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45 किलोमीटर पैदल चल किसानों ने प्रशासन को सुनाई समस्या

नागबेल के ग्रामीण गुरूवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे. ग्रामीणों ने यहां पहुंचकर कलेक्टर को धान खरीदी से संबंधित अपनी समस्या बताई और जल्द इसके निराकरण की मांग की.

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Published : Jan 29, 2021, 5:28 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 7:46 PM IST

problem in paddy purchase in gariaband
सड़क पर प्रदर्शन करते ग्रामीण

गरियाबंद: नक्सल प्रभावित क्षेत्र नागबेल के ग्रामीण 45 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर गरियाबंद कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट पहुंचकर ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर को धान नहीं बेच पाने की समस्या बताई. ग्रामीणों ने बताया कि उनका गांव वन ग्राम कहलाता है. वन अधिकार पत्र मिलने के बावजूद उनके उगाए गए धान की गिरदावरी ठीक ढंग से नहीं की गई. बहुत से किसानों का पंजीयन भी नहीं हुआ है. पंजीयन नहीं होने की वजह से ग्रामीण धान नहीं बेच पा रहे हैं.

ग्रामीणों ने की 45 किलोमीटर की पदयात्रा

ग्रामीणों ने 2 पटवारियों पर पैसे लेने का आरोप भी लगाया है. उनका कहना है कि एक पटवारी ने 500 और दूसरे ने 3 हजार रुपये ग्रामीणों से लिए. लेकिन पैसे देने के बाद भी गिरदावरी में उगाए गए धान का रकबा शून्य लिखा हुआ है.

problem in paddy purchase in gariaband
ग्रामीणों का प्रदर्शन

एसडीएम से की थी शिकायत

ग्रामीणों ने अपनी समस्या के बारे में 31 दिसंबर को एसडीएम को भी आवेदन दिया था. ग्रामीणों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी. ग्रामीण अब तक कई मांगो को अधिकारी और जिम्मेदारों के सामने रख चुके हैं. लेकिन अब तक ग्रामीणों की मांगें पूरी नहीं हो पाई है. न ही उनकी मांगों पर अब तक ढंग से सुनवाई हुई है.

problem in paddy purchase in gariaband
ग्रामीणों की पदयात्रा

पढ़ें: बेमेतरा: बेमौसम बारिश से धान खरीदी प्रभावित

अपर कलेक्टर ने कही जांच करने की बात

अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति क्यों बनी यह जांच का विषय है. पटवारियों पर पैसे लेने के आरोप पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी. अपर कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्या पर त्वरित संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार को इनके गांव रवाना कर दिया.

problem in paddy purchase in gariaband
कलेक्टर को समस्या के बारे में बताते ग्रामीण

निर्धारित तिथि के बाद भी की जाएगी खरीदी!

अपर कलेक्टर ने कहा कि यदि ये स्पष्ट होता है कि एक पूरा गांव धान बेचने से वंचित रह गया है, तो राज्य शासन से विशेष अनुमति लेकर निर्धारित तिथि खत्म होने के बाद भी इनका धान खरीदने का प्रयास किया जाएगा.

गरियाबंद: नक्सल प्रभावित क्षेत्र नागबेल के ग्रामीण 45 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर गरियाबंद कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट पहुंचकर ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर को धान नहीं बेच पाने की समस्या बताई. ग्रामीणों ने बताया कि उनका गांव वन ग्राम कहलाता है. वन अधिकार पत्र मिलने के बावजूद उनके उगाए गए धान की गिरदावरी ठीक ढंग से नहीं की गई. बहुत से किसानों का पंजीयन भी नहीं हुआ है. पंजीयन नहीं होने की वजह से ग्रामीण धान नहीं बेच पा रहे हैं.

ग्रामीणों ने की 45 किलोमीटर की पदयात्रा

ग्रामीणों ने 2 पटवारियों पर पैसे लेने का आरोप भी लगाया है. उनका कहना है कि एक पटवारी ने 500 और दूसरे ने 3 हजार रुपये ग्रामीणों से लिए. लेकिन पैसे देने के बाद भी गिरदावरी में उगाए गए धान का रकबा शून्य लिखा हुआ है.

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ग्रामीणों का प्रदर्शन

एसडीएम से की थी शिकायत

ग्रामीणों ने अपनी समस्या के बारे में 31 दिसंबर को एसडीएम को भी आवेदन दिया था. ग्रामीणों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी. ग्रामीण अब तक कई मांगो को अधिकारी और जिम्मेदारों के सामने रख चुके हैं. लेकिन अब तक ग्रामीणों की मांगें पूरी नहीं हो पाई है. न ही उनकी मांगों पर अब तक ढंग से सुनवाई हुई है.

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ग्रामीणों की पदयात्रा

पढ़ें: बेमेतरा: बेमौसम बारिश से धान खरीदी प्रभावित

अपर कलेक्टर ने कही जांच करने की बात

अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति क्यों बनी यह जांच का विषय है. पटवारियों पर पैसे लेने के आरोप पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी. अपर कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्या पर त्वरित संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार को इनके गांव रवाना कर दिया.

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कलेक्टर को समस्या के बारे में बताते ग्रामीण

निर्धारित तिथि के बाद भी की जाएगी खरीदी!

अपर कलेक्टर ने कहा कि यदि ये स्पष्ट होता है कि एक पूरा गांव धान बेचने से वंचित रह गया है, तो राज्य शासन से विशेष अनुमति लेकर निर्धारित तिथि खत्म होने के बाद भी इनका धान खरीदने का प्रयास किया जाएगा.

Last Updated : Jan 29, 2021, 7:46 PM IST
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