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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए को बढ़त, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का दावा - MAHARASHTRA ELECTIONS 2024

कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव की तरह महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भी एमवीए को फायदा होगा.

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पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Nov 18, 2024, 7:53 PM IST

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि राज्य में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में एमवीए को बढ़त मिलेगी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति पर एमवीए को बढ़त मिली थी और विधानसभा चुनाव में भी यही बढ़त बरकरार रहेगी.

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को सभी 288 सीटों पर वोटिंग होगी और सोमवार को प्रचार अभियान समाप्त हो गया. चव्हाण ने ईटीवी भारत से कहा, "2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से राज्य में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, जिसमें एमवीए को 48 में से 30 सीटों के साथ भारी और निर्णायक जनादेश मिला था. लोकसभा चुनाव में हावी रहे मुद्दे खत्म नहीं हुए हैं. इस बार भी लोग उसकी पैटर्न पर वोट करेंगे. इसलिए एमवीए को फिर से महायुति पर बढ़त मिलेगी."

लोकसभा चुनाव की तरह, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने विधानसभा चुनाव में भी सामाजिक कल्याण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए गारंटी, जाति जनगणना पर विशेष जोर और आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को खत्म करना शामिल था.

चव्हाण ने कहा, "महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में हावी होने वाले मुद्दे विधानसभा चुनाव से पहले और भी तेज हो गए हैं. लोग भाजपा के शासन को लेकर खुश नहीं हैं. मतदाता सत्तारूढ़ गठबंधन से नाराज हैं क्योंकि उन्होंने वादे पूरे नहीं किए."

कराड से मौजूदा विधायक चव्हाण फिर से इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने अपने वादों को लेकर वित्तीय आकलन कर लिया है. सत्ता में आने पर हम अच्छे से प्रबंधन करेंगे. चुनावी वादों को पूरा करने में कोई समस्या नहीं होगी.

विभाजनकारी एजेंडे पर समावेशी एजेंडा भारी
चव्हाण ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति के भीतर भ्रम है. सत्तारूढ़ भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे पर विपक्षी दलों के समावेशी एजेंडे भारी पड़ रहे हैं, क्योंकि एमवीए के बीच एकता है और यही 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रमुख कारक साबित होगा.

कांग्रेस नेता ने कहा कि 'बटेंगे तो कटेंगे' और 'एक हैं तो सेफ हैं' जैसी टिप्पणियों ने मतदाताओं को याद दिलाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के पास उपलब्धियों के रूप में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है. वे केवल मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की अपनी पुरानी चाल का सहारा ले रहे हैं. लेकिन लोग समझदार हैं और ऐसी चालों को समझते हैं. उन्होंने कहा कि एमवीए ने अपने चुनाव प्रचार में लोगों से जुड़े मुद्दों और उन्हें हल करने की योजना के बारे में बात की.

संभावित सीटों की भविष्यवाणी करने से परहेज
पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने संभावित सीटों को लेकर किसी भी तरह की भविष्यवाणी करने से परहेज किया. हालांकि उन्होंने एमवीए के लिए बढ़त का दावा करते हुए कहा कि 23 नवंबर को परिणाम के दिन तक इंतजार करना बेहतर था.

सत्तारूढ़ गठबंधन में 'बेचैनी'
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात से सहमति जताई कि कुछ भाजपा नेताओं और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे के खिलाफ आवाज उठाई, जो सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर 'बेचैनी' को दिखाता है. उन्होंने कहा, "इस तरह की टिप्पणियों ने निश्चित रूप से सत्तारूढ़ गठबंधन को मुश्किल में डाल दिया है."

कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि एमवीए का संयुक्त प्रचार अभियान और जमीनी स्तर पर स्थानीय टीमों का समन्वय अच्छा रहा, जिससे एमवीए चुनाव से पहले लोगों तक अपनी बाद पहुंचने में काफी हद तक सफल रहा.

