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गरियाबंद: दम तोड़ रही नल-जल योजना, झिरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

गरियाबंद में पीएचई विभाग की लापरवाही की वजह से ग्रामीण झिरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

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Published : Jun 28, 2019, 3:40 PM IST

Updated : Jun 28, 2019, 3:52 PM IST

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गरियाबंद: पीएचई विभाग की नल जल योजना गरियाबंद के बुर्जाबाहल गांव में अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है. जनता की गाढ़ी कमाई खर्च कर विशाल टंकी बनाई गई थी, जो सफेद हाथी साबित हो रही है.

झिरिया का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण


झिरिया का पानी लाती हैं महिलाएं
इस टंकी के बगल से होकर गांव की महिलाएं तेल नदी में जाकर झरिया बनाकर घर के लिए पानी लाती हैं. दरअसल टंकी का निर्माण तो एक साल पहले ही हो चुका है, लेकिन इसमें पानी भरने के लिए लगाई गई मोटर महज 15 दिन में ही खराब हो गया. इसके बाद से लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए बनाई गई टंकी खुद अभी तक 'प्यासी' है.


हैंडपंप उगल रहे कसयला पानी
गांव के हैंडपंप कसयला पानी उगल रहे हैं, इसकी वजह से गांव की महिलाएं पीने के पानी के लिए तेल नदी में जाकर झरिया खोदकर पानी लाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों की नाराजगी के बाद गांव के सरपंच ने कई बार PHE विभाग को इसकी शिकायत की, लेकिन विभाग के किसी अफसर ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.


‘गर्मी के आते ही शुरू हो जाती है किल्लत'
ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करती है. गर्मी के दिन आते ही पीने के पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. कुएं ,बोरिंग ,नदी नाले सब सुख जाते हैं और इसकी वजह से जल का स्तर में लगातार गिरावट होती है. जिसकी वजह से बोर के मालिक बोरवेल की गहराई बढ़ाने की कोशिश करते हैं.


मोटर पंप है खराब
पत्रकारों ने जब पंचायत के मुखिया सरपंच से इसकी वजह जाननी चाही, तो उन्होंने बताया कि, टंकी के बोलवेल में गुणवत्ताहीन मोटरपंप लगाया गया था जो कुछ चलने के बाद खराब हो गया और मरम्मत नहीं होने की वजह से टंकी अभी तक खाली पड़ी है.


'शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं'
गांव के सरपंच ने बताया कि इसकी जानकारी उसकी ओर से लिखित में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को कई बार दी जा चुकी है, लेकिन अबतक इस पर विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को गर्मी के दिनों में नदी-नालों में गड्ढा खोदकर पानी गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है.

गरियाबंद: पीएचई विभाग की नल जल योजना गरियाबंद के बुर्जाबाहल गांव में अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है. जनता की गाढ़ी कमाई खर्च कर विशाल टंकी बनाई गई थी, जो सफेद हाथी साबित हो रही है.

झिरिया का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण


झिरिया का पानी लाती हैं महिलाएं
इस टंकी के बगल से होकर गांव की महिलाएं तेल नदी में जाकर झरिया बनाकर घर के लिए पानी लाती हैं. दरअसल टंकी का निर्माण तो एक साल पहले ही हो चुका है, लेकिन इसमें पानी भरने के लिए लगाई गई मोटर महज 15 दिन में ही खराब हो गया. इसके बाद से लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए बनाई गई टंकी खुद अभी तक 'प्यासी' है.


हैंडपंप उगल रहे कसयला पानी
गांव के हैंडपंप कसयला पानी उगल रहे हैं, इसकी वजह से गांव की महिलाएं पीने के पानी के लिए तेल नदी में जाकर झरिया खोदकर पानी लाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों की नाराजगी के बाद गांव के सरपंच ने कई बार PHE विभाग को इसकी शिकायत की, लेकिन विभाग के किसी अफसर ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.


‘गर्मी के आते ही शुरू हो जाती है किल्लत'
ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करती है. गर्मी के दिन आते ही पीने के पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. कुएं ,बोरिंग ,नदी नाले सब सुख जाते हैं और इसकी वजह से जल का स्तर में लगातार गिरावट होती है. जिसकी वजह से बोर के मालिक बोरवेल की गहराई बढ़ाने की कोशिश करते हैं.


