ETV Bharat / state

कोरोना काल में स्कूल बंद होने से रूका बच्चों का विकास, 5वीं के छात्रों को तीसरी का भी ज्ञान नहीं!

छत्तीसगढ़ में नए शिक्षा सत्र (new education session in chhattisgarh) हर साल 16 जून से शुरू होता है. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण इस साल स्कूलों में ताला लटका है. अब एक बार फिर कोरोना के केस कम होने के साथ स्कूलों को खोलने के कयास लगाए जा रहे हैं. बीते दिनों शिक्षा मंत्री ने भी संकेत दिए थे, इसके बाद कई पालकों ने भी स्कूल खोले जाने का समर्थन करते दिखे हैं.

parents supported the opening of the school
गरियाबंद में पालकों ने स्कूल खोलने का किया समर्थन
author img

By

Published : Jun 14, 2021, 6:12 PM IST

गरियाबंद: हर साल छत्तीसगढ़ में 16 जून से नए शिक्षा सत्र शुरू हो जाता था. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश की स्कूलों बीते 15 महीने से ताला लटका है. अब छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण (corona infection in chhattisgarh) के केस कम होने के साथ स्कूलों को एक बार फिर से खोलने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. पैरेंट्स के साथ शिक्षकों को भी इंतजार है कि इस बार स्कूलों में बच्चों की अठखेलियां और पढ़ाई करते दृश्य दिखे.

गरियाबंद में पालकों ने स्कूल खोलने का किया समर्थन

हालांकि शासन-प्रशासन ऑनलाइन क्लास और मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन उसके न तो इतने अच्छे परिणाम सामने आए हैं और न ही पालक इसे लेकर संतुष्ट हैं. नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने से पहले स्कूल खुलने को लेकर हो रही सुगबुगाहट के बीच ईटीवी भारत ने बच्चों के पैरेंट्स और शिक्षकों से बात की है. ईटीवी भारत की टीम गरियाबंद जिले के चिखली, मजरकट्टा और डाक बंगला गांव पहुंची.

'बच्चों को पढ़ाई में मन नहीं लग रहा'

पैरेंट्स ने स्कूलों को खोलने का समर्थन करते हुए कहा कि स्कूल बंद होने से सिर्फ बच्चों कि पढ़ाई ही नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास रुक गया है. स्कूल बंद होने से बच्चों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. बच्चों को पढ़ाई में अब मन नहीं लग रहा है. सिर्फ जनरल प्रमोशन देने से काम नहीं होगा. 5वीं के छात्रों को तीसरी कक्षा का भी ज्ञान नहीं है. बच्चे अपनी पिछली पढ़ाई भी भूल गए हैं. स्कूल बंद होने से बच्चे मछली पकड़ने, आम तोड़ने और कई तरह के खेल खेलने निकल जाते हैं.

शिक्षक बोले- कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को पढाएंगे

स्कूल ड्रेस मामला: अफसरों ने जब्त किए नाले में बहते गणवेश, जांच शुरू

कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को पढ़ाएंगे

स्कूल बंद होने से शिक्षकों का भी मन नहीं लग रहा है. छात्रों के स्कूल नहीं आने पर शिक्षकों ने कहा, 'हम भी चाहते हैं कि स्कूल खुले. हालांकि इसका निर्णय सरकार लेगी. स्कूल खुलती है तो कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को पढाएंगे. स्कूल दो पालियों में लगनी चाहिए. हम बच्चों को पढ़ाएं मगर किसी की जान जोखिम में ना पड़े यह ज्यादा जरूरी है.' शिक्षकों ने कहा कि बिना बच्चों का स्कूल उन्हें काटने को दौड़ता है.

स्कूल खोलने का निर्णय सरकार लेगीः डीईओ

SPECIAL: प्रदेश के सबसे बड़े इस आम बगीचे में फलते हैं 1 हजार प्रकार के आम

स्कूल खोलने का निर्णय सरकार लेगीः डीईओ

गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल राम तांडे (Gariaband District Education Officer Bhopal Ram Tande) ने कहा कि स्कूल खोलने का निर्णय सरकार लेगी. गाइडलाइन भी वहीं बनेंगे. पालन अच्छे से हो यह हम सुनिश्चित करेंगे. बच्चों को मास्क और स्कूलों का सैनिटाइजेशन प्राथमिकता पर होगा. इसके बाद ही स्कूल में बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा. स्कूल अगर खुलते हैं तो बहुत सी सावधानियां बरती जाएंगी. सोशल डिस्टेंसिंग समेत सभी नियमों का पालन होगा. जिससे बच्चे कोरोना संक्रमित से दूर रहे.

