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गरियाबंद: कार और बाइक से ढोई जा रही थी रेत, ऐसा न होता तो खेल न खुलता

आरटीआई के जरिए रेत परिवहन में बड़े भ्रष्ट्राचार का खुलासा हुआ है.

रेत का अवैध उत्खनन
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Published : May 29, 2019, 1:33 PM IST

गरियाबंद: रेत को ट्रकों और ट्रैक्टरों में भरकर ढुलाई करते तो आपने अक्सर देखा और सुना होगा, लेकिन क्या आपने बाइक और कार से रेत की ढुलाई के बारे में सुना और देखा है.

कागजों पर बाइक और कार से ढोई गई रेत


बाइक और कार से ढोई गई रेत
आप सोच रहे होंगे भला बाइक और कार से रेत कौन ढोता है. गरियाबंद के रेत माफिया ने यह अनोखा कारनामा कर दिखाया है. फिंगेश्वर विकासखंड की कोपरा पंचायत के कुछ ग्रामीण इन दिनों चिलचिलाती धूप में दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.


ग्रामीणों ने जमा किए दस्तावेज
ग्रामीणों का दावा है कि उनके गॉव में संचालित रेत खदान में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. भ्रष्टाचार को सामने लाने के लिए ग्रामीणों ने पहले तो सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज जमा किए और फिर विभाग के अफसरों को सौंप दिए.


दोषियों पर नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों से मिले दस्तावेजों की जांच के दौरान भ्रष्टाचार की बात सामने आई, बावजूद इसके प्रशासन ने अब तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. ग्रामीणों के मुताबिक रेत माफिया ने बाइक और कार से रेत परिवहन दिखाकर शासन को रायलटी के नाम पर लाखों रुपये का चुना लगाया है.


जिम्मेदार स्वीकार रहे गलती
रेत खदान संचालित करने वाली ग्राम पंचायत के जिम्मेदार भी गलती होने की बात स्वीकार कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार से इंकार किया है. जिम्मेदारों का दावा है कि जो गड़बड़ी सामने आयी है वह इक्का-दुक्का रायलटी में ही है, यदि उनकी मंशा भ्रष्टाचार करने की होती तो शायद वे बडे पैमाने पर इस तरह की गड़बड़ी करके मुनाफा कमाने की सोचते.


कार्रवाई का दिया भरोसा
अफसरों के मुताबिक ट्रक मालिकों की ओर से अपने वाहनों का गलत नंबर बताने के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है. वहीं जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.


कब होगी कार्रवाई
अब देखने वाली बात ये है कि ग्रामीणों की ओर से भ्रष्टाचार के तमाम दस्तावेज देने के बाद भी जिला प्रशासन इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करता है.

गरियाबंद: रेत को ट्रकों और ट्रैक्टरों में भरकर ढुलाई करते तो आपने अक्सर देखा और सुना होगा, लेकिन क्या आपने बाइक और कार से रेत की ढुलाई के बारे में सुना और देखा है.

कागजों पर बाइक और कार से ढोई गई रेत


बाइक और कार से ढोई गई रेत
आप सोच रहे होंगे भला बाइक और कार से रेत कौन ढोता है. गरियाबंद के रेत माफिया ने यह अनोखा कारनामा कर दिखाया है. फिंगेश्वर विकासखंड की कोपरा पंचायत के कुछ ग्रामीण इन दिनों चिलचिलाती धूप में दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.


ग्रामीणों ने जमा किए दस्तावेज
ग्रामीणों का दावा है कि उनके गॉव में संचालित रेत खदान में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. भ्रष्टाचार को सामने लाने के लिए ग्रामीणों ने पहले तो सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज जमा किए और फिर विभाग के अफसरों को सौंप दिए.


दोषियों पर नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों से मिले दस्तावेजों की जांच के दौरान भ्रष्टाचार की बात सामने आई, बावजूद इसके प्रशासन ने अब तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. ग्रामीणों के मुताबिक रेत माफिया ने बाइक और कार से रेत परिवहन दिखाकर शासन को रायलटी के नाम पर लाखों रुपये का चुना लगाया है.