यह भी पढ़ें- पंजाब उपचुनाव: विवादित टिप्पणी कर फंसे पूर्व CM चरणजीत चन्नी, महिला आयोग ने भेजा नोटिस

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि राज्य में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में एमवीए को बढ़त मिलेगी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति पर एमवीए को बढ़त मिली थी और विधानसभा चुनाव में भी यही बढ़त बरकरार रहेगी.

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को सभी 288 सीटों पर वोटिंग होगी और सोमवार को प्रचार अभियान समाप्त हो गया. चव्हाण ने ईटीवी भारत से कहा, "2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से राज्य में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, जिसमें एमवीए को 48 में से 30 सीटों के साथ भारी और निर्णायक जनादेश मिला था. लोकसभा चुनाव में हावी रहे मुद्दे खत्म नहीं हुए हैं. इस बार भी लोग उसकी पैटर्न पर वोट करेंगे. इसलिए एमवीए को फिर से महायुति पर बढ़त मिलेगी."

लोकसभा चुनाव की तरह, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने विधानसभा चुनाव में भी सामाजिक कल्याण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए गारंटी, जाति जनगणना पर विशेष जोर और आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को खत्म करना शामिल था.

चव्हाण ने कहा, "महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में हावी होने वाले मुद्दे विधानसभा चुनाव से पहले और भी तेज हो गए हैं. लोग भाजपा के शासन को लेकर खुश नहीं हैं. मतदाता सत्तारूढ़ गठबंधन से नाराज हैं क्योंकि उन्होंने वादे पूरे नहीं किए."

कराड से मौजूदा विधायक चव्हाण फिर से इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने अपने वादों को लेकर वित्तीय आकलन कर लिया है. सत्ता में आने पर हम अच्छे से प्रबंधन करेंगे. चुनावी वादों को पूरा करने में कोई समस्या नहीं होगी.

विभाजनकारी एजेंडे पर समावेशी एजेंडा भारी
चव्हाण ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति के भीतर भ्रम है. सत्तारूढ़ भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे पर विपक्षी दलों के समावेशी एजेंडे भारी पड़ रहे हैं, क्योंकि एमवीए के बीच एकता है और यही 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रमुख कारक साबित होगा.

कांग्रेस नेता ने कहा कि 'बटेंगे तो कटेंगे' और 'एक हैं तो सेफ हैं' जैसी टिप्पणियों ने मतदाताओं को याद दिलाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के पास उपलब्धियों के रूप में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है. वे केवल मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की अपनी पुरानी चाल का सहारा ले रहे हैं. लेकिन लोग समझदार हैं और ऐसी चालों को समझते हैं. उन्होंने कहा कि एमवीए ने अपने चुनाव प्रचार में लोगों से जुड़े मुद्दों और उन्हें हल करने की योजना के बारे में बात की.

संभावित सीटों की भविष्यवाणी करने से परहेज
पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने संभावित सीटों को लेकर किसी भी तरह की भविष्यवाणी करने से परहेज किया. हालांकि उन्होंने एमवीए के लिए बढ़त का दावा करते हुए कहा कि 23 नवंबर को परिणाम के दिन तक इंतजार करना बेहतर था.

सत्तारूढ़ गठबंधन में 'बेचैनी'
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात से सहमति जताई कि कुछ भाजपा नेताओं और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे के खिलाफ आवाज उठाई, जो सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर 'बेचैनी' को दिखाता है. उन्होंने कहा, "इस तरह की टिप्पणियों ने निश्चित रूप से सत्तारूढ़ गठबंधन को मुश्किल में डाल दिया है."

कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि एमवीए का संयुक्त प्रचार अभियान और जमीनी स्तर पर स्थानीय टीमों का समन्वय अच्छा रहा, जिससे एमवीए चुनाव से पहले लोगों तक अपनी बाद पहुंचने में काफी हद तक सफल रहा.

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