कोरबा का गणवेश मामला: ETV भारत की खबर का असर, जांच रिपोर्ट में बाबू निकला दोषी

गरियाबंद: हर साल छत्तीसगढ़ में 16 जून से नए शिक्षा सत्र शुरू हो जाता था. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश की स्कूलों बीते 15 महीने से ताला लटका है. अब छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण (corona infection in chhattisgarh) के केस कम होने के साथ स्कूलों को एक बार फिर से खोलने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. पैरेंट्स के साथ शिक्षकों को भी इंतजार है कि इस बार स्कूलों में बच्चों की अठखेलियां और पढ़ाई करते दृश्य दिखे.

गरियाबंद में पालकों ने स्कूल खोलने का किया समर्थन

हालांकि शासन-प्रशासन ऑनलाइन क्लास और मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन उसके न तो इतने अच्छे परिणाम सामने आए हैं और न ही पालक इसे लेकर संतुष्ट हैं. नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने से पहले स्कूल खुलने को लेकर हो रही सुगबुगाहट के बीच ईटीवी भारत ने बच्चों के पैरेंट्स और शिक्षकों से बात की है. ईटीवी भारत की टीम गरियाबंद जिले के चिखली, मजरकट्टा और डाक बंगला गांव पहुंची.

'बच्चों को पढ़ाई में मन नहीं लग रहा'

पैरेंट्स ने स्कूलों को खोलने का समर्थन करते हुए कहा कि स्कूल बंद होने से सिर्फ बच्चों कि पढ़ाई ही नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास रुक गया है. स्कूल बंद होने से बच्चों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. बच्चों को पढ़ाई में अब मन नहीं लग रहा है. सिर्फ जनरल प्रमोशन देने से काम नहीं होगा. 5वीं के छात्रों को तीसरी कक्षा का भी ज्ञान नहीं है. बच्चे अपनी पिछली पढ़ाई भी भूल गए हैं. स्कूल बंद होने से बच्चे मछली पकड़ने, आम तोड़ने और कई तरह के खेल खेलने निकल जाते हैं.

शिक्षक बोले- कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को पढाएंगे

स्कूल ड्रेस मामला: अफसरों ने जब्त किए नाले में बहते गणवेश, जांच शुरू

कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को पढ़ाएंगे

स्कूल बंद होने से शिक्षकों का भी मन नहीं लग रहा है. छात्रों के स्कूल नहीं आने पर शिक्षकों ने कहा, 'हम भी चाहते हैं कि स्कूल खुले. हालांकि इसका निर्णय सरकार लेगी. स्कूल खुलती है तो कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को पढाएंगे. स्कूल दो पालियों में लगनी चाहिए. हम बच्चों को पढ़ाएं मगर किसी की जान जोखिम में ना पड़े यह ज्यादा जरूरी है.' शिक्षकों ने कहा कि बिना बच्चों का स्कूल उन्हें काटने को दौड़ता है.

स्कूल खोलने का निर्णय सरकार लेगीः डीईओ

SPECIAL: प्रदेश के सबसे बड़े इस आम बगीचे में फलते हैं 1 हजार प्रकार के आम

स्कूल खोलने का निर्णय सरकार लेगीः डीईओ

गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल राम तांडे (Gariaband District Education Officer Bhopal Ram Tande) ने कहा कि स्कूल खोलने का निर्णय सरकार लेगी. गाइडलाइन भी वहीं बनेंगे. पालन अच्छे से हो यह हम सुनिश्चित करेंगे. बच्चों को मास्क और स्कूलों का सैनिटाइजेशन प्राथमिकता पर होगा. इसके बाद ही स्कूल में बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा. स्कूल अगर खुलते हैं तो बहुत सी सावधानियां बरती जाएंगी. सोशल डिस्टेंसिंग समेत सभी नियमों का पालन होगा. जिससे बच्चे कोरोना संक्रमित से दूर रहे.

कोरबा का गणवेश मामला: ETV भारत की खबर का असर, जांच रिपोर्ट में बाबू निकला दोषी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.