जगदलपुर : अपने बस्तर प्रवास के दूसरे दिन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा बस्तर जिले के लामड़ागुड़ा गांव पहुंचे. उन्होंने यहां टूरिज्म सर्किट का लोकार्पण किया. इसके साथ ही धुरागांव में वन धन विकास केंद्र के कार्यों का भी अवलोकन किया. उन्होंने इस वन धन विकास केंद्र में स्थानीय वनोपजों के बेहतर प्रोसेसिंग के कार्यों की सराहना की. साथ ही कहा कि इसके माध्यम से स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध होने के साथ-साथ वनोपज संग्रहणकर्ताओं को उनके उत्पाद का वाजिब दाम भी मिल सकेगा.
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की समस्याएं-मांगें जानीं
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने वन धन विकास केंद्र के तैलीय बीज प्रसंस्करण, वन प्रसंस्करण कक्ष, इमली और महुआ प्रसंस्करण केंद्र का अवलोकन कर वन उत्पाद के प्रोसेसिंग और पैकेजिंग का अवलोकन कर इस बारे में जानकारी ली. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने स्टॉल में लगे उत्पादों का भी अवलोकन किया. प्रोसेसिंग कार्य में लगी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बात-चीत कर उनकी समस्याओं और मांगों के संबंध में भी उन्होंने जानकारी ली.
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को हरसंभव मदद का आश्वासन
केंद्रीय मंत्री ने इस कार्य में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया. साथ ही ज्यादा से ज्यादा उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया. करीब 2 घंटे का समय धूरागांव में बिताने के बाद केंद्रीय मंत्री ने चित्रकोट जलप्रपात के विहंगम दृश्य का लुत्फ उठाया.
इसके बाद ट्राइफेड और जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर बस्तर के वनांचल में तैयार होने वाली सभी उत्पादों की अच्छी मार्केटिंग करने के साथ बस्तर के ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण अंचलों के लोगों को ट्राइफेड के माध्यम से रोजगार दिलाने के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिये. इसके अलावा अधिक संख्या में वन धन विकास केंद्र खोलने के साथ ही बस्तर के वनोपज का उचित मूल्य दिलाने के निर्देश दिये.