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देवभोग अस्पताल में बिजली वायरिंग ध्वस्त, जिला अस्पताल भेजी गई वैक्सीन की 6000 से अधिक डोज - Gariaband breaking news

जिले के देवभोग अस्पताल में 30 जुलाई से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगाए जाने वाले जरूरी टिके लगना बंद हो गया है.अस्पताल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के पीछे अस्पताल भवन की पुरानी और ध्वस्त हो चुकी वायरिंग को बताया जा रहा है.

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देवभोग अस्पताल
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Published : Aug 7, 2021, 4:53 PM IST

गरियाबंद: जिले के देवभोग अस्पताल में 30 जुलाई से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगाए जाने वाले जरूरी टिके लगना बंद हो गया है. इसके अलावा यहां अब कोरोना के टीके भी नहीं लग रहे हैं. अस्पताल में मलेरिया, सुगर के अलावा सारे जांच उपकरण ठप पड़े हैं. अस्पताल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के पीछे अस्पताल भवन की पुरानी और ध्वस्त हो चुकी वायरिंग को बताया जा रहा है.

20 साल पहले अस्पताल भवन में वायरिंग की गई थी, जो अब पुरानी हो गई है. पहले की लोड क्षमता की तुलना में अब अस्पताल के उपकरण की क्षमता 5 गुना ज्यादा बढ़ गई है. लोड बढ़ने के कारण सालभर से वायरिंग फाल्ट का सिलसिला शुरू हुआ. 26 जुलाई को इलेक्ट्रिकल सेक्शन में आग लग गई और सोलर सिस्टम भी खराब पड़ा हुआ है.

खनन माफियाओं पर पुलिस का शिकंजा, कोरबा में जब्त की रेत से भरी 4 ट्रालियां

अस्पताल में आ रही इन दिक्कतों के चलते विकासखंड मुख्यालय देवभोग के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वैक्सीन के लिए इंतजार और बच्चों को लगने वाले टीकों के लिए पहले से बताने पर ही वैक्सीन मंगवाई जा रही है. अस्पताल की खराब व्यवस्थाओं के चलते अस्पताल परिसर खाली नजर आ रहा है. लोगों में इसे लेकर खासी नाराजगी देखी जा रही है. उनका कहना है कि जब साल भर से बिजली की वायरिंग में परेशानियां आ रही थी तो इसके पूरे ठप होने का इंतजार क्यों किया गया. पहले से लाइन व्यवस्था दुरुस्त करने की पहल क्यों नहीं की गई.


अस्पताल में कोल्ड चेन पॉइंट बन्द हो गए हैं. लिहाजा टिके खराब न हो इस लिए अस्पताल प्रबंधन ने यंहा रखे 12 प्रकार के 6370 वैक्सीन की डोज को जिला अस्पताल के कोल्ड चेन में भेज दिया है. बिजली और पंखे के लिए जनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीएमएचओ ने नजदीकी कोल्ड चेन से टिके के डोज आइस बॉक्स में लेकर टिकाकरण जल्द ही चालू करवाने की बात कह रहे हैं.

गरियाबंद: जिले के देवभोग अस्पताल में 30 जुलाई से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगाए जाने वाले जरूरी टिके लगना बंद हो गया है. इसके अलावा यहां अब कोरोना के टीके भी नहीं लग रहे हैं. अस्पताल में मलेरिया, सुगर के अलावा सारे जांच उपकरण ठप पड़े हैं. अस्पताल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के पीछे अस्पताल भवन की पुरानी और ध्वस्त हो चुकी वायरिंग को बताया जा रहा है.

20 साल पहले अस्पताल भवन में वायरिंग की गई थी, जो अब पुरानी हो गई है. पहले की लोड क्षमता की तुलना में अब अस्पताल के उपकरण की क्षमता 5 गुना ज्यादा बढ़ गई है. लोड बढ़ने के कारण सालभर से वायरिंग फाल्ट का सिलसिला शुरू हुआ. 26 जुलाई को इलेक्ट्रिकल सेक्शन में आग लग गई और सोलर सिस्टम भी खराब पड़ा हुआ है.

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अस्पताल में आ रही इन दिक्कतों के चलते विकासखंड मुख्यालय देवभोग के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वैक्सीन के लिए इंतजार और बच्चों को लगने वाले टीकों के लिए पहले से बताने पर ही वैक्सीन मंगवाई जा रही है. अस्पताल की खराब व्यवस्थाओं के चलते अस्पताल परिसर खाली नजर आ रहा है. लोगों में इसे लेकर खासी नाराजगी देखी जा रही है. उनका कहना है कि जब साल भर से बिजली की वायरिंग में परेशानियां आ रही थी तो इसके पूरे ठप होने का इंतजार क्यों किया गया. पहले से लाइन व्यवस्था दुरुस्त करने की पहल क्यों नहीं की गई.


अस्पताल में कोल्ड चेन पॉइंट बन्द हो गए हैं. लिहाजा टिके खराब न हो इस लिए अस्पताल प्रबंधन ने यंहा रखे 12 प्रकार के 6370 वैक्सीन की डोज को जिला अस्पताल के कोल्ड चेन में भेज दिया है. बिजली और पंखे के लिए जनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीएमएचओ ने नजदीकी कोल्ड चेन से टिके के डोज आइस बॉक्स में लेकर टिकाकरण जल्द ही चालू करवाने की बात कह रहे हैं.

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