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Chhattisgarh Anganwadi Worker Rally: बस्तर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन तेज, सुपोषण अभियान होगा प्रभावित !

जगदलपुर में अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. बुधवार को जगदलपुर में रैली निकालकर बस्तर के जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा है.

Chhattisgarh Anganwadi Worker Rally
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जनप्रतिनिधियों को सौंपा ज्ञापन
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Published : Feb 8, 2023, 8:01 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

जगदलपुर: संघ के जिलाध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "2 जनवरी और 9 जनवरी को छत्तीसगढ़ सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था. 5 दिन के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. जिसके बाद छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 23 जनवरी से 27 जनवरी तक राजधानी रायपुर के महापड़ाव में शामिल हुए. जिसके बाद उन्होंने 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. इस हड़ताल को उग्र रूप देते हुए आज रैली के जरिए ज्ञापन सौंपा गया है."

यह भी पढ़ें: Reservation amendment in Chhattisgarh: राज्यपाल के जवाब के बाद क्या करेगा हाईकोर्ट, जानिए कानून विशेषज्ञ की राय

हड़ताल से आंगनबाड़ी बेहाल: जिला अध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "बस्तर जिले में कुल चार हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से जिले के सभी आंगनबाड़ी बंद है. बच्चे आंगनबाड़ी तक पहुंच रहे हैं लेकिन आंगनबाड़ी में ताला लगने की वजह से वे अपने घर वापस लौट रहे हैं. कुपोषित बच्चों पर अपनी राशि खर्च करके आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका उन्हें सुपोषण के लिए आगे बढ़ाती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम पूरी तरह से ठप है. जिसकी वजह से कुपोषण की मात्रा और अधिक बढ़ने की संभावना जिला अध्यक्ष ने जताई है."

इसके अलावा सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी की सहायिका गर्भवती महिला और पोषक माताओं को पोषक आहार घर घर पहुंचाकर वितरित करती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम भी प्रभावित हो रहा है. बस्तर जिले में 45 हजार गर्भवती महिलाएं और 94 हजार बच्चे हैं.



कांग्रेस सरकार को कुर्सी से उतारने की चेतावनी: संघ की जिला अध्यक्ष ने बताया कि "प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को कलेक्टर दर देने की बात कही थी. लेकिन 4 साल से अधिक का समय हो गया है और अब तक उन्होंने यह वादा पूरा नहीं किया है उनके साथ वादाखिलाफी हुई है. जिस प्रकार से कांग्रेस को कुर्सी पर बैठाया था. आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में उसी कुर्सी से उतारने के लिए छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ तैयार है. क्योंकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर किया है."

जगदलपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

जगदलपुर: संघ के जिलाध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "2 जनवरी और 9 जनवरी को छत्तीसगढ़ सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था. 5 दिन के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. जिसके बाद छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 23 जनवरी से 27 जनवरी तक राजधानी रायपुर के महापड़ाव में शामिल हुए. जिसके बाद उन्होंने 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. इस हड़ताल को उग्र रूप देते हुए आज रैली के जरिए ज्ञापन सौंपा गया है."

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हड़ताल से आंगनबाड़ी बेहाल: जिला अध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "बस्तर जिले में कुल चार हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से जिले के सभी आंगनबाड़ी बंद है. बच्चे आंगनबाड़ी तक पहुंच रहे हैं लेकिन आंगनबाड़ी में ताला लगने की वजह से वे अपने घर वापस लौट रहे हैं. कुपोषित बच्चों पर अपनी राशि खर्च करके आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका उन्हें सुपोषण के लिए आगे बढ़ाती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम पूरी तरह से ठप है. जिसकी वजह से कुपोषण की मात्रा और अधिक बढ़ने की संभावना जिला अध्यक्ष ने जताई है."

इसके अलावा सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी की सहायिका गर्भवती महिला और पोषक माताओं को पोषक आहार घर घर पहुंचाकर वितरित करती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम भी प्रभावित हो रहा है. बस्तर जिले में 45 हजार गर्भवती महिलाएं और 94 हजार बच्चे हैं.



कांग्रेस सरकार को कुर्सी से उतारने की चेतावनी: संघ की जिला अध्यक्ष ने बताया कि "प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को कलेक्टर दर देने की बात कही थी. लेकिन 4 साल से अधिक का समय हो गया है और अब तक उन्होंने यह वादा पूरा नहीं किया है उनके साथ वादाखिलाफी हुई है. जिस प्रकार से कांग्रेस को कुर्सी पर बैठाया था. आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में उसी कुर्सी से उतारने के लिए छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ तैयार है. क्योंकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर किया है."

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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