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याद किए गए वीर क्रांतिकारी, बस्तर में मनाया गया भूमकाल दिवस - भूमकाल दिवस

जगदलपुर: बस्तर में शहीद गुंडाधुर के बलिदान दिवस के रूप में हर साल सर्व आदिवासी समाज द्वारा 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाया जाता है. इस साल भी सर्व आदिवासी समाज द्वारा भूमकाल दिवस धूमधाम से मनाया गया. 109वीं वर्षगांठ के मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने शहर में विशाल जुलूस निकाली. इसके बाद शहर के सीरासार परिसर में विशाल जनसभा का आयोजन किया.

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Published : Feb 11, 2019, 8:43 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

बता दें कि देश की आजादी के लिए यहां अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष के लिए भूमकाल की शुरुआत की गई थी. भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन. इसी आंदोलन की 109वीं वर्षगांठ के मौके पर भूमकाल के महानायक शहीद गुंडाधुर, डेबरीधुर और अन्य क्रांतिकारियों को बस्तर संभाग से आए हजारों आदिवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर शहर में विशाल रैली निकाली गई. इसके बाद शहर के सीरासार परिसर में आदिवासी समाज के अध्यक्षों ने जनसभा को संबोधित किया.

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सभा को बताया गैर राजनैतिक
भूमकाल दिवस के संयोजक कुमार जयदेव ने इस सभा को गैर राजनैतिक बताया. उन्होंने कहा कि यह भूमकाल दिवस बस्तर में अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेने वाले वीर शहीद गुंडाधुर और आदिवासी क्रांतिकारियों के याद में हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन समूचे बस्तर संभाग में किया गया.

गृह ग्राम में स्थापित की जाएगी मूर्ति
भूमकाल दिवस के मौके पर कुमार जयदेव ने घोषणा करते हुए कहा कि अंग्रेजों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुए आदिवासी क्रांतिकारियों के सम्मान में अब उनकी मूर्ति उनके गृह ग्राम में स्थापित की जाएगी और यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक होगा. इसके लिए उन गांवों के ग्रामीणों के घर से मिट्टी और चंदे के रूप में पैसे लेकर शहीद क्रांतिकारी आदिवासियों की मूर्ति बनवाकर स्थापित की जाएगी.

बता दें कि देश की आजादी के लिए यहां अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष के लिए भूमकाल की शुरुआत की गई थी. भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन. इसी आंदोलन की 109वीं वर्षगांठ के मौके पर भूमकाल के महानायक शहीद गुंडाधुर, डेबरीधुर और अन्य क्रांतिकारियों को बस्तर संभाग से आए हजारों आदिवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर शहर में विशाल रैली निकाली गई. इसके बाद शहर के सीरासार परिसर में आदिवासी समाज के अध्यक्षों ने जनसभा को संबोधित किया.

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सभा को बताया गैर राजनैतिक
भूमकाल दिवस के संयोजक कुमार जयदेव ने इस सभा को गैर राजनैतिक बताया. उन्होंने कहा कि यह भूमकाल दिवस बस्तर में अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेने वाले वीर शहीद गुंडाधुर और आदिवासी क्रांतिकारियों के याद में हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन समूचे बस्तर संभाग में किया गया.

गृह ग्राम में स्थापित की जाएगी मूर्ति
भूमकाल दिवस के मौके पर कुमार जयदेव ने घोषणा करते हुए कहा कि अंग्रेजों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुए आदिवासी क्रांतिकारियों के सम्मान में अब उनकी मूर्ति उनके गृह ग्राम में स्थापित की जाएगी और यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक होगा. इसके लिए उन गांवों के ग्रामीणों के घर से मिट्टी और चंदे के रूप में पैसे लेकर शहीद क्रांतिकारी आदिवासियों की मूर्ति बनवाकर स्थापित की जाएगी.

Intro:जगदलपुर। बस्तर में शहीद गुंडाधुर के बलिदान दिवस के रूप में हर वर्ष सर्व आदिवासी समाज द्वारा 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी सर्व आदिवासी समाज द्वारा भूमकाल दिवस धूमधाम से मनाया गया । 109 वीं वर्षगांठ के मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों द्वारा शहर में विशाल जुलूस निकाली गई। जिसके बाद शहर के सीरासार परिसर में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया।


Body:वो1- देश की आजादी के लिए यहां अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष का शंखनाद करने भूमकाल की शुरुआत की गई। भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन। इसी आंदोलन की 109 वीं वर्षगांठ के मौके पर भूम काल के महानायक शहीद गुंडाधुर , डेबरीधुर और अन्य क्रांतिकारियों को बस्तर संभाग भर से आए हजारों आदिवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर शहर में विशाल रैली निकाली गई जिसके बाद शहर के सीरासारपरिसर में आदिवासी समाज के अध्यक्षों ने जनसभा को संबोधित किया। भूमकाल दिवस के संयोजक कुमार जयदेव ने ने इस सभा को गैर राजनैतिक बताया। उन्होंने कहा कि यह भूमकाल दिवस बस्तर में अंग्रेजो के खिलाफ लोहा लेने वाले वीर शहीद गुंडाधुर और आदिवासी क्रांतिकारियों के याद में हर वर्ष 10 फरवरी को मनाया जाता है । इस दिन सर्व आदिवासी समाज के लोगो द्वारा विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन समूचे बस्तर संभाग में किया जाता है। भूमकाल दिवस के मौके पर कुमार जयदेव ने घोषणा करते हुए कहा कि अंग्रेजों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुए आदिवासी क्रांतिकारियों के सम्मान में अब उनकी मूर्ति उनके गृह ग्राम में स्थापित की जाएगी । यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक होगा। इसके लिए उन गांवों के ग्रामीणों के घर से मिट्टी और चंदे के रूप में पैसे लेकर शहीद क्रांतिकारी आदिवासियों की मूर्ति बनवाकर स्थापित की जाएगी।

बाईट1- कुमार जयदेव, संयोजक भूमकाल दिवस



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Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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