गरियाबंद : जिले के मैनपुर का नवीन शासकीय महाविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. कॉलेज में साइंस और कॉमर्स की क्लास लेने के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है, जिसका खामियाजा यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है.
कॉलेज के प्रिंसिपल को शिक्षकों के न होने की वजह से मजबूर होकर छात्र-छात्राओं को घर में रहकर पढ़ने की सलाह देनी पड़ रही है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले छात्र अपने भविष्य को लेकर काफी परेशान हैं. चिंता करने की बात तो ये है कि इस कॉलेज में शिक्षकों के साथ-साथ चपरासी और भृत्य भी नहीं हैं.
भविष्य को लेकर परेशान हैं छात्र
शासकीय कॉलेज में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों सबजेक्ट संचालित हैं और यहां 125 किमी तक के दायरे में रहने वाले छात्र पढ़ने आते हैं. स्नातक के छात्रों का कहना है कि, 'घर में पढ़ाई तो हो जाती है, लेकिन जब कोई कठिनाई आ जाए तो बिना टीचर के इसे समझने में बड़ी दिक्कत होती है'.
कॉलेज में पढ़ने आते हैं कई गांव के छात्र
मैनपुर से 45 किमी दूर जिला मुख्यालय गरियाबंद में एक कॉलेज है और दूसरी तरफ 80 किमी दूर देवभोग में कॉलेज मौजूद है, यानि इनके बीच पड़ने वाले सैकड़ों गांव के छात्र पढ़ने के लिए नवीन शासकीय महाविद्यालय आते हैं.
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शासन-प्रशासन नहीं दे रहे ध्यान
प्राचार्य का कहना है कि, 'इस सत्र में शिक्षक की कमी को लेकर शासन को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक इसमें कोई ध्यान नहीं दिया गया है. जिस वजह से बच्चों को घर में रहकर पढ़ने की सूचना जारी की गई है और गेस्ट लेक्चरर के आने पर उन्हें वापस कॉलेज बुलाया जाएगा.'
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया ये सरकार का नारा है, लेकिन जब कॉलेज में शिक्षक ही नहीं होंगे तो देश का भविष्य कहे जाने वाले युवा कैसे पढ़ेंगे और कैसे आगे बढ़ेंगे.