जिम्मेदार स्वीकार रहे गलती
रेत खदान संचालित करने वाली ग्राम पंचायत के जिम्मेदार भी गलती होने की बात स्वीकार कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार से इंकार किया है. जिम्मेदारों का दावा है कि जो गड़बड़ी सामने आयी है वह इक्का-दुक्का रायलटी में ही है, यदि उनकी मंशा भ्रष्टाचार करने की होती तो शायद वे बडे पैमाने पर इस तरह की गड़बड़ी करके मुनाफा कमाने की सोचते.


कार्रवाई का दिया भरोसा
अफसरों के मुताबिक ट्रक मालिकों की ओर से अपने वाहनों का गलत नंबर बताने के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है. वहीं जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.


कब होगी कार्रवाई
अब देखने वाली बात ये है कि ग्रामीणों की ओर से भ्रष्टाचार के तमाम दस्तावेज देने के बाद भी जिला प्रशासन इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करता है.

Intro:स्लग---भ्रष्टाचार
एंकर----रेत को ट्रको और ट्रक्टरों में भरकर ढुलाई करते तो आपने अक्सर देखा और सुना होगा मगर मोटरसायकिल और कार में परिवहन करते शायद ना कभी सुना होगा और ना कभी देखा होगा, मगर गरियाबंद जिले में ऐसा कारनामा सामने आया है, रेत माफियाओं ने भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए इस कारनामे का अंजाम दिया है, मामले में सबसे अहम बात ये है कि भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नही हो रही है।
Body:वीओ 1-----फिंगेश्वर विकासखंड की कोपरा पंचायत के कुछ ग्रामीण इन दिनों चिलचिलाती धूप में दफ्तरों के चक्कर काटते घूम रहे है, ग्रामीणों का दावा है कि उनके गॉव में संचालित रेत खदान में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए ग्रामीणों ने पहले तो सुचना के अधिकार के तहत दस्तावेज इकट्टे किये और फिर कार्यवाही के लिए अधिकारी को सौंप दिये, जिला प्रशासन द्वारा करायी गयी जॉच में भी भ्रष्टाचार होने की बात सामने आ चुकी है, मगर उसके बाद भी दोषियों पर अबतक कोई कार्यवाही नही हुयी, ग्रामीणों के मुताबिक माफियाओं ने मोटरसायकिल और कार से रेत परिवहन दिखाकर शासन को रायलटी के नाम पर लाखों रुपये का चुना लगाया है।
बाइट 1----राजेश यादव, शिकायतकर्ता............
बाइट 2---होरीलाल साहू, शिकायतकर्ता.............
बाइट 3----डिगेश्वर यादव, शिकायतकर्ता..........
वीओ 2----रेत खदान संचालित करने वाली ग्राम पंचायत के जिम्मेदार भी त्रुटि होने की बात स्वीकार कर रहे है, मगर अपनी सफाई देते हुए किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार से इंकार कर रहे है, जिम्मेदारों का दावा है कि जो गडबडी सामने आयी है वह इक्का दुक्का रायलटी में ही है, यदि उनकी मंशा भ्रष्टाचार करने की होती तो शायद वे बडे पैमाने पर इस तरह की गडबडी करके मुनाफा कमाने की सोचते, उनके मुताबिक ट्रक मालको द्वारा अपने वाहनों का गलत नंबर बताने के कारण ये स्थिति निर्मित हुयी है, वही जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।

बाइट 4-----आरके खुंटे, सीईओ, जिला पंचायत..............
फाईनल-----प्रदेश में रेत माफियाओं की दबंगई किसी से छुपी नही है, आम जनता हो या फिर प्रशासन रेत माफिया आमतौर पर सभी को ठेंगा दिखाते रहे है, ताज्जूब की बात तो ये है कि कई बार प्रशासन भी इनके सामने बोना नजर आता है, अब देखने वाली बात ये है कि ग्रामीणों द्वारा भ्रष्टाचार के तमाम दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद अब जिला प्रशासन इस मामले में कब तक और क्या कार्यवाही करता है।Conclusion:
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