बस्तर: नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में सुरक्षा की कमान संभालने वाले सीआरपीएफ के कमांडेंट की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई है. जिसके बाद बस्तर में नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बल के जवानों में गम का माहौल देखने को मिल रहा है.
सीआरपीएफ कमांडेंट को हार्ट अटैक: जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले के करनपुर में सीआरपीएफ का कोबरा 201 बटालियन का कैम्प स्थित है. बताया जा रहा है कि बुधवार की रात कमांडेंड सौमित्र राय कैम्प में स्थित अपने रूम में थे. इसी दौरान अचानक उनके सीने में दर्द उठा. जिसके बाद कैम्प के जवान उन्हीं की गाड़ी से जगदलपुर एयरपोर्ट लेकर पहुंचे. हेलीकॉप्टर से उन्हें रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल रेफर किया गया. जहां कमांडेंड ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है.
Heart attack: जानिए क्यों आता है हार्ट अटैक और क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के केस
हाल के दिनों में हार्ट अटैक (heart attack) के मामले काफी बढ़ गए हैं. इसका सबसे बड़ा कारण अनियमित जीवन शैली है. आज इंसान भाग दौड़ भरी जिंदगी में इतना व्यस्त हो गया है कि न उठने का सही समय है, न सोने का और न ही खाने का. यही वजह है कि, मानव का शरीर धीरे-धीरे बीमारियों का घर बनता जा रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि हार्ट अटैक यानी दिल की बीमारी क्या है और कैसे हम आज की इस भागती-दौड़ती जिंदगी में भी भी अपने इस कीमती हार्ट (heart) या दिल को संभाल कर रख सकते हैं.
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया कि कैसे आज लोग दिल की बीमारी के चपेट में आ रहे हैं. उन्होनें बताया कि हृदय रोग (heart disease) की मुख्य वजह हाई ब्लड प्रेशर, शुगर है, जो भविष्य में हार्टअटैक के अलावा किडनी से लेकर आंखों और जोड़ो तक के दिक्कत की वजह बनती है. हाई बीपी से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि लंबे समय तक बढ़ते दबाव के कारण धमनियां सिकुड़ जाती हैं. इससे हृदय को ब्लड पंप करने में परेशानी होती है.
दिल की बीमारी को लेकर कई तरह मिथ्य है. जैसे कि दिल को रोग पुरूषों को ज्यादा है साथ ही हार्ट अटैक की समस्या भी पुरूषों में ज्यादा है, लेकिन रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि पुरुषों से ज्यादा औरतों की मृत्यु हार्ट अटैक से होती है.
डॉक्टर ने बताया कि किन-किन कारणों के कारण हृदय के रोग बढ़ते हैं.
ज्यादा वजन: शरीर में तय मात्रा से ज्यादा फैट की वजह से वजन बढ़ जाता है. इससे कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाता है, जो किडनी संबंधी बीमारियों का एक बड़ा कारण बनता है. शरीर में ट्रांस फैट बढ़ने की वजह से हार्टअटैक का खतरा भी बढ़ जाता है.
हाई बीपी: लंबे समय से हाई बीपी धमनियों को ब्लॉक कर देता है. इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का लगातार उतार-चढ़ाव हृदय के लिए ठीक नहीं होता , इससे कार्य क्षमता प्रभावित होती है.
बढ़ता स्ट्रेस: तनाव का संबंध हृदय से होता है. जितना ज्यादा स्ट्रेस से दूर रहेंगे उतना स्वस्थ रहेंगे. जितना ज्यादा तनाव लेंगे, उससे अनालाइन हार्मोन रिलीज होगा, जिससे हार्टअटैक का खतरा बढ़ता है. साथ ही ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है.
जन्म संबंधित: कोलेस्ट्रॉल बढ़ना जेनेटिक भी हो सकता है. यदि माता-पिता में से किसी को भी 55 साल से पहले हार्ट अटैक हुआ हो तो बच्चों में इसकी आशंका कई गुना बढ़ जाती है. बच्चों में जींन और खानपान की आदते सामान होती है. इसलिए हर महीने बच्चों की डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.
हृदय के रोग से कैसे रहे निरोग
खानपान का रखें ध्यान
ज्यादा पका हुआ तला भुना खाना और जंक फूड से बचे.
कम से कम घी, तेल और मक्खन का इस्तेमाल करें .
खाने में पचास परसेंट सब्जियों, फल का इस्तेमाल करें.इसके आलाव सात रंग के फल और सब्जियों का सलाद रेगुलर अपने खाने में शामिल करें और हाई फाइबर वाली चीजें ज्यादा ग्रहण करें.
इन बातों का रखें ख्याल
रात 10 बजे तक सो जाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठे.
साथ ही उठने के दो-तीन घंटे में ब्रेकफास्ट कर लें.
दोपहर में सही समय देखकर लंच करें.
रात 8 बजे तक डिनर कर लें और पानी हमेशा खाने के 1 घंटे बाद ही पिएं.