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टोकन वितरण नहीं होने के किसानों में नाराजगी, कलेक्टर निवास पहुंच की शिकायत

प्रदेश में एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने वाली है. शुक्रवार से पूरे प्रदेश में किसानों को टोकन का वितरण शुरू हो गया है. लेकिन अव्यवस्था से किसान परेशान हैं.

Farmers reached Collector residence
कलेक्टर निवास पहुंचे किसान
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Published : Nov 28, 2020, 4:18 PM IST

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में 1 दिसबंर से धान खरीदी शुरू होनी है. धान खरीदी के लिए शुक्रवार से टोकन बांटने का काम शुरू किया गया है. टोकन वितरण के दौरान अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं. जिले के कृषि उपज मंडी में धान खरीदी के लिए टोकन नहीं कटने से नाराज किसानों ने शनिवार को कलेक्टर के घर पहुंच शिकायत की है. जिसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया. एक-एक कर एसडीएम, अपर कलेक्टर, तहसीलदार और पुलिस विभाग के अधिकारी कलेक्टर निवास पहुंचे.

टोकन वितरण में देरी से किसान परेशान

किसानों ने कलेक्टर को बताया कि वे शुक्रवार से टोकन लेने के लिए खरीदी केंद्र के बाहर खड़े रहे पर उनको टोकन नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि शुक्रवार को कम से कम टोकन वितरण के लिए रजिस्टर में नाम नोट किया जा रहा था, लेकिन आज वो भी नहीं किया जा रहा है. उनका कहना है कि 1 दिसंबर से धान की खरीदी होनी है ऐसे में अगर समय पर टोकन नहीं मिला तो उन्हें परेशानी होगी. उनका कहना है कि पहले ही धान की खरीदी में देरी हो चुकी है और अब टोकन वितरण भी नहीं किया जा रहा है.

धान खरीदी को लेकर किसानों को दी जानकारी

किसानों की परेशानी पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने एसडीएम को तत्काल मंडी जाकर कार्य व्यवस्था सुधारवाने की बात कही. साथ ही किसानों को भी टोकन वितरण की प्रक्रिया समझाई. कलेक्टर ने बताया कि शुक्रवार शाम को राज्य सरकार ने किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है. पहले टोकन केवल कार्यालयीन समय में कटता था अब 24 घंटे कभी भी टोकन कट सकता है. इसके अलावा हर रोज प्रति खरीदी केंद्र की क्षमता के हिसाब से धान की मात्रा निर्धारित कर दी गई है. सरकार पहले छोटे किसानों के धान खरीदी को प्राथमिकता देगी, फिर उससे बड़े और अंत में सबसे बड़े किसानों को प्राथमिकता मिलेगी. बड़े किसान अपना 30% धान पहले बेच पाएंगे पूरा धान एक साथ नहीं बेच सकते. वही 2 एकड़ से कम वाले किसान अपना पूरा धान एक साथ बेच सकेंगे.

ढ़ें: टोकन वितरण में अव्यवस्था, किसानों की लगी भारी भीड़, सरकार पर भड़के अन्नदाता

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरे की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मॉइश्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद सॉफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पढ़ें: बिलासपुर : टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान, न अधिकारी मिले, न कर्मचारी

ऑपरेटर को SDM ने लगाई फटकार

कलेक्टर की समझाइश के बाद किसान काफी संतुष्ट नजर आए. वहीं कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम भूपेंद्र साहू मंडी पहुंचे और ऑपरेटर से बात की. ऑपरेटर ने बताया कि चिखली गांव के किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते उसने बाकी गांव का भी पंजीयन नहीं किया. एसडीएम ने इस पर ऑपरेटर को फटकार लगाई और कहा कि बाकी गांवों का पंजीयन भी जल्द शुरू किया जाए.

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में 1 दिसबंर से धान खरीदी शुरू होनी है. धान खरीदी के लिए शुक्रवार से टोकन बांटने का काम शुरू किया गया है. टोकन वितरण के दौरान अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं. जिले के कृषि उपज मंडी में धान खरीदी के लिए टोकन नहीं कटने से नाराज किसानों ने शनिवार को कलेक्टर के घर पहुंच शिकायत की है. जिसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया. एक-एक कर एसडीएम, अपर कलेक्टर, तहसीलदार और पुलिस विभाग के अधिकारी कलेक्टर निवास पहुंचे.

टोकन वितरण में देरी से किसान परेशान

किसानों ने कलेक्टर को बताया कि वे शुक्रवार से टोकन लेने के लिए खरीदी केंद्र के बाहर खड़े रहे पर उनको टोकन नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि शुक्रवार को कम से कम टोकन वितरण के लिए रजिस्टर में नाम नोट किया जा रहा था, लेकिन आज वो भी नहीं किया जा रहा है. उनका कहना है कि 1 दिसंबर से धान की खरीदी होनी है ऐसे में अगर समय पर टोकन नहीं मिला तो उन्हें परेशानी होगी. उनका कहना है कि पहले ही धान की खरीदी में देरी हो चुकी है और अब टोकन वितरण भी नहीं किया जा रहा है.

धान खरीदी को लेकर किसानों को दी जानकारी

किसानों की परेशानी पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने एसडीएम को तत्काल मंडी जाकर कार्य व्यवस्था सुधारवाने की बात कही. साथ ही किसानों को भी टोकन वितरण की प्रक्रिया समझाई. कलेक्टर ने बताया कि शुक्रवार शाम को राज्य सरकार ने किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है. पहले टोकन केवल कार्यालयीन समय में कटता था अब 24 घंटे कभी भी टोकन कट सकता है. इसके अलावा हर रोज प्रति खरीदी केंद्र की क्षमता के हिसाब से धान की मात्रा निर्धारित कर दी गई है. सरकार पहले छोटे किसानों के धान खरीदी को प्राथमिकता देगी, फिर उससे बड़े और अंत में सबसे बड़े किसानों को प्राथमिकता मिलेगी. बड़े किसान अपना 30% धान पहले बेच पाएंगे पूरा धान एक साथ नहीं बेच सकते. वही 2 एकड़ से कम वाले किसान अपना पूरा धान एक साथ बेच सकेंगे.

ढ़ें: टोकन वितरण में अव्यवस्था, किसानों की लगी भारी भीड़, सरकार पर भड़के अन्नदाता

तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश

⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.

⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.

⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरे की व्यवस्था.

⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मॉइश्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.

⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.

⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.

⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.

⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.

⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.

⦁ एक दिसंबर के बाद सॉफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.

⦁ गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पढ़ें: बिलासपुर : टोकन वितरण के लिए पहुंचे किसान, न अधिकारी मिले, न कर्मचारी

ऑपरेटर को SDM ने लगाई फटकार

कलेक्टर की समझाइश के बाद किसान काफी संतुष्ट नजर आए. वहीं कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम भूपेंद्र साहू मंडी पहुंचे और ऑपरेटर से बात की. ऑपरेटर ने बताया कि चिखली गांव के किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते उसने बाकी गांव का भी पंजीयन नहीं किया. एसडीएम ने इस पर ऑपरेटर को फटकार लगाई और कहा कि बाकी गांवों का पंजीयन भी जल्द शुरू किया जाए.

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