जगदलपुर: बस्तर में बढ़ते मलेरिया के प्रकोप को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया से बचाव और इसके रोकथाम के लिए ग्रामीणों को जागरूक कर रही है. ग्रामीणों की मलेरिया जांच भी की जा रही है. मलेरिया की पुष्टि होने पर इलाज भी किया जा रहा है.
पहली बार स्वास्थ्य अधिकारी बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाके में पहुंच रहे हैं. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने लौंहडीगुड़ा ब्लॉक के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र मारिकोडेर और आसपास के गांव का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य टीम ने ग्रामीणों की मलेरिया जांच की है. कुछ ग्रामीणों की रिपोर्ट पॉजिटिव है.
स्वास्थ्य टीम ने की ग्रामीणों की मलेरिया जांच
स्वास्थ्य विभाग की टीम दुर्गम क्षेत्र सुलेगा गांव तक पैदल चल कर गई. ग्रामीणों को मलेरिया और स्वास्थ्य विभाग में हो रहे विभिन्न कार्यक्रम की जानकारी दी. मच्छरदानी की उपयोगिता के बारे में बताया. गांव की स्थानीय बोली में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को मलेरिया से बचने के उपाय बताए हैं. वहीं अधिकारी ने मीचनार गांव के HWC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) केंद्र का निरीक्षण किया.
स्वास्थ्य टीम ने मलेरिया से बचने के उपाय बताए
आधा दर्जन से अधिक गांव में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अपनी टीम के साथ पहुंचे. हेल्थ से जूड़ी ग्रामीणों की समस्याओं को जाना. उप स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण भी किया. इसके अलावा मलेरिया मुक्त बस्तर बनाने के लिए मलेरिया से बचने के उपाय ग्रामीणों को बताए.
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स्थानीय बोली में बैनर पोस्टर
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने अंदरूनी क्षेत्रों में मलेरिया से बचने के लिए स्थानीय बोली में बैनर और पोस्टर भी लगवाएं हैं. उनका कहना है कि मलेरिया की चपेट में आने से ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को बचाना है. निरीक्षण के दौरान जिले के मुख्य स्वास्थ अधिकारी के साथ डॉ नारायण नाग, खंड चिकित्सा अधिकारी लोहंडीगुड़ा के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे.