गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में बिना किसी सरकारी योगदान के अयोध्या मॉडल जैसा भगवान श्री राम का भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है. (Ram temple in Gariaband) है. रामनवमी (Ram Navami 2022 ) पर इसका शुभारंभ किया जाएगा. अगले 2 साल तक मंदिर को और अधिक भव्यता दी जाएगी. मंदिर में भगवान श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा रविवार को की जाएगी. यह मंदिर अपने आप में कई वजहों से बेहद खास है. (Prana Pratishtha in Ram temple on Ram Navami in Gariaband)
श्रद्धालुओं के सहयोग से बना मंदिर: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पैरी नदी के तट पर स्थित सिरकट्टी आश्रम के ब्रह्मलीन संत सिया भुनेश्वरी सारण व्यास जी की इच्छा थी कि राम जानकी मंदिर को भव्य रूप दिया जाए. उनकी इस इच्छा को उनके शिष्य और आश्रम के वर्तमान संत गोवर्धन शरण व्यास ने पूरा किया. गरियाबंद के अलावा महासमुंद, धमतरी, कांकेर, बस्तर और कई जिलों के श्रद्धालुओं ने इसमें बढ़-चढ़कर योगदान दिया और मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ. अब मुख्य हिस्से का निर्माण पूरा हो चुका है.
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विशेष लाल पत्थर से हुआ है निर्माण: सबसे खास बात यह है कि इस भव्य मंदिर के निर्माण में सरकारी रूप से किसी तरह की कोई मदद नहीं ली गई. मंदिर का निर्माण अयोध्या के मंदिर की तरह ही राजस्थान के उन्ही विशेष लाल पत्थरों से किया जा रहा है. इसके निर्माण में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. जिससे मंदिर अनंत काल तक स्थाई रहेगा. रामनवमी पर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी साधु-संतों द्वारा ही की जाएगी. इस मौके पर विशेष रुप से संत श्री राम गोपाल दास और दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास उपस्थित रहेंगे. बीते 9 दिनों से हर रोज यहां हजारों श्रद्धालु 24 कुंडीय यज्ञ में शामिल हो रहे हैं. हर दिन राम कथा का आयोजन किया जा रहा है.