गरियाबंद/बीजापुर: छत्तीसगढ़ में चक्रवाती तूफान मिचोंग का असर दिख रहा है. प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है. इस बीच धान खरीदी केन्द्रों में समितियों के लिए धान को सूखा और सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती है. छत्तीसगढ़ के कई धान खरीदी केन्द्रों में धान रखरखाव के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने से कई जगहों पर धान भीग चुका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी समितियों को लाखों का नुकसान हो सकता है.
गरियाबंद में बारिश से धान खरीदी प्रभावित: जिले में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है. किसान इससे खासा परेशान हैं. वहीं, धान खरीदी केन्द्रों में पड़े धान की स्थिति बदतर होती चली जा रही है. हालांकि प्रशासन की ओर से धान को ढकने के लिए तिरपाल की व्यवस्था की गई है. लेकिन व्यवस्था पर्याप्त न होने के कारण निचले हिस्से में रखा धान भीग रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी: इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि "इसकी भरपाई धान खरीदी करने वालों से की जाएगी, उनकी राशि से कटौती होगी." किसान इसलिए भी परेशान हैं कि खलिहान में जो धान पड़ा है, वह भी लगातार भीग रहा है. जिले में अब तक 1 लाख 67 हजारो मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. वहीं, 61 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है.
बीजापुर में भी दिखा असर: बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात मिचोंग का असर बीजापुर में भी देखने को मिल रहा है. तेज ठंडी हवा के साथ कई क्षेत्रों में बारिश हो रही है. इसका असर धान की फसल पर पड़ रहा है. इस बार बीजापुर में धान की खेती अधिक हुई है. हालांकि बारिश के कारण धान की फसल तो बर्बाद हो ही रही है. साथ ही धान खरीदी केन्द्रों में रखे धान में भी नमी आने लगी है. इस बीच बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी भी किसानों से मिलने पहुंचे. यहां उन्होंने किसानों से बातचीत की.
बेमौसम बारिश से धान खरीदी प्रभावित: बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान तिहार की शुरुआत 1 नवंबर हो चुकी है. वहीं, कई किसानों ने पहले ही धान खरीदी केन्द्रों में धान बेच दिए हैं. वहीं, कई किसानों ने धान की कटाई भी नहीं की है. 31 जनवरी से पहले छत्तीसगढ़ के किसानों से बायोमेट्रिक सिस्टम से धान की खरीदी की जाएगी. इसके लिए प्रशासन की ओर से हर क्षेत्र में खास तैयारी की गई है.