मोटर पंप है खराब
पत्रकारों ने जब पंचायत के मुखिया सरपंच से इसकी वजह जाननी चाही, तो उन्होंने बताया कि, टंकी के बोलवेल में गुणवत्ताहीन मोटरपंप लगाया गया था जो कुछ चलने के बाद खराब हो गया और मरम्मत नहीं होने की वजह से टंकी अभी तक खाली पड़ी है.


'शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं'
गांव के सरपंच ने बताया कि इसकी जानकारी उसकी ओर से लिखित में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को कई बार दी जा चुकी है, लेकिन अबतक इस पर विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को गर्मी के दिनों में नदी-नालों में गड्ढा खोदकर पानी गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है.

Intro:सफेद हाथी बनी नल जल योजना की टंकी, लाखो खर्च के बाद भी झरिया का पानी पीने को मजबूर हैं यहां के ग्रामीण


एंकर--पीएचई विभाग की नल जल योजना गरियाबंद के बुर्जाबाहल गांव में अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई विशाल टंकी सफेद हाथी साबित हो रही है इस टंकी के बगल से होकर गांव की महिलाएं तेल नदी में जाकर झरिया खोदकर घर के लिए पानी लाती है दरअसल टंकी का निर्माण तो 1 साल पहले ही पूरा हो चुका है मगर इसे पानी से भरने लगाई गई मोटर महज 15 दिन में ही खराब हो गई जिसके बाद से लोगों को पानी पिलाने के लिए बनाई गई एक टंकी खुद अभी तक प्यासी बनी हुई है गांव के हैंडपंप कसयला पानी उगल रहे हैं जिसके कारण मजबूरी में गांव की महिलाएं पीने के पानी के लिए तेल नदी में जाकर झरिया खोदकर पानी लाती हैं ग्रामीणों की नाराजगी के बाद गांव के सरपंच ने कई बार पीएचई विभाग को इसकी शिकायत की लेकिन इसे सुधारने में अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया.



Body:वीओ-- आम जनता ,और ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास करती है । गर्मी के दिन आते ही लोगों की पानी को लेकर समस्या अत्यधिक बढ़ जाती है , कुएं ,बोरिंग ,नदी नाले सब सुख जाते हैं । जल का स्तर दिनोदिन कम होते जा रही है इसलिये कम गहराई के बोरिंग इत्यादि भी काम नही देते इसीलिए सरकार द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जरिये बोर खनन द्वारा जमीन की अधिक गहराई से पानी निकलवाने की ब्यवस्था कराती है ।

वीओ-- जिला गरियाबंद में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी की उदासीन रवैये के कारण यह हमेशा से सुर्खियों में रहा है । ०० आज हम आपको गरियाबंद जिला के मैनपुर ब्लाक के ग्राम बुर्जाबहाल का हाल दिखाने जा रहे हैं । ग्राम बुर्जाबहाल में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लाखों का पीने के पानी टंकी का निर्माण कराया है जिसे आप तस्वीर में देख रहे है ,इस टंकी का निर्माण करीब 1वर्ष पूर्ण होने जा रहा है पर आजतक इस टंकी का पानी लोगों की प्यास बुझा नही पाई है । लाखों ,करोड़ों रुपये तो फुंक दिया गया निर्माण में पर आज भी उनका लाभ लोगों को नही मिल पा रहा है ।


वीवो 2 जब मीडिया की टीम पंचायत के मुखिया सरपंच से जाननी चाही तब पता चला कि गुणवत्ताहींन मोटरपम्प लगाया गया था जो कुछ चलने के बाद खराब हो गया जो अबतक बन्द पड़ा है , Conclusion:सरपंच ने बताया कि इसकी जानकारी मेरे द्वारा लिखित में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को कई बार दे चुका हूं पर अबतक कोई भी विभाग के कर्मचारी अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं । पूरे गर्मी के दिनों में यहां के लोग नदी नालों में गड्ढा खोदकर पानी निकालकर उपयोग किये हैं ।

बाइट-- मकरंद सोरी सरपंच

बाइट-- सोना चंद बीसी ग्रामीण
Last Updated : Jun 28, 2019, 3:52 PM IST
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