गौरेला पेंड्रा मरवाही: बिलासपुर संभाग में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं. इन सीटों में एक है मरवाही विधानसभा सीट. जो कि एक हाई प्रोफाइल सीट है. दरअसल, इस सीट से पूर्व सीएम अजीत जोगी विधायक थे. साल 2020 में अजीत जोगी के निधन के बाद जेसीसीजे ने इस सीट से किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया था. 2020 में हुए उपचुनाव में मरवाही विधानसभा से कांग्रेस के के. के धुव्र ने जीत हासिल की. केके ध्रुव ने भाजपा के गंभीर सिंह को 38 हजार 132 वोटों से हराया था. इस हार को भाजपा भूली नहीं. इस बार बीजेपी ने इसका तोड़ निकाला है. इस बार इस सीट से बीजेपी ने प्रणव कुमार मरपच्ची को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. हालांकि कांग्रेस ने के के ध्रुव को ही दोबारा उम्मीदवार बनाया है.
मरवाही विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण: ये सीट अनुसूचित जनजातिवर्ग के लिए आरक्षित है. यहां अनुसूचित जनजाति के लोग 57.09 फीसद हैं. अनुसूचित जाति के 6.18 फीसद लोग रहते हैं. वहीं, ओबीसी वर्ग की संख्या यहां 15 फीसद है. साथ ही इस क्षेत्र में सामान्य वर्ग की आबादी 21.73 फीसद है. यहां अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग अधिक होने से इस जाति का दबदबा अधिक है. यही कारण है कि भाजपा ने यहां से प्रणव कुमार मरपच्ची को उम्मीदवार घोषित किया है. प्रणव फिलहाल भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी हैं.
जानिए कौन हैं प्रणव कुमार मरपच्ची: भाजपा ने मरवाही से प्रणव कुमार मरपच्ची को मरवाही विधानसभा का प्रत्याशी घोषित किया है. प्रणव कुमार मरपच्ची वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष हैं. मरपच्ची दूसरी बार ग्राम पंचायत धरहर के सरपंच भी चुने गए हैं. ये मरवाही के ग्राम पंचायत धरहर के निवासी हैं. प्रणव कुमार भूतपूर्व सैनिक हैं. साल 1997 से 2014 तक उन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी है.
जानिए कौन है मरवाही में वर्तमान विधायक: मरवाही के विधायक केके ध्रुव के पिता का नाम कृष्ण कुमार ध्रुव है. कोरबा में इनका जन्म हुई. डॉ ध्रुव को जनसेवा की इच्छा राजनीति में लेकर आई. पहली बार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू जिला कोरबा में ये पदस्थ हुए. साल 1998 से फरवरी 2001 तक यहीं काम किया. इसके बाद मरवाही में बतौर डॉक्टर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. साल 2004 से ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के पद पर काम करते रहे. जब नौकरी छोड़ राजनीति करने का फैसला लिया तो कांग्रेस ने इन्हें टिकट दिया. फिलहाल ये मरवाही से विधायक हैं.
मरवाही विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या: मरवाही विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता संख्या 197736 है. यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 96785 है. जबकि इस सीट पर महिला मतदाता 100949 हैं. यहां पुरुष के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. वहीं, थर्ड जेंडर मतदाता यहां 2 हैं.

मरवाही विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं: मरवाही विधानसभा सीट एक हाईप्रोफाइल सीट है. हालांकि इस क्षेत्र में समस्याएं बहुत है. यहां आए दिन भालू और हाथी का तांडव देखने को मिलता है. वन्यजीव और मानव संघर्ष तो यहां आम है. इस क्षेत्र को भालू के क्षेत्र से भी जाना जाता है. यहां सफेद भालू भी पाए जाते हैं. पिछले कुछ सालों से यहां हाथियों का भी तांडव देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था यहां बदहाल है. अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर के तौर पर ही काम कर रही है. भ्रष्टाचार का मुद्दा भी यहां गंभीर है. अधिकतर लोग यहां भ्रष्टाचार से परेशान है.शासकीय योजनाए तो यहां लागू है, पर किसी को भी उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.

2018 चुनाव और 2020 उपचुनाव की तस्वीर: साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां अजीत जोगी ने जीत हासिल की थी. हालांकि साल 2020 में उनका निधन हो गया. इसके बाद साल 2022 में यहां उपचुनाव हुआ. जेसीसीजे ने यहां से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा.चुनाव में बीजेपी को हराकर कांग्रेस ने बाजी मार ली. कांग्रेस प्रत्याशी के के धुव्र ने भाजपा के गंभीर सिंह को 38 हजार 132 वोटों हरा दिया. उपचुनाव में कांग्रेस को 83372 वोट मिले थे. वहीं भाजपा को 45240 वोट मिले थे.
मरवाही विधानसभा में विनिंग फैक्टर: इस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लोग अधिक रहते हैं. यही कारण है कि इस बार बीजेपी ने इसी जाति से अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है. इस सीट पर अनुसूचित जनजाति के लोग ही विनिंग फैक्टर हैं. ये समाज ही यहां प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करता है.