिलिशिया कमांडर भी बनाया था. सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. नक्सली पर 1 लाख रुपये का इनाम भी था. पुलिस अधीक्षक ने समर्पित नक्सली को 10 हजार रुपये का चेक भी दिया.
बस्तर एसपी दीपक झा ने बताया कि पुलिस की ओर से चलाए जा रहे समर्पण नीति की वजह से नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं. दरभा इलाके में लंबे समय से सक्रिय गायतु माड़ावी नाम के नक्सली ने भी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. एसपी ने बताया कि गायतु माड़ावी कटेकल्याण इलाके का जन मिलिशिया कमांडर था. इस पर पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था. गायतु माड़ावी पिछले 12-13 साल से नक्सली संगठन में सक्रिय रहने के दौरान कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है. अब उसने नक्सलियों की प्रताड़ना और उनकी खोखली विचारधारा से तंग आकर सरेंडर कर दिया है.
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कई घटनाओं में शामिल था गायतु
एसपी ने बताया कि गायतु माड़ावी लूटपाट, हत्या, आगजनी और ग्रामीणों का अपरहण करने के साथ पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में भी शामिल था. गायतु के खिलाफ दरभा ब्लॉक के अलग-अलग थानों में कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. फिलहाल गायतु के मुख्यधारा में लौटने पर उसे 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया गया है. साथ ही सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधा भी जल्द देने की बात बस्तर एसपी ने कही है.