जगदलपुर: किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रदीप देवांगन ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि बस्तर में हुए जिला पंचायत चुनाव में प्रदीप देवांगन को उपाध्यक्ष पद देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आश्वासन के बाद भी उपाध्यक्ष पद नहीं दिया गया. इससे खफा प्रदीप देवांगन ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा सौंप दिया है.
प्रदीप देवांगन ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'बीजेपी अब केंद्रीकृत पार्टी बन गई है. यहां छोटे पदाधिकारियों की कोई पूछ-परख नहीं है, इसके कारण उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम भाजपा नेताओं को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इतना ही नहीं राजनीति से सन्यास लेने की भी बात कह डाली है. इतना ही नहीं प्रदीप देवांगन ने कहा कि 'अब वे बीजेपी में कभी नहीं रहेंगे, न ही कभी कार्यालय की सीढ़ी चढ़ेंगे'. इस बीच भाजपा पदाधिकारी उन्हें मनाते रहे, लेकिन प्रदीप देवांगन नहीं मानें.
पार्टी पर प्रदीप देवांगन ने लगाया छलावा का आरोप
पार्टी पदाधिकारियों से नाराज प्रदीप देवांगन ने कहा कि 'पिछले चुनाव में 9 सदस्य होने के बाद भी उनके प्रयासों से जिला पंचायत में जविता मंडावी को अध्यक्ष बनाने में भाजपा सफल हुई थी. उस समय उन्हें उपाध्यक्ष पद का आश्वासन दिया गया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इस बार भी भाजपा के बड़े नेता जिला पंचायत चुनाव में उनकी पत्नी प्रतिभा देवांगन को उपाध्यक्ष बनाने की बात कही, लेकिन इस बार भी उनके साथ पार्टी के पदाधिकारियों ने छलावा किया'.
इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया जायेगा
मामले में प्रदेश के पूर्व मंत्री और बस्तर के चुनाव प्रभारी रहे केदार कश्यप ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि 'उनकी धर्मपत्नी को उपाध्यक्ष पद नहीं मिलने से वे स्थानीय बीजेपी नेताओं से नाराज हैं. पार्टी और संगठन से नहीं, जल्द ही उन्हें मना लिया जायेगा. उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया जायेगा.